शिमला: पिछले सात महीने से हरियाणा के फरीदाबाद से लापता हुई सागर देवी के लिए हरियाणा पुलिस फरिश्ता बन कर आई. सात माह बाद हरियाणा पुलिस ने उन्हें परिवार से मिला दिया है. सागर देवी बीते वर्ष जून माह में घर से लापता हो गई थी. वे फरिदाबाद से करीब 385 किलोमीटर का सफर तह कर शिमला पहुंच गई थी.
बता दें कि 27 साल की सागर देवी की मानसिक हालत कुछ ठीक नहीं है. घर से निकलते हुए उसके साथ सात महीने की बच्ची राधिका भी साथ थी. सागर देवी रेल से शिमला पहुंची थी. कई दिनों तक शिमला में घूमने के बाद नवंबर 2019 को पुलिस ने सागरी देवी को कुफरी से रेस्क्यू कर मशोबरा के नारी सेवा सदन में रखा था. उस समय सागर देवी की हालत काफी दयनीय थी, लेकिन बच्ची उसके साथ नहीं थी.
वहीं, सागर देवी का परिवार बहुत परेशान था. सागर के परिवार में उसके पति तीन बच्चे और सास ससुर हैं. पति फरीदाबाद में फैक्ट्री में काम करता है और वहां अपने तीन बच्चों अनीता, मनीष और सात महीने की बच्ची राधिका के साथ रहते थे. सागर के गुम होने पर पति मनोज ने फरिदाबाद पुलिस स्टेशन में 22 जून को पत्नी और बच्ची के गुम होने की एफआईआर दर्ज कर दी थी, लेकिन कोई सुराग न मिलने के चलते पुलिस ने केस बंद की दिया था.
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पंचकूला के एएसआई राजेश कुमार को दो फरवरी को मशोबरा सदन की इंचार्ज सुषमा ने सागर की जानकारी दी. पुलिस ने 6 घंटे के अंदर ही सागर देवी के परिवार को ढूंढ निकाला और यूनिट 10 फरवरी को सागर के पति को लेकर शिमला पहुंची. सागर देवी के पति मनोज ने पत्नी के मिलने की सारी उम्मीदें छोड़ दी थी. ऐसे में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पंचकूला उनके लिए फरिशता बन कर आई है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि उनकी बेटी राधिका को भी पुलिस ढूंढ निकालेगी.
हरियाणा में 2015 में शुरू किया था ऑपरेशन मुस्कान
हरियाणा में 2015 में आपरेशन मुस्कान शुरू किया था. इसके तहत सभी जिलों के शेल्टर होम्स प्लैटफॉर्म, बस स्टेशनों, सड़कों और अन्य विभिन्न स्थानों पर मिलने वाले बच्चों के संबंध में प्रशिक्षित पुलिस कर्मी गहन छानबीन व आवश्यक सूचना इकट्ठी करते हैं. इसके बाद लापता या गुमशुदा बच्चों को उनके घर तक पहुंचाया जाता है. इसी अभियान को हरियाणा स्टेट क्राइम ब्रांच ने जारी रखा है. अभियान के तहत अभी तक 400 से ज्यादा बच्चों को उनके परिवार से मिलवाया जा चुका है. इससे पहले भी हरियाणा पुलिस हिमाचल से दो बच्चों को रेस्क्यू कर परिवार से मिलवा चुकी है.
हिमाचल पुलिस पर भी उठ रहे सवाल
एक तरफ हरियाणा पुलिस सैंकड़ों परिवारों के बिछड़े हुए लोगों को मिलवा रही है. हिमाचल से भी कई लोगों को रेस्क्यू किया गया है, लेकिन अब सवाल ये उठता है कि हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशासन और विभाग क्या कर रहे हैं. पिछले दो सालों से हरियाणा पुलिस हिमाचल से करीब 27 लोगों को रेस्क्यू कर अपने परिवार से मिलवा चुकी है. इन लोगों को शेल्टर होम में पहुंचाने के बाद इनके परिवारों को ढूंढने की जिम्मेदारी से क्या पुलिस बच रही है.
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