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ये तकनीक किसानों के लिए बनी फायदेमंद, जंगली जानवरों व आवारा पशुओं से मिला छुटकारा

सिरमौर जिला में भी मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना का किसानों ने भरपूर फायदा उठाया. इस योजना के तहत किसानों को सरकार द्वारा खेतों के चारों तरफ सोलर फेसिंग के लिए 80 प्रतिशत अनुदान राशि दी जा रही है, जबकि 20 प्रतिशत हिस्सा किसान को स्वयं खर्च करना होगा.

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Published : Jul 19, 2019, 8:59 AM IST

मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना का किसानों के लिए बनी फायदेमंद

नाहन: मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, क्योंकि इस योजना से उन्हें जंगली जानवरों व आवारा पशुओं की बड़ी समस्या से निजात मिल रहा है. सिरमौर जिला में भी किसान इस योजना का भरपूर फायदा उठा रहे हैं.

दरअसल इस योजना के तहत किसानों को सरकार द्वारा खेतों के चारों तरफ सोलर फेसिंग के लिए 80 प्रतिशत अनुदान राशि दी जा रही है, जबकि 20 प्रतिशत हिस्सा किसान को स्वयं खर्च करना होगा. बता दें कि सोलर फेंसिंग एक ऐसी तकनीक है, जिसके जरिए खेतों को करंट वाली तारों से कवर किया जाता है.

ये तकनीक किसानों के लिए बनी फायदेमंद, जंगली जानवरों व आवारा पशुओं से मिला छुटकारा

सिरमौर जिला में पिछले दो सालों में 174 किसान इस योजना का लाभ उठा चुके हैं और 187 हेक्टेयर भूमि में सोलर फेंसिंग के जरिये जंगली जानवरों व आवारा पशुओं से किसानों को निजात मिली है. वर्ष 2017-18 में सिरमौर के लिए सरकार ने इस योजना के तहत 350 लाख व 2018-19 में 265 लाख का बजट उपलब्ध करवाया.

किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रही है. इससे जंगली जानवरों व आवारा पशुओं से उन्हें निजात मिल पाई है, जिसकी बदौलत अब फसलों को नुक्सान नहीं हो रहा है.

ये भी पढ़े: सिरमौर की ये गाय साबित हुई 'कामधेनु', बिना गर्भधारण के 10 साल से दे रही दूध

वहीं सिरमौर जिला कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश कौशिक ने बताया कि मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 में शुरू की गई थी. पहले इस योजना के तहत 60 प्रतिशत अनुदान सरकार की तरफ से दिया जाता था, जिसे बढ़ाकर अब 80 प्रतिशत कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि किसान इस योजना में खासी रूची ले रहे हैं, ताकि वह अपनी जमीन को जंगली जानवरों व आवारा पशुओं के आंतक से निजात दिला सकें.

नाहन: मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, क्योंकि इस योजना से उन्हें जंगली जानवरों व आवारा पशुओं की बड़ी समस्या से निजात मिल रहा है. सिरमौर जिला में भी किसान इस योजना का भरपूर फायदा उठा रहे हैं.

दरअसल इस योजना के तहत किसानों को सरकार द्वारा खेतों के चारों तरफ सोलर फेसिंग के लिए 80 प्रतिशत अनुदान राशि दी जा रही है, जबकि 20 प्रतिशत हिस्सा किसान को स्वयं खर्च करना होगा. बता दें कि सोलर फेंसिंग एक ऐसी तकनीक है, जिसके जरिए खेतों को करंट वाली तारों से कवर किया जाता है.

ये तकनीक किसानों के लिए बनी फायदेमंद, जंगली जानवरों व आवारा पशुओं से मिला छुटकारा

सिरमौर जिला में पिछले दो सालों में 174 किसान इस योजना का लाभ उठा चुके हैं और 187 हेक्टेयर भूमि में सोलर फेंसिंग के जरिये जंगली जानवरों व आवारा पशुओं से किसानों को निजात मिली है. वर्ष 2017-18 में सिरमौर के लिए सरकार ने इस योजना के तहत 350 लाख व 2018-19 में 265 लाख का बजट उपलब्ध करवाया.

किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रही है. इससे जंगली जानवरों व आवारा पशुओं से उन्हें निजात मिल पाई है, जिसकी बदौलत अब फसलों को नुक्सान नहीं हो रहा है.

ये भी पढ़े: सिरमौर की ये गाय साबित हुई 'कामधेनु', बिना गर्भधारण के 10 साल से दे रही दूध

वहीं सिरमौर जिला कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश कौशिक ने बताया कि मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 में शुरू की गई थी. पहले इस योजना के तहत 60 प्रतिशत अनुदान सरकार की तरफ से दिया जाता था, जिसे बढ़ाकर अब 80 प्रतिशत कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि किसान इस योजना में खासी रूची ले रहे हैं, ताकि वह अपनी जमीन को जंगली जानवरों व आवारा पशुओं के आंतक से निजात दिला सकें.

Intro:-सिरमौर में मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत 2 सालों सैंकड़ों किसानों ने उठाया लाभ  
-80 प्रतिशत दिया जा रहा सरकार की तरफ से अनुदान, अब तक जानवरों-पशुओं के आंतक से बची 187 हैक्टेयर भूमि 
नाहन। मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, क्योंकि इस योजना से उन्हें जंगली जानवरों व आवारा पशुओं की बड़ी समस्या से निजात मिल रही है। सिरमौर जिला में भी किसान इस योजना का भरपूर फायदा उठा रहे हैं। 


Body:दरअसल इस योजना के तहत किसानों को सरकार द्वारा खेतों के चारों तरफ सोलर फेसिंग के लिए 80 प्रतिशत अनुदान राशि दी जा रही है। जबकि 20 प्रतिशत हिस्सा किसान को स्वयं खर्च करना होगा। बता दें कि सोलर फेसिंग एक ऐसी तकनीक है, जिसके जरिये खेतों को करंट वाली तारों से कवर किया जाता है। 
सिरमौर जिला में पिछले दो सालों में 174 किसान इस योजना का लाभ उठा चुके हैं और 187 हैक्टेयर भूमि में सोलर फेसिंग के जरिये जंगली जानवरों व आवारा पशुओं से किसानों को निजात मिली है। वर्ष 2017-18 में सिरमौर के लिए सरकार ने इस योजना के तहत 350 लाख व 2018-19 में 265 लाख का बजट उपलब्ध करवाया। इसके तहत इन दो सालों में क्रमशः जिला में 103 व 84 किसानों ने योजना का लाभ उठाया। 
उधर किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना किसानों के लिए निसंदेह लाभकारी साबित हो रही है। इससे जंगली जानवरों व आवारा पशुओं से उन्हें निजात मिल पाई है, जिसकी बदौलत अब फसलों को नुक्सान नहीं हो रहा है। 
बाइट 1: विशाल, किसान, केली गांव, पंचायत देवका पुड़ला 

वहीं सिरमौर जिला कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. राजेश कौशिक ने बताया कि मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 में शुरू की गई थी। पहले इस योजना के तहत 60 प्रतिशत अनुदान सरकार की तरफ से दिया जाता था, जिसे बढ़ाकर अब 80 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसान इस योजना में खासी रूची ले रहे हैं, ताकि वह अपनी जमीन को जंगली जानवरों व आवारा पशुओं के आंतक से निजात दिला सके।  
बाइट 2: डा. राजेश कौशिक, कृषि उपनिदेशक 


Conclusion:उल्लेखनीय है कि जंगली जानवरों व आवारा पशुओं के आंतक से बहुत से किसानों का रूझान खेती की तरफ कम हो रहा था, लेकिन अब मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना से किसानों को इस बड़ी समस्या से निजात मिल रही है। 
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