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डेंटल कॉलेज शिमला का खुलासा, हिमाचल में 40 से 50 फीसदी स्कूली छात्र दांतों की बीमारी से ग्रसित

डेंटल कॉलेज शिमला के पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभागाध्यक्ष एवं आचार्य प्राे. विनय भारद्वाज ने ईटीवी से बातचीत में कहा कि छोटे बच्चो में दांतो सम्बंधी अधिक बीमारी पाई जाती है और अगर स्कूली छात्र की बात करे तो 40 से 50 फीसदी छात्र किसी न किसी तरह के दांतों की बीमारी से ग्रसित है.

डेंटल कॉलेज शिमला
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Published : Jan 10, 2021, 6:06 PM IST

Updated : Jan 10, 2021, 6:45 PM IST

शिमलाः स्कूलों में छोटे बच्चों को स्वच्छता व सफाई का पाठ पढ़ाया जाता है. वहीं, दांतों के देखभाल कैसे करे इसके बारे में भी छोटे बच्चो को सिखाया जाता है. लेकिन अब डेंटल कॉलेज शिमला ने को खुलासा किया है. वह चौंकाने वाले हैं. हिमाचल में 40 से 50 फीसदी स्कूली छात्र दांतो सम्बंधित विभिन्न बीमारियों से ग्रसित है. जिसका मुख्य कारण दांतों से समय पर ब्रश न करना मीठा ज्यादा खाना इत्यादि.

वीडियो.

40 से 50 फीसदी छात्र दांतों की बीमारी से ग्रसित

डेंटल कॉलेज शिमला के पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री एवं विभागाध्यक्ष आचार्य प्राे. विनय भारद्वाज ने ईटीवी से बातचीत में कहा कि छोटे बच्चों में दांतों सम्बंधी अधिक बीमारी पाई जाती है और अगर स्कूली छात्र की बात करें तो 40 से 50 फीसदी छात्र किसी न किसी तरह के दांतों की बीमारी से ग्रसित हैं.

बीमारी से बचाने के लिये बताए उपाय

उन्होंने कहा कि बच्चों को दांतों की बीमारी से बचाने के लिये सुबह शाम दांतों में ब्रश करवाना चाहिए, चॉकेलेट, टॉफी कम देना चाहिए और मीठा खाने के बाद कुल्ला करने की आदत डालनी चाहिए. डॉ. विनय ने बताया कि स्कूलों में भी अध्यापक को चाहिए कि वह बच्चों को दांतों के सफाई के प्रति बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि परिजनों को अपने बच्चों की 6 महीने में एक बार दांतों के अस्पताल में जांच करानी चाहिए.

मुंह के कैंसर का भी खतरा

दांतों के अधिक खराब होने से मुंह के कैंसर होने का खतरा रहता है. हालांकि हिमाचल में मुंह के कैंसर सिर्फ 2 फीसदी लोगों में हैं. लेकिन मुंह की बीमारी से अस्थमा जैसी बीमारी भी हो सकती है. इसीलिए हमें अपने दांतों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

ये भी पढ़ें: कोरोना से जंग जीतकर घर लौटे पूर्व CM शांता कुमार, डॉक्टर्स का किया धन्यवाद

शिमलाः स्कूलों में छोटे बच्चों को स्वच्छता व सफाई का पाठ पढ़ाया जाता है. वहीं, दांतों के देखभाल कैसे करे इसके बारे में भी छोटे बच्चो को सिखाया जाता है. लेकिन अब डेंटल कॉलेज शिमला ने को खुलासा किया है. वह चौंकाने वाले हैं. हिमाचल में 40 से 50 फीसदी स्कूली छात्र दांतो सम्बंधित विभिन्न बीमारियों से ग्रसित है. जिसका मुख्य कारण दांतों से समय पर ब्रश न करना मीठा ज्यादा खाना इत्यादि.

वीडियो.

40 से 50 फीसदी छात्र दांतों की बीमारी से ग्रसित

डेंटल कॉलेज शिमला के पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री एवं विभागाध्यक्ष आचार्य प्राे. विनय भारद्वाज ने ईटीवी से बातचीत में कहा कि छोटे बच्चों में दांतों सम्बंधी अधिक बीमारी पाई जाती है और अगर स्कूली छात्र की बात करें तो 40 से 50 फीसदी छात्र किसी न किसी तरह के दांतों की बीमारी से ग्रसित हैं.

बीमारी से बचाने के लिये बताए उपाय

उन्होंने कहा कि बच्चों को दांतों की बीमारी से बचाने के लिये सुबह शाम दांतों में ब्रश करवाना चाहिए, चॉकेलेट, टॉफी कम देना चाहिए और मीठा खाने के बाद कुल्ला करने की आदत डालनी चाहिए. डॉ. विनय ने बताया कि स्कूलों में भी अध्यापक को चाहिए कि वह बच्चों को दांतों के सफाई के प्रति बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि परिजनों को अपने बच्चों की 6 महीने में एक बार दांतों के अस्पताल में जांच करानी चाहिए.

मुंह के कैंसर का भी खतरा

दांतों के अधिक खराब होने से मुंह के कैंसर होने का खतरा रहता है. हालांकि हिमाचल में मुंह के कैंसर सिर्फ 2 फीसदी लोगों में हैं. लेकिन मुंह की बीमारी से अस्थमा जैसी बीमारी भी हो सकती है. इसीलिए हमें अपने दांतों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

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Last Updated : Jan 10, 2021, 6:45 PM IST
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