ETV Bharat / state

10 रुपये किलो तक बिक रहा है सिरमौरी अदरक, परेशान किसानों ने समर्थन मूल्य की उठाई मांग - हिमाचल प्रदेश हिन्दी न्यूज

सिरमौर जिला को अदरक की खेती के लिए जाना जाता है. यहां पर शिलाई, रेणुका, राजगढ़ सहित अनेक क्षेत्रों में अदरक की व्यावसायिक खेती की जाती है. इस वर्ष जिला में अदरक की फसल अच्छी हुई है, लेकिन किसानों को इसके सही दाम नहीं मिल रहे हैं. इसी को लेकर सीपीआईएम जिला सिरमौर कमेटी ने इसके समर्थन मूल्य की मांग उठाई है.

अदरक
अदरक
author img

By

Published : Dec 17, 2020, 5:00 PM IST

नाहन: सिरमौर जिला को अदरक की खेती के लिए जाना जाता है. यहां पर शिलाई, रेणुका, राजगढ़ सहित अनेक क्षेत्रों में अदरक की व्यावसायिक खेती की जाती है. इस वर्ष जिला में अदरक की फसल अच्छी हुई है, लेकिन किसानों को इसके सही दाम नहीं मिल रहे हैं. इसी को लेकर सीपीआईएम जिला सिरमौर कमेटी ने इसके समर्थन मूल्य की मांग उठाई है. पार्टी के मुताबिक किसानों को उचित दाम न मिलने से उनकी आर्थिकी गड़बड़ा गई है और सरकार इस ओर कदम उठाए. साथ ही इसका समर्थन मूल्य घोषित करें, ताकि किसानों को नुकसान से बचाया जा सके.

सीपीआईएम के जिला सचिव राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि पहले ही अदरक का मुद्दा उठाया गया था. जिला सिरमौर को अदरक उत्पादक जिला माना जाता है और करीब 50 हजार के आसपास लोग हैं, जिन्होंने अदरक को उगाया हुआ है. मगर किसानों को अदरक के दाम सही नहीं मिल रहे हैं और मात्र 10 रुपए के हिसाब से अदरक बेचा जा रहा है.

वीडियो.

एफसीआई के माध्यम से अदरक को खरीदा जाए

सीपीआईएम ने इस पर चिंता जताई है. राजेंद्र ठाकुर ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि एफसीआई के माध्यम से अदरक को खरीदा जाए. साथ ही सरकार अदरक का समर्थन मूल्य भी घोषित किया जाए. सीपीआईएम ने आरोप लगाया कि चुनाव में राजनैतिक पार्टी मशगूल हैं, लेकिन किसानों की किसी को चिंता नहीं है. अदरक को लेकर किसानों की स्थिति खराब है. लिहाजा सरकार इस और ध्यान दें और अदरक का समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाए.

10 रुपए किलो तक पहुंचे दाम

वहीं, सीपीआईएम जिला कमेटी के सदस्य लाल सिंह ने कहा कि जिला सिरमौर में अदरक और लहसून मुख्य खेती है, लेकिन आज हालात यह है कि अदरक के दाम बेहद कम है. 10 रूपए किलो तक के दाम किसानों को मिल रहे हैं. सही दाम न मिलने से किसान परेशान है. उन्होंने कहा कि सरकार से मांग है कि अदरक ही नहीं लहसून सहित अन्य फसल सब्जियों का भी समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाना चाहिए. प्रोसेसिंग यूनिट न होने के कारण भी किसान परेशान है. जिला कमेटी ने यह भी ऐलान किया कि यदि सरकार ने किसानों को पेश आ रही समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो मजबूरन पार्टी को किसानों के साथ मिलकर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.

पढ़ें: हिमालयन सीरो के बाद अब लाहौल घाटी में नजर आया दुर्लभ कस्तूरी मृग

नाहन: सिरमौर जिला को अदरक की खेती के लिए जाना जाता है. यहां पर शिलाई, रेणुका, राजगढ़ सहित अनेक क्षेत्रों में अदरक की व्यावसायिक खेती की जाती है. इस वर्ष जिला में अदरक की फसल अच्छी हुई है, लेकिन किसानों को इसके सही दाम नहीं मिल रहे हैं. इसी को लेकर सीपीआईएम जिला सिरमौर कमेटी ने इसके समर्थन मूल्य की मांग उठाई है. पार्टी के मुताबिक किसानों को उचित दाम न मिलने से उनकी आर्थिकी गड़बड़ा गई है और सरकार इस ओर कदम उठाए. साथ ही इसका समर्थन मूल्य घोषित करें, ताकि किसानों को नुकसान से बचाया जा सके.

सीपीआईएम के जिला सचिव राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि पहले ही अदरक का मुद्दा उठाया गया था. जिला सिरमौर को अदरक उत्पादक जिला माना जाता है और करीब 50 हजार के आसपास लोग हैं, जिन्होंने अदरक को उगाया हुआ है. मगर किसानों को अदरक के दाम सही नहीं मिल रहे हैं और मात्र 10 रुपए के हिसाब से अदरक बेचा जा रहा है.

वीडियो.

एफसीआई के माध्यम से अदरक को खरीदा जाए

सीपीआईएम ने इस पर चिंता जताई है. राजेंद्र ठाकुर ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि एफसीआई के माध्यम से अदरक को खरीदा जाए. साथ ही सरकार अदरक का समर्थन मूल्य भी घोषित किया जाए. सीपीआईएम ने आरोप लगाया कि चुनाव में राजनैतिक पार्टी मशगूल हैं, लेकिन किसानों की किसी को चिंता नहीं है. अदरक को लेकर किसानों की स्थिति खराब है. लिहाजा सरकार इस और ध्यान दें और अदरक का समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाए.

10 रुपए किलो तक पहुंचे दाम

वहीं, सीपीआईएम जिला कमेटी के सदस्य लाल सिंह ने कहा कि जिला सिरमौर में अदरक और लहसून मुख्य खेती है, लेकिन आज हालात यह है कि अदरक के दाम बेहद कम है. 10 रूपए किलो तक के दाम किसानों को मिल रहे हैं. सही दाम न मिलने से किसान परेशान है. उन्होंने कहा कि सरकार से मांग है कि अदरक ही नहीं लहसून सहित अन्य फसल सब्जियों का भी समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाना चाहिए. प्रोसेसिंग यूनिट न होने के कारण भी किसान परेशान है. जिला कमेटी ने यह भी ऐलान किया कि यदि सरकार ने किसानों को पेश आ रही समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो मजबूरन पार्टी को किसानों के साथ मिलकर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.

पढ़ें: हिमालयन सीरो के बाद अब लाहौल घाटी में नजर आया दुर्लभ कस्तूरी मृग

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.