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11 साल के बच्चे ने निगली लॉलीपॉप स्टिक, डॉक्टर ने सर्जरी करके बचाई जान

बच्चे ने गलती से लॉलीपॉप के साथ प्लास्टिक स्टिक भी निगल ली है. डॉक्टर ने सर्जरी करके बच्चे की जान बचाई.

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Published : May 15, 2020, 3:51 PM IST

Nahan Hospital
11 साल के बच्चे ने निगली लॉलीपॉप स्टिक

नाहन: मौत से जंग लड़ रहे 11 वर्षीय अंकुश के लिए मेडिकल कॉलेज नाहन के सर्जन डॉ. राजन सूद और उनकी टीम मसीहा बन कर सामने आई है. दरअसल, युवक को अचानक पेट में दर्द होने लगा तो परिजन उसे स्थानीय अस्पताल लेकर गए.

अस्पताल पहुंच कर बच्चे का दर्द कम होने की जगह बढ़ता चला गया, जिसके बाद उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. नाहन अस्पताल पहुंचने पर जब डॉक्टर ने बच्चे से बातचीत की तो पता चला की उसने गलती से लॉलीपॉप के साथ प्लास्टिक स्टिक भी निगल ली.

बच्चे का अल्ट्रासाउंड करने पर भी स्थिति साफ नहीं हो पा रही थी और बच्चे की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी, ऐसे में डॉक्टर ने ऑपरेशन करने का फैसला लिया. ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने देखा कि प्लास्टिक पाइप रैक्टम में फंसी हुई है और बड़ी आंत फट चुकी थी.

टीम ने मल निकासी के रास्ते को बंद कर पेट से मल निकासी का रास्ता बनाया. हालांकि 2 महीने बाद इसे वापस प्राकृतिक स्थान से बना दिया जाएगा. डॉक्टर के अनुसार अगर ऑपरेशन में थोड़ी भी देरी होती तो मल अंदर पेट में फैल सकता था, जिससे संक्रमण का खतरा अधिक था, लेकिन टीम ने खतरे के बावजूद रोगी को रेफर न कर खुद मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन को अंजाम दिया.

जानकारी के अनुसार इस प्रकार की सर्जरी को नाहन अस्पताल में पहली बार किया गया है. सर्जरी के दौरान उपयोग किए जाने वाले आवश्यक उपकरणों को एम्बुलेंस के जरिये चंडीगढ़ से नाहन पहुंचाया गया था.

नाहन: मौत से जंग लड़ रहे 11 वर्षीय अंकुश के लिए मेडिकल कॉलेज नाहन के सर्जन डॉ. राजन सूद और उनकी टीम मसीहा बन कर सामने आई है. दरअसल, युवक को अचानक पेट में दर्द होने लगा तो परिजन उसे स्थानीय अस्पताल लेकर गए.

अस्पताल पहुंच कर बच्चे का दर्द कम होने की जगह बढ़ता चला गया, जिसके बाद उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. नाहन अस्पताल पहुंचने पर जब डॉक्टर ने बच्चे से बातचीत की तो पता चला की उसने गलती से लॉलीपॉप के साथ प्लास्टिक स्टिक भी निगल ली.

बच्चे का अल्ट्रासाउंड करने पर भी स्थिति साफ नहीं हो पा रही थी और बच्चे की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी, ऐसे में डॉक्टर ने ऑपरेशन करने का फैसला लिया. ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने देखा कि प्लास्टिक पाइप रैक्टम में फंसी हुई है और बड़ी आंत फट चुकी थी.

टीम ने मल निकासी के रास्ते को बंद कर पेट से मल निकासी का रास्ता बनाया. हालांकि 2 महीने बाद इसे वापस प्राकृतिक स्थान से बना दिया जाएगा. डॉक्टर के अनुसार अगर ऑपरेशन में थोड़ी भी देरी होती तो मल अंदर पेट में फैल सकता था, जिससे संक्रमण का खतरा अधिक था, लेकिन टीम ने खतरे के बावजूद रोगी को रेफर न कर खुद मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन को अंजाम दिया.

जानकारी के अनुसार इस प्रकार की सर्जरी को नाहन अस्पताल में पहली बार किया गया है. सर्जरी के दौरान उपयोग किए जाने वाले आवश्यक उपकरणों को एम्बुलेंस के जरिये चंडीगढ़ से नाहन पहुंचाया गया था.

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