शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से आई आपदा ने राज्य में जमकर तबाही मचाई. इस दौरान राज्य सरकार ने लगातार आपदा प्रभावित क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों को चलाया. जिससे कई जिंदगियों को बचाया जा सका. वहीं, आपदा के समय सुक्खू सरकार द्वारा किए गए बेहतरीन कार्य के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने ‘सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस’ से सम्मानित किया है.
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने आपदा के समय सुक्खू सरकार द्वारा किए गए कामों की तारीफ की है. वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को सशक्त राजनीतिक नेतृत्व और लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ कर जनहित और जन कल्याण के लिए ‘सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस’ से सम्मानित किया है. वर्ल्ड बुक आफ रिकॉर्ड्स के अधिकारी सुमित सिंगला और जसवीर सिंह ने सीएम को यह सम्मान दिया है. इससे पहले वर्ल्ड बैंक और नीति आयोग ने भी आपदा के दौरान बेहतर राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रयासों की प्रशंसा कर चुकी है.
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Deeply humbled and immensely honored to receive the Certificate of Excellence from World Book of Records, recognizing my unwavering commitment to public service and democratic values. My heartfelt thanks to Sumit Singla, Jasvir Singh Shinda for this prestigious recognition. To… pic.twitter.com/B4J8pvu3J1
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गौरतलब है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए आपदा के बीच 72 घंटे रहकर राहत एवं बचाव कार्यों का नेतृत्व किया. उनके मार्गदर्शन में 75 हजार पर्यटकों और 15 हजार गाड़ियों को प्रदेश से सुरक्षित निकाला गया. इसके साथ-साथ 48 घंटे की छोटी सी अवधि के दौरान बिजली, पानी और संचार सेवाओं जैसी आवश्यक को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया, जिससे स्थिति सामान्य हुई और लोगों को राहत मिली. सीएम खुद ग्राउंड जीरो पर रहकर राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी की और अधिकारियों को उचित निर्देश देते रहे.
आपदा के बाद प्रभावितों की मदद के लिए राज्य सरकार गंभीरता से ठोस कदम उठा रही है. प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार ने 4500 करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज घोषित किया है. जिसमें मुआवजा राशि को कई गुना बढ़ाया गया है. पहले जहां पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकान की एवज में 1.30 लाख रुपए मिलते थे, इसे राज्य सरकार ने बढ़ाकर 7 लाख रुपए किया है. इसके साथ ही उन्हें घर बनाने के लिए 280 रुपए प्रति बोरी की दर से सीमेंट और बिजली-पानी का फ्री कनेक्शन भी उपलब्ध करवाएगी.
घर को आंशिक नुकसान होने पर मुआवजा राशि में बढ़ोतरी कर इसे एक लाख रुपए किया गया है. नए प्रावधानों के अनुसार गाय, भैंस की मृत्यु पर प्रति पशु 55 हजार रुपए की वित्तीय सहायता दी जा रही है. वहीं, भेड़ और बकरी की मृत्यु पर मिलने वाली वित्तीय सहायता को 4000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये किया गया है. मुख्यमंत्री ने इस सम्मान के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का आभार व्यक्त किया है.
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