पांवटा साहिबः प्रधानमंत्री आवास योजना की धरातल पर पोल खुलती नजर आ रही है. भले ही केंद्र सरकार प्रचार-प्रसार में 2.14 लाख घर देने की बात कर रही हो लेकिन पांवटा साहिब में आज भी कई ऐसे परिवार हैं जो इस योजना के लाभ से वंचित हैं और पक्के मकान की राह देख रहे हैं. दरअसल कोरोना महामारी के दौरान कुछ लोग गरीबी के कारण अपने परिवार का निर्वाह करने में असमर्थ हो रहे हैं.
ऐसा ही उपमंडल पांवटा साहिब के भंगानी पंचायत के 3 परिवार के पास पक्का आशियाना नहीं है, जो खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. गरीब परिवार ने प्रधान से लेकर नेता और मंत्री तक गुहार लगाई है लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. जैसे ही मीडिया के सामने आने के बाद इस पर परिवारवालों से जानकारी लेने लगे तो एक महिला की आंखों से आंसू आ गए. वहीं, इस महिला के पति ने बताया कि खेतीबाड़ी में उनका गुजारा 2 वक्त का सही ढंग से नहीं चल पा रहा है. ऐसे में घर का खर्चा चलाना भी दुर्बल हो गया है. बच्चों की फीस व महंगाई ने कमर तोड़ कर रख दी है.
नेता व प्रशासन की गांव में प्रवेश पर पाबंदी
युवाओं ने कहा कि 2021 में ब्लॉक ऑफिसर को युवाओं की ओर से एक शिकायत पत्र दिया गया था जिसमें गांव में कई परिवारों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित है पर उस पर कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई. युवाओं ने स्पष्ट कर दिया कि गांव में प्रशासन व किसी नेता की गांव में एंट्री बंद करके गांव का जिम्मा खुद ही संभालेंगे.
जल्द ही परिवार को दिया जाएगा आशियाना
इस मामले पर पांवटा साहिब ब्लॉक अधिकारी गौरव धीमान ने कहा कि 2013 कि सर्वे में जितने भी घर पांवटा ब्लॉक के अंतर्गत स्वीकृत होने थे लगभग पूरे हो चुके हैं 2018 के सर्वे में इनके घर पास हुए हैं जिसके तहत जल्द इस परिवार को आशियाना मिलेगा. वहीं, उन्होंने कहा कि प्रधान और वार्ड सदस्य की लापरवाही से लोगों को जल्दी सुविधाएं नहीं मिल पाती. उन्होंने कहा कि जल्द ही इस परिवार को आशियाना दिया जाएगा.
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