सिरमौर: जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में हिमाचल प्रदेश का पहला बाल गंगा प्रहरी कॉर्नर स्थापित हुआ. दरअसल, नमामि गंगे परियोजना के तहत यह कार्नर भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून द्वारा स्थापित किया गया. दरअसल, उच्च विद्यालय बहराल नमामि गंगे परियोजना से जुड़ने वाला हिमाचल प्रदेश का पहला विद्यालय बना है. बता दें कि योजना का उद्देश्य जल जंगल जमीन तथा उनमें पलने वाले जीव जंतुओं के प्रति विद्यार्थियों को जागरुक करना है. वहीं, वन्य जीव संस्थान देहरादून की डीन डॉ. रुचि बडोला ने बाल गंगा प्रहरी कॉर्नर का शुभारंभ किया.
दरअसल, नमामी गंगे परियोजना के तहत पांवटा साहिब के बहराल उच्च विद्यालय में बाल गंगा प्रहरी कॉर्नर स्थापित किया गया. बाल गंगा प्रहरी कॉर्नर की शुभारंभ नमामी गंगे कार्यक्रम की नोडल ऑफिसर और वन्य जीव संस्थान देहरादून की डीन डॉ. रुचि बडोला ने किया. वहीं, कार्यक्रम के तहत स्कूल में एक मिनी लाइब्रेरी स्थापित की गई है. जिसमें गंगा सहित उसकी सहायक नदियों में पाए जाने वाले जीवो सहित नदियों के आसपास के जंगलों के जीवन के बारे में जानकारी उपलब्ध रहेगी. बाल गंगा प्रहरी इन पुस्तकों से ज्ञान अर्जित कर अन्य स्कूलों के बच्चों को इन जीवों के बारे में और इनके संरक्षण के बारे में जानकारी देंगे.
कार्यक्रम के दौरान वैज्ञानिक व बाल गंगा प्रहरी कॉर्डिनेटर डॉ. संगीता अंगोम ने पृथ्वी पर जैव विविधता और जीवों के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में 11 राज्यों के 15 स्कूलों से बाल गंगा प्रहरी कॉर्नर शुरु किए गए हैं. 11 राज्यों के 4 सौ स्कूल इस कार्यक्रम से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि पारिस्थितिक तंत्र में जीवों जंतुओं सहित जंगल और जमीन के संरक्षण का महत्व बताना मिशन का उद्देश्य है. उन्होंने बताया कि जल, जमीन और जीव संरक्षण के महत्व के साथ साथ सफाई अभियान आदि कार्यक्रम चलाए जाएंगे.
कार्यक्रम के दौरान वन्य जीव संस्थान देहरादून की डीन डॉ. रुचि बडोला ने बच्चों को भविष्य को देखते हुए योजना का महत्व बताया. उन्होंने कहा कि बाल गंगा प्रहरी कॉर्नर से 11 राज्यों के 400 स्कूल जोड़े गए हैं. उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में जल जमीन और जीव के महत्व को समझना और अधिक आवश्यक हो गया है.
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