नाहन: दाह संस्कार के बाद अब कोरोना संक्रमित मरीज की अस्थियां विसर्जित कर आरएसएस ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है. बुधवार को पूरे विवि विधान के साथ स्वयं सेवकों ने नाहन के समीप मारकंडा नदी में मृतक की अस्थियों का विसर्जन किया. पीड़ित परिवार के आग्रह पर पहले दाह संस्कार और अब अस्थि विसर्जन का कार्य स्वयं सेवकों द्वारा किया गया.
कोरोना से हुई थी मौत
बता दें कि 8 मई शाम को यूपी के लखनऊ से संबंध रखने वाले 35 वर्षीय एक व्यक्ति ने कोरोना संक्रमण के चलते नाहन के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया था. लिहाजा मृतक के 73 वर्षीय बुजुर्ग पिता चाहते थे कि उनके बेटे का अंतिम संस्कार नाहन में ही किया जाए. बुजुर्ग के साथ उनकी पुत्रवधू के अलावा 3 साल की पोती थी.
कोविड प्रोटोकॉल के साथ किया गया था अंतिम संस्कार
ऐसे में उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि वह अपने बेटे का अंतिम संस्कार कैसे करें. इसी बीच परिवार की व्यथा को समझते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवकों द्वारा इस परिवार से संपर्क किया गया. इसके बाद 9 मई को स्वयं सेवकों द्वारा नाहन के बंकूवाला में स्थित शिव धाम में मृतक का उसके पिता की मौजूदगी में पूरे कोविड प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार की सारी जिम्मेदारी स्वयं सेवकों द्वारा निभाई गई.
परिवार ने किया था आग्रह
अंतिम संस्कार के बाद परिवार ने स्वयं सेवकों से मृतक हिमांशु की अस्थियां विसर्जित करने का भी आग्रह किया था, जिसके बाद बुधवार को स्वयं सेवकों द्वारा अस्थियां एकत्रित कर उसका मारकंडा नदी में पूरे विधि विधान के साथ विसर्जन कर पुनः मानवता की मिसाल पेश की गई.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नाहन इकाई के प्रमुख मानव शर्मा ने बताया कि अंतिम संस्कार के बाद परिवार लखनऊ लौट गया था. साथ ही अस्थियां विसर्जन का भी आग्रह किया था. इसके बाद बुधवार को स्वयं सेवकों द्वारा पूरे विधि विधान के साथ मृतक की अस्थियां मारकंडा नदी में विसर्जित की गई. उन्होंने बताया कि इससे पहले कोरोना संक्रमण के चलते दम तोड़ने वाले उक्त व्यक्ति का अंतिम संस्कार का दायित्व भी स्वयं सेवकों द्वारा ही निभाया गया था. इस दौरान सह नगर कार्यवाह ओम प्रकाश, सेवा प्रमुख तेज राम, सुधित तिवारी मौजूद रहे.
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