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हिमाचल में सोमवार से खुलेंगे शीतकालीन स्कूल, कोविड नियमों का रखा जाएगा खास ध्यान

15 फरवरी से हिमाचल में शीतकालीन स्कूल खुलने जा रहे हैं. तय एसओपी के तहत पांचवी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए कक्षाएं शुरू हो जाएंगी. स्कूलों में सेनिटाइजेशन की प्रक्रिया पहले से पूरी कर ली गई है.

winter schools opened in himachal
5वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों की खुल जाएंगे 15 फरवरी से शीतकालीन स्कूल
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Published : Feb 14, 2021, 9:54 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सोमवार से शीतकालीन स्कूलों को छात्रों के नियमित कक्षाओं के लिए खोला जा रहा है. पांचवी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए तय एसओपी के तहत नियमित कक्षाएं शुरू हो जाएंगी.

हिमाचल प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों को भी तय एसओपी के आधार पर शनिवार को ही सेनिटाइज करने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया था. शिमला की पोर्टमोर स्कूल के साथ ही लक्कड़ बाजार स्कूल और अन्य स्कूलों में भी स्कूल खुलने से पहले क्लास रूम और स्कूल कैंपस को सेनिटाइज करने की प्रक्रिया पूरी की गई. इसी के साथ ही स्कूलों ने अपनी छात्रों की संख्या के हिसाब से प्लान भी तैयार कर लिया है.

ग्रीष्मकालीन स्कूलों की तरह शुरू होंगी कक्षाएं

इससे पहले जहां सरकार की ओर से प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूलों को छात्रों के नियमित कक्षाओं के लिए खोल दिया गया है और वहां छात्रों की नियमित कक्षाएं लग रही हैं. उसी आधार पर शीतकालीन स्कूलों में भी छात्रों की नियमित कक्षाएं लगाई जाएंगी. शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन स्कूलों में पांचवी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्रों की अब नियमित कक्षाएं शुरू होंगीं.

वीडियो.

पोर्टमोर स्कूल में छात्रों की संख्या अधिक

शिमला शहर के पोर्टमोर स्कूल में छात्रों की संख्या अधिक है, जिसके चलते स्कूल प्रबंधन यह फैसला लिया है कि वहां वैकल्पिक दिनों में छात्रों की कक्षाएं लगाई जाएंगी यानी एक दिन छोड़कर छात्रों की कक्षाएं यहां लगेगी. पहले दिन जहां नवी, दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्र स्कूलों में नियमित कक्षाएं लगाने के लिए आएंगे जबकि अगले दिन छठी कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा के साथ ही ग्यारवीं कक्षा के छात्र स्कूलों में अपनी कक्षाएं लगाने के लिए आएंगे.

छात्रों पर स्कूल आने का दबाव नहीं

इस तरह से 1 दिन छोड़कर कक्षाओं को लगाने का प्रावधान स्कूल में किया गया है. आगामी स्थिति को देखते हुए और छात्रों के रुझान को देखते हुए सभी कक्षाओं को एक साथ लगाने का फैसला स्कूल प्रबंधन की ओर से लिया जाएगा. शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को खोलने के लिए तो ऐसे भी तय की गई है. उसमें यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी छात्र पर स्कूल आने के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा और छात्रों की हाजिरी भी अनिवार्य नहीं रहेगी.

ऑनलाइन कक्षाएं भी रखी जाएंगी जारी

इसी के साथ छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रखी जाएंगी, जिससे अगर कोई छात्र स्कूल में नहीं आना चाह रहा है तो उसकी पढ़ाई का नुकसान ना हो और वह घर बैठे अपनी पढ़ाई को जारी रख सकें. इसके साथ ही स्कूलों में सेनिटाइजेशन की उचित व्यवस्था करने के साथ ही हाथ धोने के लिए साबुन और पानी की व्यवस्था करना भी अनिवार्य है रहेगा.

कोविड नियमों का रखा जाएगा खास ख्याल

सभी शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों को स्कूल गेट थर्मल स्कैनिंग करने के बाद ही स्कूल कैंपस में प्रवेश दिया जाएगा. इसके साथ ही जिन छात्रों में सर्दी-जुखाम और बुखार जैसे लक्षण हैं. उन्हें स्कूल ना भेजने की अपील अभिभावकों से की गई है. साथ ही अगर किसी बच्चे में इस तरह के लक्षण आते हैं, तो उसे स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

प्रार्थना और खेलकूद पर रोक

शिक्षा निदेशालय ने खांसी, बुखार और जुकाम के लक्षण वाले विद्यार्थियों और शिक्षकों से स्कूलों में नहीं आने का आग्रह किया है. शिक्षकों को इस तरह के लक्षण पाए जाने पर स्वास्थ्य जांच करवाने को कहा गया है. शिक्षण संस्थानों में फेस मास्क पहनना और दो गज की दूरी को अनिवार्य किया गया है. शिक्षण संस्थानों में एसओपी को नोटिस बोर्ड पर भी लगाने के निर्देश दिए गए हैं. स्कूलों में अभी प्रार्थना सभा नहीं होगी ओर खेलकूद गतिविधियों पर भी रोक रहेगी.

माइक्रो प्लान का करना होगा पालन

स्कूल प्रिंसिपल माइक्रो प्लान के तहत तय करेंगे कि विद्यार्थियों के बीच उचित दूरी रखते हुए कक्षाएं किस प्रकार लगाई जाएंगी. वहीं, लंच टाइम भी कक्षावार तय होगा. बच्चों के स्कूल आने-जाने के समय में भी दस से पंद्रह मिनट का अंतर रखने को कहा है. अगर स्कूलों में कोरोना संक्रमित शिक्षक या विद्यार्थी पाए जाते हैं तो इस स्थिति में परिसर को स्थानीय प्रशासन की मंजूरी लेकर 48 घंटे तक बंद रखा जाएगा. परिसर की सेनिटाइजेशन करवाने के बाद दोबारा से कक्षाओं को नियमित तौर पर शुरू किया जाएगा.

पढ़ें: कूड़े के ढेर में बैलेट पेपर मिलने का मामला, राज्य चुनाव आयोग ने डीसी सोलन से मांगी रिपोर्ट

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सोमवार से शीतकालीन स्कूलों को छात्रों के नियमित कक्षाओं के लिए खोला जा रहा है. पांचवी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए तय एसओपी के तहत नियमित कक्षाएं शुरू हो जाएंगी.

हिमाचल प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों को भी तय एसओपी के आधार पर शनिवार को ही सेनिटाइज करने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया था. शिमला की पोर्टमोर स्कूल के साथ ही लक्कड़ बाजार स्कूल और अन्य स्कूलों में भी स्कूल खुलने से पहले क्लास रूम और स्कूल कैंपस को सेनिटाइज करने की प्रक्रिया पूरी की गई. इसी के साथ ही स्कूलों ने अपनी छात्रों की संख्या के हिसाब से प्लान भी तैयार कर लिया है.

ग्रीष्मकालीन स्कूलों की तरह शुरू होंगी कक्षाएं

इससे पहले जहां सरकार की ओर से प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूलों को छात्रों के नियमित कक्षाओं के लिए खोल दिया गया है और वहां छात्रों की नियमित कक्षाएं लग रही हैं. उसी आधार पर शीतकालीन स्कूलों में भी छात्रों की नियमित कक्षाएं लगाई जाएंगी. शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन स्कूलों में पांचवी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्रों की अब नियमित कक्षाएं शुरू होंगीं.

वीडियो.

पोर्टमोर स्कूल में छात्रों की संख्या अधिक

शिमला शहर के पोर्टमोर स्कूल में छात्रों की संख्या अधिक है, जिसके चलते स्कूल प्रबंधन यह फैसला लिया है कि वहां वैकल्पिक दिनों में छात्रों की कक्षाएं लगाई जाएंगी यानी एक दिन छोड़कर छात्रों की कक्षाएं यहां लगेगी. पहले दिन जहां नवी, दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्र स्कूलों में नियमित कक्षाएं लगाने के लिए आएंगे जबकि अगले दिन छठी कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा के साथ ही ग्यारवीं कक्षा के छात्र स्कूलों में अपनी कक्षाएं लगाने के लिए आएंगे.

छात्रों पर स्कूल आने का दबाव नहीं

इस तरह से 1 दिन छोड़कर कक्षाओं को लगाने का प्रावधान स्कूल में किया गया है. आगामी स्थिति को देखते हुए और छात्रों के रुझान को देखते हुए सभी कक्षाओं को एक साथ लगाने का फैसला स्कूल प्रबंधन की ओर से लिया जाएगा. शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को खोलने के लिए तो ऐसे भी तय की गई है. उसमें यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी छात्र पर स्कूल आने के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा और छात्रों की हाजिरी भी अनिवार्य नहीं रहेगी.

ऑनलाइन कक्षाएं भी रखी जाएंगी जारी

इसी के साथ छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रखी जाएंगी, जिससे अगर कोई छात्र स्कूल में नहीं आना चाह रहा है तो उसकी पढ़ाई का नुकसान ना हो और वह घर बैठे अपनी पढ़ाई को जारी रख सकें. इसके साथ ही स्कूलों में सेनिटाइजेशन की उचित व्यवस्था करने के साथ ही हाथ धोने के लिए साबुन और पानी की व्यवस्था करना भी अनिवार्य है रहेगा.

कोविड नियमों का रखा जाएगा खास ख्याल

सभी शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों को स्कूल गेट थर्मल स्कैनिंग करने के बाद ही स्कूल कैंपस में प्रवेश दिया जाएगा. इसके साथ ही जिन छात्रों में सर्दी-जुखाम और बुखार जैसे लक्षण हैं. उन्हें स्कूल ना भेजने की अपील अभिभावकों से की गई है. साथ ही अगर किसी बच्चे में इस तरह के लक्षण आते हैं, तो उसे स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

प्रार्थना और खेलकूद पर रोक

शिक्षा निदेशालय ने खांसी, बुखार और जुकाम के लक्षण वाले विद्यार्थियों और शिक्षकों से स्कूलों में नहीं आने का आग्रह किया है. शिक्षकों को इस तरह के लक्षण पाए जाने पर स्वास्थ्य जांच करवाने को कहा गया है. शिक्षण संस्थानों में फेस मास्क पहनना और दो गज की दूरी को अनिवार्य किया गया है. शिक्षण संस्थानों में एसओपी को नोटिस बोर्ड पर भी लगाने के निर्देश दिए गए हैं. स्कूलों में अभी प्रार्थना सभा नहीं होगी ओर खेलकूद गतिविधियों पर भी रोक रहेगी.

माइक्रो प्लान का करना होगा पालन

स्कूल प्रिंसिपल माइक्रो प्लान के तहत तय करेंगे कि विद्यार्थियों के बीच उचित दूरी रखते हुए कक्षाएं किस प्रकार लगाई जाएंगी. वहीं, लंच टाइम भी कक्षावार तय होगा. बच्चों के स्कूल आने-जाने के समय में भी दस से पंद्रह मिनट का अंतर रखने को कहा है. अगर स्कूलों में कोरोना संक्रमित शिक्षक या विद्यार्थी पाए जाते हैं तो इस स्थिति में परिसर को स्थानीय प्रशासन की मंजूरी लेकर 48 घंटे तक बंद रखा जाएगा. परिसर की सेनिटाइजेशन करवाने के बाद दोबारा से कक्षाओं को नियमित तौर पर शुरू किया जाएगा.

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