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ईस्ट इंडिया कंपनी की याद दिलाता है नया कृषि कानून: गंगूराम मुसाफिर

राजगढ़ में शनिवार को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष जीआर मुसाफिर ने कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. कांग्रेस नेता मुसाफिर ने कहा कि इस कानून के लागू होने के बाद मंडी की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और किसानों के शौषण को कोई नहीं रोक पाएगा. फसल का उचित दाम किसानों को नहीं मिल पाएगा. केंद्र सरकार द्वारा लाया गया यह कानून इस्ट इंडिया कंपनी की याद दिलाता है. जिस प्रकार इस्ट इंडिया कंपनी ने देश को गुलाम बनाया, उसी प्रकार यह कानून देश के किसानों को गुलाम बना कर रख देगा.

GR musafir
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Published : Oct 3, 2020, 4:55 PM IST

राजगढ़/सिरमौर: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष जीआर मुसाफिर ने राजगढ़ में आयोजित प्रेसवार्ता का आयोजन किया. कांग्रेस नेता जीआर मुसाफिर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया कृषि कानून किसानों के लिए काला कानून साबित होगा. यह कानून पूरी तरह किसान विरोधी है, जिसके परिणाम स्वरूप आज हजारों किसान सड़कों पर उतर कर विरोध कर रहे हैं.

कांग्रेस नेता मुसाफिर ने कहा कि इस कानून के लागू होने के बाद मंडी की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और किसानों के शौषण को कोई नहीं रोक पाएगा. फसल का उचित दाम किसानों को नहीं मिल पाएगा.

वीडियो.

केंद्र सरकार इस बात को बार-बार प्रचारित कर रही है. एमएसपी यानि फसल का समर्थन मूल्य किसानों को मिलता रहेगा. हालांकि इस कृषि कानून की धारा-11 के तहत जरूरी वस्तु अधिनियम समाप्त हो जाएगा. जिसके चलते जमाखोरी, मुनाफा खौरी व काला बाजारी पर सरकारी अंकुश नहीं रहेगा.

किसान फसल बेचने का अनुबंध निजी कंपनियों के साथ करेगा और बिचौलिए किसान की फसलों का दाम तय करेंगे. किसानो से अपनी फसल के दाम तय करने का अधिकार छीन जाएगा. इस दिनों देश का किसान पहले ही भारी आर्थिक मंदी से गुजर रहा है और केंद्र सरकार ने इस कानून को लाकर किसानों को और घाटे में डाल दिया है.

केंद्र सरकार द्वारा लाया गया यह कानून इस्ट इंडिया कंपनी की याद दिलाता है. जिस प्रकार इस्ट इंडिया कंपनी ने देश को गुलाम बनाया, उसी प्रकार यह कानून देश के किसानों को गुलाम बना कर रख देगा. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस ऐसे में किसानों के साथ कंधा से कंधा मिला कर खड़ी है.

अगर केंद्र सरकार ने इस कृषि कानून को वापिस नहीं लिया तो, क्षेत्र में भाजपा के विधायकों व सांसदों को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा. मुसाफिर ने कहा कि देश के किसानों के हितों के खिलाफ केंद्र सरकार ने जबर्दस्ती यह कानून लाया गया है. जिससे किसानों को अपने जीवन यापन की चिंता सता रही है.

पूरे देश मे इस काले कानून के खिलाफ किसान आवाज उठा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी किसानों के हितों की रक्षा के लिए उनके साथ खड़ी है. इस कानून को तुरंत वापस लिए जाने के लिए देश के किसान आंदोलन की राह पर है.

इस कानून के चलते देश की रीढ़ की हड्डी किसानों को उनके उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को ही खत्म कर दिया गया है और बड़े पूंजीपतियों के हाथों किसानों के हित गिरवी हो जाएंगे. संसद में बिना किसी चर्चा के पारित किया जाना अपने आप में मोदी सरकार की मंशा को जाहिर कर रही है. देश की सार्वजनिक (सरकारी) सम्पतियों को पहले ही सरकार निजि हाथों में दे रही है.

कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है जिसे निजी क्षेत्र को धीरे-धीरे न बेच दिया गया हो. अब देश का अन्नदाता बचा था जिसके हितों पर सीधा कुठाराघात किया गया है. कांग्रेस पार्टी किसानों के हितों की रक्षा के किए इस कृषि कानून को निरस्त करने लिए पूर्ण देश में आंदोलन चला रही है. इसी क्रम में हस्ताक्षर अभियान आरम्भ किया जा रहा है और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पच्छाद द्वारा आज से यहा भी साक्षात्कार अभियान शुरू कर दिया गया है. यह अभियान ग्राम स्तर तक चलेगा ओर किसानों को उनके हितों की रक्षा के लिए जागृत किया जाएगा.

पढ़ें: 15 अक्टूबर से 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को स्कूल बुलाने की तैयारी, शिक्षा विभाग बना रहा प्रस्ताव

राजगढ़/सिरमौर: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष जीआर मुसाफिर ने राजगढ़ में आयोजित प्रेसवार्ता का आयोजन किया. कांग्रेस नेता जीआर मुसाफिर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया कृषि कानून किसानों के लिए काला कानून साबित होगा. यह कानून पूरी तरह किसान विरोधी है, जिसके परिणाम स्वरूप आज हजारों किसान सड़कों पर उतर कर विरोध कर रहे हैं.

कांग्रेस नेता मुसाफिर ने कहा कि इस कानून के लागू होने के बाद मंडी की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और किसानों के शौषण को कोई नहीं रोक पाएगा. फसल का उचित दाम किसानों को नहीं मिल पाएगा.

वीडियो.

केंद्र सरकार इस बात को बार-बार प्रचारित कर रही है. एमएसपी यानि फसल का समर्थन मूल्य किसानों को मिलता रहेगा. हालांकि इस कृषि कानून की धारा-11 के तहत जरूरी वस्तु अधिनियम समाप्त हो जाएगा. जिसके चलते जमाखोरी, मुनाफा खौरी व काला बाजारी पर सरकारी अंकुश नहीं रहेगा.

किसान फसल बेचने का अनुबंध निजी कंपनियों के साथ करेगा और बिचौलिए किसान की फसलों का दाम तय करेंगे. किसानो से अपनी फसल के दाम तय करने का अधिकार छीन जाएगा. इस दिनों देश का किसान पहले ही भारी आर्थिक मंदी से गुजर रहा है और केंद्र सरकार ने इस कानून को लाकर किसानों को और घाटे में डाल दिया है.

केंद्र सरकार द्वारा लाया गया यह कानून इस्ट इंडिया कंपनी की याद दिलाता है. जिस प्रकार इस्ट इंडिया कंपनी ने देश को गुलाम बनाया, उसी प्रकार यह कानून देश के किसानों को गुलाम बना कर रख देगा. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस ऐसे में किसानों के साथ कंधा से कंधा मिला कर खड़ी है.

अगर केंद्र सरकार ने इस कृषि कानून को वापिस नहीं लिया तो, क्षेत्र में भाजपा के विधायकों व सांसदों को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा. मुसाफिर ने कहा कि देश के किसानों के हितों के खिलाफ केंद्र सरकार ने जबर्दस्ती यह कानून लाया गया है. जिससे किसानों को अपने जीवन यापन की चिंता सता रही है.

पूरे देश मे इस काले कानून के खिलाफ किसान आवाज उठा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी किसानों के हितों की रक्षा के लिए उनके साथ खड़ी है. इस कानून को तुरंत वापस लिए जाने के लिए देश के किसान आंदोलन की राह पर है.

इस कानून के चलते देश की रीढ़ की हड्डी किसानों को उनके उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को ही खत्म कर दिया गया है और बड़े पूंजीपतियों के हाथों किसानों के हित गिरवी हो जाएंगे. संसद में बिना किसी चर्चा के पारित किया जाना अपने आप में मोदी सरकार की मंशा को जाहिर कर रही है. देश की सार्वजनिक (सरकारी) सम्पतियों को पहले ही सरकार निजि हाथों में दे रही है.

कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है जिसे निजी क्षेत्र को धीरे-धीरे न बेच दिया गया हो. अब देश का अन्नदाता बचा था जिसके हितों पर सीधा कुठाराघात किया गया है. कांग्रेस पार्टी किसानों के हितों की रक्षा के किए इस कृषि कानून को निरस्त करने लिए पूर्ण देश में आंदोलन चला रही है. इसी क्रम में हस्ताक्षर अभियान आरम्भ किया जा रहा है और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पच्छाद द्वारा आज से यहा भी साक्षात्कार अभियान शुरू कर दिया गया है. यह अभियान ग्राम स्तर तक चलेगा ओर किसानों को उनके हितों की रक्षा के लिए जागृत किया जाएगा.

पढ़ें: 15 अक्टूबर से 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को स्कूल बुलाने की तैयारी, शिक्षा विभाग बना रहा प्रस्ताव

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