शिमला: मनोचिकित्सा विभाग आईजीएमसी ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2020 के अवसर पर एक वेबिनार का आयोजन किया. इस साल का थीम मेंटल हेल्थ फॉर ऑल ग्रेटर इन्वेस्टमेंट ग्रेटर एक्सेस था. विभिन्न विभागाध्ययक्षों, अन्य कंसल्टेंट्स, रेजीडेंट्स व राज्य के चिकित्सा अधिकारियों ने वेबिनार में भाग लिया. मनोचिकित्सा विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. निधि शर्मा ने इस दिन के मनाए जाने के महत्व और प्रासंगिकता के बारे में बताया.
प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष मनोचिकित्सा विभाग डॉ. दिनेश दत्त शर्मा ने विषय आधारित जानकारी दी. उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, मेंटल हेल्थ स्ट्रेस, इलाज की उपलब्धता में कमी और मेंटल हेल्थ में अधिक खर्च की जरूरत और मानसिक स्वास्थ्य की लोगों तक अधिक पहुंच से संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया.
15-29 वर्ष के लोगों ने की ज्यादा आत्महत्या
आत्महत्या 15-29 वर्ष आयु वर्ग में मृत्यु का प्रमुख कारण है और इस कोविड-19 महामारी के दौरान आत्महत्या सहित मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में वृद्धि हुई है. लगभग 70-80 फीसदी आत्महत्या करने वालों में मनोरोग होने की संभावना होती है. अवसाद आत्महत्या से जुड़ा सबसे आम मनोरोग है. इसलिए रोकथाम के लिए अवसाद और आत्मघाती व्यवहार की शुरुआती पहचान महत्वपूर्ण है.
ऐसे करें पहचान
जैसे अकेले रहना, आत्महत्या के बारे में बातें करना, खुद को मारने की धमकी देना, आत्महत्या करने के तरीकों की खोज करना और करीबी परिवार के सदस्यों और दोस्तों को अलविदा कहना, मूल्यवान संपत्ति को बांट देना या एक विरासत लिखना जिन के बारे में सजग रहना जरूरी है. इन खतरे के संकेतों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और तत्काल संकट हस्तक्षेप किया जाना चाहिए. तत्काल सहायता के लिए हिमाचल सरकार द्वारा जारी मेडीकल हेल्पलाइन 104 से संपर्क स्थापित करें. उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए नियमित व्यायाम, योग, संतुलित आहार, सामाजिक मेलजोल बनाए रखने आदि बातों को अपनी जीवन शैली में शामिल करने पर जोर दिया.
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