पांवटा साहिब: प्रदेश में लॉकडाउन में बंद किए गए धार्मिक स्थलों को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है. इन स्थलों पर लोगों की चहल-कदमी भी शुरू हो गई है. इसके चलते ऐतिहासिक गुरुद्वारा पांवटा साहिब में भी श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. यहां दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, अमृतसर, उत्तराखंड और चंडीगढ़ से लोग घूमने के लिए पहुंच रहे हैं.
दिल्ली से पांवटा साहिब पहुंचे एक परिवार ने बताया कि उन्हें 6 महीने बाद बाहर जाने का मौका मिला है. कोरोना की वजह से इतने समय तक घर से बाहर नहीं निकल रहे थे. वहीं, यहां गुरुद्वारा आकर उन्हें काफी सुकून मिला है. पर्यटक व श्रद्धालुओं से आग्रह भी किया जा रहा है कि अपने पास मास्क और सेनिटाइजर रखें. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, ताकि कोरोना संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके.
श्रद्धालुओं ने कहा कि गुरुद्वारा में हर तरह के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. श्रद्धालुओं के लिए गेट पर ही सेनिटाइजर मशीन लगाई गई है. सरकार की गाइड लाइन का यहां पर पूरा पालन किया जा रहा है. वहीं, दुकानदारों का कहना है कि भले ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है, लेकिन इंटर स्टेट बसें शुरू ना होने तक ज्यादा श्रद्धालु नहीं पहुंचेंगे. इससे उनकी आमदनी कम होती रहेगी. लॉकडाउन में घर का खर्च चलाने में बहुत परेशानी हुई.
पांवटा साहिब ऐतिहासिक गुरुद्वारा के उप प्रधान हरभजन सिंह ने बताया कि 6 महीनों के बाद अब श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है. गुरुद्वारा में हर तरह का पुख्ता इंतजाम है. रोजाना हजार लोगों का यहां पर लंगर लग रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया जा रहा है. साथ ही सरकार की दी गई गाइडलाइन के अनुसार यहां पर काम किया जा रहा है.
हरभजन सिंह ने कहा कि अभी यहां पर लोगों के ठहराव पर प्रतिबंध है. इसलिए यहां पर श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं और शीश झुका कर वापस चले जाते हैं.
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