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भाई के इलाज के लिए IGMC में 3 घंटे तक भटकती रही महिला, HOD ने मांगी रिपोर्ट

आईजीएमसी पहुंची एक महिला सांस लेने में तकलीफ और पेट दर्द के कारण अपने भाई के इलाज के लिए साढ़े तीन घंटे तक भटकती रही. इस मामले में आईजीएमसी शिमला के एचओडी मेडिसन डाॅ. दलीप गुप्ता ने कहा कि महिला और उनके भाई के साथ हुए मेरे पास शिकायत आई है. महिला डॉक्टर से जवाब मांगा गया है, जवाब आने के बाद ही आगामी कार्रवाई हाेगी.

IGMC shimla
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Published : Jul 30, 2020, 8:22 PM IST

शिमला: आईजीएमसी पहुंची एक महिला सांस लेने में तकलीफ और पेट दर्द के कारण अपने भाई के इलाज के लिए साढ़े तीन घंटे तक भटकती रही. महिला के भाई को इमरजेंसी से मेडिसन वार्ड में शिफ्ट किया गया था. यहां पर वह रात करीब 8:30 बजे पहुंचे.

आराेप है कि वार्ड में तैनात महिला डाॅक्टर ने ना ताे उन्हें अटैंड किया बल्कि उनकी फाइल देखकर उनसे दुर्व्यवहार भी किया. देर रात 12 बजे जब महिला ने किसी सीनियर डाॅक्टर से बात की, उसके बाद उनके पेशेंट काे अटैंड किया गया. महिला ने मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन और विभागाध्यक्ष काे साैंपी है. इसमें उन्हाेंने निष्पक्ष जांच की मांग उठाई है. वहीं, विभागाध्यक्ष ने मामले में संबंधित चिकित्सक से जवाब तलब कर लिया है. जवाब आने के बाद ही आगामी कार्रवाई हाेगी.

यह था मामला पूरा मामला

शिमला के शाेघी की रहने वाली ईशा सूद ने बताया कि बीते साेमवार देर शाम उनके भाई काे अचानक सांस लेने में कुछ समस्या हुई और पेट में तेज दर्द हाेने लगा. वह तुरंत अपने भाई काे लेकर आईजीएमसी के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में पहुंची. यहां पर इमरजेंसी में डाॅक्टराें ने उनके भाई काे अच्छे से चेक किया. इस दाैरान वहां पर मेडिसन के सीनियर डाॅक्टर भूपेंद्र थे. उन्हाेंने पेशेंट काे मेडिसन वार्ड में एडमिट करने को कहा.

ईशा सूद ने बताया कि वह करीब 8:30 बजे मेडिसन वार्ड में पहुंची ताे वहां पर महिला चिकित्सक तैनात थी. ईशा ने आराेप लगाया कि जब उन्हाेंने अपने भाई की फाइल देकर चिकित्सक को बताया कि भाई काे क्या दिक्कत है और उन्हें डाॅक्टर ने भेजा है. ताे वह अचानक भड़क गईं और फाइल देकर बाहर निकाल दिया. ईशा का दावा है कि वह 8:30 से रात 12 बजे तक वार्ड के बाहर बैठकर इंतजार करती रही.

मरीज की हालत हाे रही थी खराब

ईशा ने शिकायत में हवाला दिया कि वह साढ़े तीन घंटे तक वार्ड के बाहर बैठी रहती ताे, उनके भाई की हालत लगातार खराब हाे रही थी. उसने सुबह से कुछ खाया नहीं था और उसे सांस लेने में भी दिक्कत हाे रही थी. उनका कहना है कि रात 12 बजे उनके पेंशेंट काे वार्ड में एडमिट किया गया. बुधवार काे उसे दाेपहर बाद छुट्टी दे दी गई. उनका कहना है कि उन्हें मामले की शिकायत विभागाध्यक्ष और सीएम हेल्पलाइन में की है, ताकि इस तरह की परेशानी की और मरीज के साथ ना हाे.

आईजीएमसी शिमला के एचओडी मेडिसन डाॅ. दलीप गुप्ता ने कहा कि महिला और उनके भाई के साथ हुए मेरे पास शिकायत आई है. महिला डॉक्टर से जवाब मांगा गया है, जवाब आने के बाद ही आगामी कार्रवाई हाेगी.

पढ़ें: कोरोना से कैसे जंग जीतेगा नाहन! नहीं मिल रहा जनता का सहयोग

शिमला: आईजीएमसी पहुंची एक महिला सांस लेने में तकलीफ और पेट दर्द के कारण अपने भाई के इलाज के लिए साढ़े तीन घंटे तक भटकती रही. महिला के भाई को इमरजेंसी से मेडिसन वार्ड में शिफ्ट किया गया था. यहां पर वह रात करीब 8:30 बजे पहुंचे.

आराेप है कि वार्ड में तैनात महिला डाॅक्टर ने ना ताे उन्हें अटैंड किया बल्कि उनकी फाइल देखकर उनसे दुर्व्यवहार भी किया. देर रात 12 बजे जब महिला ने किसी सीनियर डाॅक्टर से बात की, उसके बाद उनके पेशेंट काे अटैंड किया गया. महिला ने मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन और विभागाध्यक्ष काे साैंपी है. इसमें उन्हाेंने निष्पक्ष जांच की मांग उठाई है. वहीं, विभागाध्यक्ष ने मामले में संबंधित चिकित्सक से जवाब तलब कर लिया है. जवाब आने के बाद ही आगामी कार्रवाई हाेगी.

यह था मामला पूरा मामला

शिमला के शाेघी की रहने वाली ईशा सूद ने बताया कि बीते साेमवार देर शाम उनके भाई काे अचानक सांस लेने में कुछ समस्या हुई और पेट में तेज दर्द हाेने लगा. वह तुरंत अपने भाई काे लेकर आईजीएमसी के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में पहुंची. यहां पर इमरजेंसी में डाॅक्टराें ने उनके भाई काे अच्छे से चेक किया. इस दाैरान वहां पर मेडिसन के सीनियर डाॅक्टर भूपेंद्र थे. उन्हाेंने पेशेंट काे मेडिसन वार्ड में एडमिट करने को कहा.

ईशा सूद ने बताया कि वह करीब 8:30 बजे मेडिसन वार्ड में पहुंची ताे वहां पर महिला चिकित्सक तैनात थी. ईशा ने आराेप लगाया कि जब उन्हाेंने अपने भाई की फाइल देकर चिकित्सक को बताया कि भाई काे क्या दिक्कत है और उन्हें डाॅक्टर ने भेजा है. ताे वह अचानक भड़क गईं और फाइल देकर बाहर निकाल दिया. ईशा का दावा है कि वह 8:30 से रात 12 बजे तक वार्ड के बाहर बैठकर इंतजार करती रही.

मरीज की हालत हाे रही थी खराब

ईशा ने शिकायत में हवाला दिया कि वह साढ़े तीन घंटे तक वार्ड के बाहर बैठी रहती ताे, उनके भाई की हालत लगातार खराब हाे रही थी. उसने सुबह से कुछ खाया नहीं था और उसे सांस लेने में भी दिक्कत हाे रही थी. उनका कहना है कि रात 12 बजे उनके पेंशेंट काे वार्ड में एडमिट किया गया. बुधवार काे उसे दाेपहर बाद छुट्टी दे दी गई. उनका कहना है कि उन्हें मामले की शिकायत विभागाध्यक्ष और सीएम हेल्पलाइन में की है, ताकि इस तरह की परेशानी की और मरीज के साथ ना हाे.

आईजीएमसी शिमला के एचओडी मेडिसन डाॅ. दलीप गुप्ता ने कहा कि महिला और उनके भाई के साथ हुए मेरे पास शिकायत आई है. महिला डॉक्टर से जवाब मांगा गया है, जवाब आने के बाद ही आगामी कार्रवाई हाेगी.

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