नाहन: सिरमौर जिला में कोरोना संक्रमण के लगातार काफी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं, जिसका एक बड़ा कारण टेस्टिंग का दायरा बढ़ाना भी है. वर्तमान में जिला में 3 विभिन्न तरह के टेस्टों से कोरोना की जांच की जा रही है और रोजाना 250 के करीब कोरोना सैंपलों की जांच हो रही है.
जिला सिरमौर में अब तक आरटी-पीसीआर टेस्ट तकनीक से करीब 22 हजार लोगों के कोरोना टेस्ट करवाए जा चुके हैं, लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि हाल ही जिला में शुरू की गई रैपिड एंटीजन तकनीक के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करवाए जाएं, क्योंकि इसकी रिपोर्ट 15 से 20 मिनट में मिल जाती है, साथ ही इस तकनीक के जरिये जिला के विभिन्न अस्पतालों में ही इसकी जांच हो सकती है.
लिहाजा एक-दो दिन के भीतर पूरा जिले में रैपिड एंटीजन तकनीक से टेस्टिंग की सुविधा शुरू हो जाएगी. जिला के सीएमओ डॉ. केके पराशर ने बताया कि वर्तमान में जिला में तीन तरह से कोरोना की टेस्टिंग हो रही हैं, जिसमें आरटी-पीसीआर, टू्र नेट टेस्ट व रैपिड एंटीजन टेस्ट शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि अब जिला में आरटी-पीसीआर तकनीक से करीब 22 हजार कोरोना के टेस्ट किए जा चुके हैं. वहीं, रैपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा जिला में कुछ इलाकों में शुरू हो गई है, जबकि अन्य जगहों पर भी एक-दो दिन में यह सुविधा शुरू हो जाएंगी.
सीएमओ ने बताया कि इसके अलावा ट्रू नेट टेस्ट की सुविधा नाहन व पांवटा साहिब अस्पतालों में उपलब्ध हैं और इस टेस्ट से जो भी व्यक्ति पाॅजीटिव आता है, तो उसे पाॅजिटिव ही माना जाता है.
सीएमओ ने बताया कि अब स्वास्थ्य विभाग का जो फोकस रहेगा, वह रैपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा पर रहेगा और इसी तकनीक से ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने के प्रयास रहेंगे, क्योंकि इस तकनीक से फिल्ड से ही रिजल्ट भी जल्द आ जाता है. पाॅजिटिव आने की सूरत में तुरंत ही व्यक्ति को आइसालेट भी किया जा सकता है.
सीएमओ केके पराशर ने कहा कि कुल मिलाकर जिला में जिस रफ्तार से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है, वहीं टेस्टिंग का दायरा भी बढ़ाया गया है. यही वजह है कि जिला में रोजाना 2 से 3 दर्जन कोरोना पाॅजिटिव के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं संक्रमण से बचाव को लेकर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है.