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सिरमौर को निराश्रित पशु रहित जिला बनाने का प्रयास, DC ने लोगों से की ये अपील - निराश्रित पशु रहित जिला सिरमौर

डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि सिरमौर जिला को निराश्रित पशु रहित जिला बनाने के प्रयास शुरू हो गए हैं. प्रशासन का प्रयास है कि आगामी दो अक्तूबर तक जिला को निराश्रित पशु रहित जिला बनाया जा सके, लेकिन यह आमजन की सहभागिता के बिना संभव नहीं है.

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Published : Sep 12, 2020, 5:49 PM IST

नाहन: सिरमौर जिला को निराश्रित पशु रहित जिला बनाने के प्रयास शुरू हो गए हैं. प्रशासन का प्रयास है कि आगामी दो अक्तूबर तक जिला को निराश्रित पशु रहित जिला बनाया जा सके, लेकिन यह आमजन की सहभागिता के बिना संभव नहीं है. लिहाजा सिरमौर प्रशासन ने जिलावासियों से इस दिशा में सहयोग की अपील की है.

डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने कहा कि सड़कों पर आवारा पशु छोड़ने की जो यह प्रवृति है, वह बिल्कुल गलत है. उन्होंने बताया कि जिला में अभी 10 गौशालाएं हैं और एक काउ सेंच्यूरी है. प्रशासन का प्रयास है कि दो अक्तूबर तक जिला को निराश्रित पशु रहित किया जाए और जिला में कोई भी ऐसा पशु न हो जो सड़कों पर घूमता हुआ मिले.

वीडियो.

डीसी सिरमौर ने कहा कि जिला में जितनी भी गऊशालाएं हैं, उनकी क्षमता का भी आंकलन किया जा रहा है. आवारा पशुओं की समस्या से निजात पाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गौशालाओं में हर एक आवारा पशु के लिए प्रतिमाह 500 रूपए देने की घोषणा की है. उन्होंने इस दिशा में जिलावासियों से सहयोग की अपील की है, ताकि जिला को दो अक्तूबर तक निराश्रित पशु रहित किया जा सके.

कुल मिलाकर सिरमौर प्रशासन जिला को निराश्रित पशु रहित जिला बनाने को लेकर कार्य में जुट गया है0 अब देखना यह होगा कि इस दिशा में प्रशासन को कितनी कामयाबी मिलती है.

पढ़ें: 'उड़ता पंजाब' बना हिमाचल, लड़की बोली- मुझे चिट्टा दो नहीं तो मैं मर जाऊंगी

नाहन: सिरमौर जिला को निराश्रित पशु रहित जिला बनाने के प्रयास शुरू हो गए हैं. प्रशासन का प्रयास है कि आगामी दो अक्तूबर तक जिला को निराश्रित पशु रहित जिला बनाया जा सके, लेकिन यह आमजन की सहभागिता के बिना संभव नहीं है. लिहाजा सिरमौर प्रशासन ने जिलावासियों से इस दिशा में सहयोग की अपील की है.

डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने कहा कि सड़कों पर आवारा पशु छोड़ने की जो यह प्रवृति है, वह बिल्कुल गलत है. उन्होंने बताया कि जिला में अभी 10 गौशालाएं हैं और एक काउ सेंच्यूरी है. प्रशासन का प्रयास है कि दो अक्तूबर तक जिला को निराश्रित पशु रहित किया जाए और जिला में कोई भी ऐसा पशु न हो जो सड़कों पर घूमता हुआ मिले.

वीडियो.

डीसी सिरमौर ने कहा कि जिला में जितनी भी गऊशालाएं हैं, उनकी क्षमता का भी आंकलन किया जा रहा है. आवारा पशुओं की समस्या से निजात पाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गौशालाओं में हर एक आवारा पशु के लिए प्रतिमाह 500 रूपए देने की घोषणा की है. उन्होंने इस दिशा में जिलावासियों से सहयोग की अपील की है, ताकि जिला को दो अक्तूबर तक निराश्रित पशु रहित किया जा सके.

कुल मिलाकर सिरमौर प्रशासन जिला को निराश्रित पशु रहित जिला बनाने को लेकर कार्य में जुट गया है0 अब देखना यह होगा कि इस दिशा में प्रशासन को कितनी कामयाबी मिलती है.

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