पांवटा साहिबः देश-प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच पांवटा साहिब नगर परिषद ने होला मोहल्ला मेला आयोजित करवाने का फैसला लिया है. शुक्रवार को आयोजित बैठक में यह फैसला लिया गया. हालांकि स्वास्थ्य विभाग इसके पक्ष में नहीं था, लेकिन नगर परिषद के पार्षदों ने होला मोहल्ला मेला कराने की बात कही.
30 मार्च से 5 अप्रैल तक होगा मेला
समूचे देश में कोरोना के मामलों में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हो रही है. हिमाचल में भी कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच पांवटा नगर परिषद ने सात दिवसीय मेला आयोजन को हरी झंडी दी है. हालांकि पांवटा साहिब व्यापार मंडल के कुछ लोग भी मेला आयोजन के पक्ष में है, लेकिन व्यापार मंडल के अधिकतर सदस्य मेला आयोजन के पक्ष में नहीं हैं.
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मेले को लेकर दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक
मेले को लेकर शुक्रवार को आयोजित हुई बैठक में नगर परिषद के दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई. इस बीच बैठक में पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि ने भी ऐसे समय में मेले के आयोजन को अनुचित बताया, लेकिन नगर परिषद ने स्थानीय विधायक व ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी की इच्छा का सम्मान रखते हुए मेले के आयोजन को उचित ठहराया. नगर परिषद अध्यक्ष ने बताया कि मेले के दौरान कुश्ती और सांस्कृतिक संध्या का आयोजन नहीं किया जाएगा. नगर परिषद अध्यक्ष निर्मल कौर ने कहा कि मेले के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
मेला कराने के पक्ष में नहीं कांग्रेस पार्षद
मेले के आयोजन को लेकर विरोध में भी स्वर मुखर हुए, लेकिन सत्ता की आवाज के आगे विपक्ष के स्वर दबा दिए गए. कांग्रेस के पार्षदों का कहना है कि मेले के सिर्फ धार्मिक पक्ष का आयोजन होना चाहिए. पार्षद डॉ. रोहतास नागिया ने कहा कि कोविड को लेकर हालात ऐसे नहीं हैं कि सात दिवसीय मेले का आयोजन किया जाए. उन्होंने कहा कि मेले में दुकान है और झूले नहीं लगाए जाने चाहिए. लोगों को सिर्फ माथा टेकने की इजाजत रहनी चाहिए. शहर के दर्जनों व्यापारियों ने भी मेला आयोजन के पक्ष में नहीं हैं.
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