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कन्यादान योजना से बस रहा देवभूमि की बेटियों का घर संसार, 60 परिवारों को मिली मदद

सिरमौर में बाल विकास विभाग को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत इस वित्तिय वर्ष 2021-22 में सरकार की तरफ 37 लाख 7 हजार रूपए का बजट प्राप्त हुआ, जिसमें से अभी तक 60 लड़कियों की शादी के लिए 30 लाख 60 हजार रूपए की वित्तिय सहायता प्रदान गई है, जोकि कुल बजट का 82 प्रतिशत है. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत गरीब कन्याओं के विवाह के लिए 51 हजार रूपए की वित्तीय सहायता दी जा रही है.

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
फोटो.
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Published : Jul 24, 2021, 5:21 PM IST

Updated : Jul 24, 2021, 8:29 PM IST

नाहन: मुख्यमंत्री कन्यादान योजना गरीब परिवारों की बेटियों के लिए वरदान साबित हो रही है. सिरमौर के नाहन व शंभूवाला क्षेत्रों से ताल्लुक रखते वाली 3 ऐसी बेटियों के लिए यह योजना कारगर साबित हुई, जिनके सिर से पिता का साया उठ चुका था. कन्यादान योजना से 2 गरीब विधवा माताओं की 3 बेटियों का घर संसार भी बस पाया है यानी सरकार की मदद से तीनों बेटियों का विवाह संपन्न हुआ.

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की लाभार्थी लखविंद्र कौर निवासी एमसी कॉलोनी नाहन ने बताया कि उनके पति की मृत्यु तीन साल पहले हुई थी, जिसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई और बेटी की शादी के लिए पैसों की सहायता की आवश्यकता थी, जो उन्हें मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से प्राप्त हुई.

वीडियो.

इसी तरह गांव शंभुवाला की निवासी चरणजीत कौर ने बताया कि उनके पति की मृत्यु 14 वर्ष पहले हो गई थी, जिसके बाद परिवार की पूरी जिम्मेवारी इनके उपर आ गई. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण दो बेटियों की शादी के लिए पैसों की आवश्यकता थी, जो उन्हें मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से प्राप्त हुई. इस योजना के तहत मिली सहायता के लिए उन्होंने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया है.

वहीं, बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि जिला सिरमौर में बाल विकास विभाग को इस वित्तिय वर्ष 2021-22 के लिए सरकार की तरफ 37 लाख 7 हजार रूपए का बजट प्राप्त हुआ, जिसमें से अभी तक 60 लड़कियों की शादी के लिए 30 लाख 60 हजार रूपए की वित्तीय सहायता प्रदान गई है, जोकि कुल बजट का 82 प्रतिशत है. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत गरीब कन्याओं के विवाह के लिए 51 हजार रूपए की वित्तीय सहायता दी जा रही है.

कुल मिलाकर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना उन बेटियों को राहत पहुंचा रही है, जिनके माता-पिता की मृत्य हो चुकी हो अथवा शारीरिक या मानसिक रूप से असमर्थता के कारण वह आजीविका कमाने में असमर्थ हों या फिर तलाकशुदा महिलाएं जिनकी वार्षिक आय 35 हजार रूपए से अधिक न हो, उन बेटियों के विवाह के लिए यह योजना कारगर साबित होते हुए उनके घर संसार को बसा रही है.

ये भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्रिमंडल में बढ़ा अनुराग ठाकुर का कद, निर्वाचन क्षेत्र में विकास योजनाओं के पूरा होने का इंतजार बरकरार

नाहन: मुख्यमंत्री कन्यादान योजना गरीब परिवारों की बेटियों के लिए वरदान साबित हो रही है. सिरमौर के नाहन व शंभूवाला क्षेत्रों से ताल्लुक रखते वाली 3 ऐसी बेटियों के लिए यह योजना कारगर साबित हुई, जिनके सिर से पिता का साया उठ चुका था. कन्यादान योजना से 2 गरीब विधवा माताओं की 3 बेटियों का घर संसार भी बस पाया है यानी सरकार की मदद से तीनों बेटियों का विवाह संपन्न हुआ.

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की लाभार्थी लखविंद्र कौर निवासी एमसी कॉलोनी नाहन ने बताया कि उनके पति की मृत्यु तीन साल पहले हुई थी, जिसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई और बेटी की शादी के लिए पैसों की सहायता की आवश्यकता थी, जो उन्हें मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से प्राप्त हुई.

वीडियो.

इसी तरह गांव शंभुवाला की निवासी चरणजीत कौर ने बताया कि उनके पति की मृत्यु 14 वर्ष पहले हो गई थी, जिसके बाद परिवार की पूरी जिम्मेवारी इनके उपर आ गई. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण दो बेटियों की शादी के लिए पैसों की आवश्यकता थी, जो उन्हें मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से प्राप्त हुई. इस योजना के तहत मिली सहायता के लिए उन्होंने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया है.

वहीं, बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि जिला सिरमौर में बाल विकास विभाग को इस वित्तिय वर्ष 2021-22 के लिए सरकार की तरफ 37 लाख 7 हजार रूपए का बजट प्राप्त हुआ, जिसमें से अभी तक 60 लड़कियों की शादी के लिए 30 लाख 60 हजार रूपए की वित्तीय सहायता प्रदान गई है, जोकि कुल बजट का 82 प्रतिशत है. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत गरीब कन्याओं के विवाह के लिए 51 हजार रूपए की वित्तीय सहायता दी जा रही है.

कुल मिलाकर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना उन बेटियों को राहत पहुंचा रही है, जिनके माता-पिता की मृत्य हो चुकी हो अथवा शारीरिक या मानसिक रूप से असमर्थता के कारण वह आजीविका कमाने में असमर्थ हों या फिर तलाकशुदा महिलाएं जिनकी वार्षिक आय 35 हजार रूपए से अधिक न हो, उन बेटियों के विवाह के लिए यह योजना कारगर साबित होते हुए उनके घर संसार को बसा रही है.

ये भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्रिमंडल में बढ़ा अनुराग ठाकुर का कद, निर्वाचन क्षेत्र में विकास योजनाओं के पूरा होने का इंतजार बरकरार

Last Updated : Jul 24, 2021, 8:29 PM IST
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