राजगढ़: अपनी कड़ी मेहनत और लगन के साथ कोई भी व्यक्ति हर असंभव कार्य को भी संभव बना कर अपनी मंजिल पा ही लेता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया पझौता घाटी के ग्राम पंचायत जदोल टपरोली के जोगिंद्र सिंह ने. मधुमक्खी पालन से जोगिंद्र सिंह मधुमक्खी पालन से के आर्थिक स्थिति में एक नया बदलाव आया. यह बदलाव प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही 'मुख्यमंत्री मधु विकास' योजना से संभव हो पाया है.
मुख्यमंत्री मधु विकास योजना को दिया श्रेय
जोगिंद्र सिंह ने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति कुछ कर गुजरने की इच्छा रखता है तो उसे उस कार्य में अवश्य ही कामयाबी हासिल होती है. इस कामयाबी का श्रेय उन्होंने 'मुख्यमंत्री मधु विकास' योजना को दिया है. इस योजना के तहत प्रदेश के किसानों व बागवानों और ग्रामीण बेराजगार लोगों को स्वरोजगार का बेहतर विकल्प उनके घर-द्वार पर ही उपलब्ध हो रहा है.
निःशुल्क प्रशिक्षण के बाद उद्यान विभाग में किया था आवेदन
जोगिंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी में वैज्ञानिकों से मौन पालन पर एक महीना 10 दिन का निःशुल्क प्रशिक्षण व उत्तम तकनीक की जानकारी हासिल की. इसके बाद उन्होंने मौन पालन के लिए उद्यान विभाग के कार्यालय राजगढ़ में आवेदन दिया.
मधुमक्खी पालन फायदे का व्यवसाय
वर्ष 2019 में उद्यान विभाग राजगढ़ द्वारा मुख्यमंत्री मधु विकास योजना के तहत उन्हें तीन लाख रुपये की अनुदान सहायता राशि प्रदान की गई. उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन बहुत फायदे का व्यवसाय है और यदि इस व्यवसाय को कड़ी मेहनत व लगन और अच्छी देखभाल के साथ किया जाए तो बहुत अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.
साल में 4 लाख की आमदनी
जोगिंद्र सिंह ने कहा कि 300 मौनवंश से साल में पांच से छह क्विंटल शहद प्राप्त हुआ है, जिससे उन्हें चार लाख रुपये सालाना आय प्राप्त हुई है. उन्होंने बताया कि दिसंबर और जनवरी महीने में सरसों के फूलों से ज्यादा मात्रा में शहद प्राप्त होता है. मौनवंशों को मौसम के अनुसार हिमाचल के कुल्लू व अन्य राज्यों में राजस्थान, उतराखंड, पंजाब, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और हरियाणा के रेवाड़ी इत्यादि स्थानों पर ले जाते हैं.
मुख्यमंत्री का जताया आभार
उन्होंने कहा कि खेती-बाड़ी से जितनी आय दो से तीन सालों में होती है उससे दोगुनी आय अब मधुमक्खी पालन से एक साल में ही होने से उनका परिवार काफी खुश है. प्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगार लोगों व ग्रामीणों के हित व कल्याण के लिए आरम्भ की गई इस योजना का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया है.
ऐसे करें आवेदन
'मुख्यमंत्री मधु विकास' योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक किसानों व बागवानों को जिला स्तर पर जिला उप-निदेशक उद्यान व खंड स्तर पर उद्यान विकास अधिकारी के कार्यालय में आवेदन करना होता है. तकनीकी व अन्य पहलुओं की समीक्षा के बाद उन्हें विभाग की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. 'मुख्यमंत्री मधु विकास' योजना मौनपालकों के लिए जहां स्वरोजगार के लिए वरदान साबित हो रही है, वहीं विभिन्न बागवानी व कृषि फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए भी यह योजना सहायक सिद्व हो रही है.