नाहन: चाहे सिर में दर्द रहता हो या गले में, घुटनों में दर्द हो या पैरों में. इस तरह के दर्द से अब चंद मिनटों में ही छुटकारा मिलेगा. इसके लिए न अस्पताल में दाखिल होने की जरूरत है और न ही दर्द निवारक गोलियां लेने की मजबूरी. अब कूल्ड रेडियो फ्रीक्वेंसी मशीन की विधि से मरीजों का ईलाज संभव होगा. दरअसल स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह अच्छी खबर सिरमौर जिला के लोगों के लिए हैं. डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन में यह कूल्ड रेडियो फ्रीक्वेंसी मशीन स्थापित कर दी गई है. ऐसे में इस मशीन के जरिये इलाज से अब लगभग सभी तरह के दर्द से निजात मिल पाएगी. करीब 50 लाख रुपये की लागत से यह अति आधुनिक मशीन मेडिकल कॉलेज में स्थापित कर दी गई है.
पेन क्लीनिक में मशीन स्थापित: प्रबंधन का दावा है कि प्रदेश में किसी भी सरकारी अस्पताल में कूल्ड रेडियो फ्रीक्वेंसी मशीन की सुविधा मौजूद नहीं है. आईजीएमसी शिमला में प्लेन रेडियो फ्रीक्वेंसी मशीन से मरीजों का इलाज किया जा रहा है. प्लेन की बजाय कूल्ड रेडियो फ्रीक्वेंसी मशीन से मरीज को ज्यादा आराम आएगा. ऐसे में नाहन में कूल्ड रेडियो फ्रीक्वेंसी मशीन प्रदेश की यह पहली मशीन होगी. मेडिकल कॉलेज में यह मशीन पेन क्लीनिक में स्थापित की गई हैं, जहां पर दर्द का बढ़िया ईलाज होगा. यह क्लीनिक डा. गिरिश शर्मा के नेतृत्व में निश्चेतन विभाग के माध्यम से चलाया जाएगा.
कैसे होगा दर्द का इलाज: अल्ट्रासाउंड एवं एक्सरे मशीन की निगरानी में दर्द वाली जगह में खास किस्म की सूई को डाला जाता है. उसके बाद इस मशीन के तापमान के माध्यम से दर्द वाली ले जाने वाली नस को सुन्न कर दिया जाता है, जिससे मरीज को दर्द में आराम मिल जाता है.
इस विधि से इलाज के साइड इफेक्ट नहीं: विशेषज्ञों की मानें तो किसी भी दर्द के लंबे समय तक रहने पर अमूमन दर्द निवारक दवाओं का असर कम होने लगता है. दवाओं के इस्तेमाल से शरीर के अन्य हिस्सों जैसे लीवर व किडनी आदि पर भी बुरा असर पड़ता है. दावा किया जा रहा है कि कूल्ड रेडियो फ्रीक्वेंसी मशीन विधि से इलाज के कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं.
कई प्रकार के दर्द में कामयाब: यह विधि कई प्रकार के दर्द जैसे लंबे समय से सिर दर्द, माइग्रेन एवं ट्राइजेमिकल न्यूराल्जिया (त्रिनाडी दोष) में कामयाब है. इसके अलावा इस विधि से कंधों का दर्द, गर्दन का दर्द, कमर एवं कूल्हे के दर्द के मरीजों का भी इलाज किया जा सकता है. यह तकनीक घुटने के दर्द में भी खास कामयाब है. कैंसर से उठने वाली दर्द में भी इस मशीन का इस्तेमाल किया जाता है.
इस विधि से इलाज के फायदे: विशेषज्ञों के मुताबिक इस विधि से इलाज करने के कई फायदे है. जैसे लंबे समय तक दर्द से राहत, दर्द की दवाई को कम करना या बिल्कुल बंद करने में सफलता, दर्द कम होने से सर्जरी की जरूरत कम हो जाती है. मरीज की रोज की गतिविधियों में सुधार देखा जा सकता है.
नहीं होना पड़ेगा अस्पताल में भर्ती: इस तकनीक में आमतौर पर मरीज को दाखिल होने की जरूरत नहीं पड़ती. मरीज को तीन या चार घंटों के बाद ही घर भेज दिया जाता है. अगर इससे भी मरीज को आराम न आए, तो इस प्रक्रिया को दोबारा किया जा सकता है या फिर उसे आपरेशन करवाना पड़ सकता है.
प्रदेश की पहली मशीन: डॉ. कौशिक- मेडिकल कॉलेज नाहन के प्रिंसिपल डॉ. श्याम कौशिक ने बताया कि अस्पताल में यह मशीन स्थापित कर दी गई है. अब मरीजों को खास तकनीक के माध्यम से कई तरह के दर्द से छुटकारा मिल सकेगा. उन्होंने दावा किया कि इस अति आधुनिक मशीन की सुविधा प्रदेश में सिर्फ नाहन में ही उपलब्ध करवाई गई है. जबकि आईजीएमसी शिमला में प्लेन रेडियो फ्रीक्वैंसी मशीन की सुविधा उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि नाहन में इस विधि से इलाज की कीमत दर्द के कारण और सूई के चुनाव पर ही निर्भर करेगी.
प्रबंधन की मानें तो कूल्ड रेडियो फ्रीक्वैंसी मशीन हिमाचल प्रदेश में फिलहाल अभी तक नाहन में ही उपलब्ध करवाई गई है. अभी तक यह सुविधा प्रदेश के बाहर बड़े शहरों मे ही उपलब्ध थी और मरीजों को बाहरी राज्यों का रूख करना पड़ता था. अब सिरमौर के लोगों को यह सुविधा नाहन में ही उपलब्ध होगी. इस सुविधा से लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा.
ये भी पढ़ें- Mandi International Shivratri Festival: अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का आज हिमाचल के सीएम करेंगे विधिवत शुभारंभ