शिमला: ठीक ऐसे समय में जब भारत के अनेक हिस्सों से पेयजल संकट की खबरें आती हैं हिमाचल ने देश के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र वाले गांव तक नल का जल पहुंचा दिया है. हिमाचल में कोल्ड डेजर्ट कहे जाने वाले लाहौल स्पीति स्थित देश के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र (Highest polling station in the country) वाले गांव टशीगंग के हर घर में नल से पेयजल उपलब्ध हो गया है. लाहौल स्पीति में यह गांव 15 हजार 256 फीट की ऊंचाई पर है. यहां देश का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र भी है और इस इलाके में 50 के करीब घर हैं.
घर में ही पेयजल उपलब्ध होने से महिलाओं ने सुख की सांस ली है. ऐसे ही एक परिवार से संबंध रखने वाली डोलमा के अनुसार घर में ही नल से जल मिलने पर उनके जीवन में बड़ा सुखद बदलाव आया है. कोल्ड डेजर्ट में यूं भी जल संकट रहता है. लोग बर्फ पर अधिक आश्रित रहते हैं. लाहौल स्पीति के विधायक और राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा (Cabinet Minister Dr. Ramlal Markanda) का कहना है कि पूरे प्रदेश सहित लाहौल स्पीति जिले में भी अगले साल से पहले हर घर में नल से पेयजल उपलब्ध हो जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के हर घर में नल से जल (PM Modi Jal Jeevan Mission ) पहुंचाने का सपना देखा है इसके लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत की गई है. हिमाचल ने इस मिशन में देश के अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे शानदार काम किया है. हिमाचल ने कई दुर्गम इलाकों में भी नल से जल पहुंचा दिया है. यही नहीं इस मिशन के तहत बेहतर काम करने के लिए केंद्र सरकार ने हिमाचल की सराहना भी की है.
हिमाचल में 14.5 लाख घरों में नल से जल: मौजूदा परिस्थितियों को देखा जाए तो हिमाचल में 14.5 लाख घरों में नल उपलब्ध हो चुके हैं और पानी की सप्लाई भी. सरकार का लक्ष्य आगामी साल में स्वतंत्रता दिवस तक हर घर में नल का जल उपलब्ध करवाना है. ऐसा करने वाला हिमाचल संभवत: देश का पहला राज्य होगा. जल जीवन मिशन में अच्छा काम करने पर सबसे पहले इन्सेंटिव हासिल करने वाला राज्य भी हिमाचल ही है. प्रदेश को 221 करोड़ रुपए से अधिक का इन्सेंटिव मिल चुका है.
उल्लेखनीय पहलू यह है कि हिमाचल प्रदेश में जो बस्तियां जल जीवन मिशन की गाइडलाइंस के तहत कवर नहीं होती, उनके लिए राज्य सरकार के जलशक्ति विभाग ने अन्य योजनाओं का सहारा लिया है. हिमाचल सरकार के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (Jal Shakti Minister Mahender Singh Thakur) का कहना है कि विभाग को बेहतर काम करने के लिए केंद्र सरकार से इन्सेंटिव भी हासिल हो चुका है. शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने वालों को केंद्र सरकार की तरफ से इन्सेंटिव मिलता है. जल शक्ति मंत्री के अनुसार हिमाचल में कुल 17 लाख घरों में नल लगाए जाने हैं, जिनके माध्यम से स्वच्छ जल उपलब्ध करवाया जाएगा.
हिमाचल में जल जीवन मिशन की सफलता का उदाहरण मंडी जिले के नाचन विधानसभा क्षेत्र से भी मिलता है. यहां पहले न के बराबर नल लगे थे, लेकिन जल जीवन मिशन आने के बाद स्थितियां बदली हैं और अब पूरे विधानसभा क्षेत्र में 22 योजनाएं मंजूर हुई हैं और उनमें से 18 पूर्ण भी हो गई हैं. इस मिशन में सबसे अच्छी बात यह है कि जनजातीय जिलों (tribal districts) में भी मिशन का काम तेजी से चल रहा है. हिमाचल में इस मिशन के तहत प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर पानी दिया जाना सुनिश्चित किया गया है. इसके अलावा हिमाचल में 283 पेयजल योजनाओं में सुधार के लिए 1120 करोड़ रुपए की डीपीआर भी तैयार की गई है.
केंद्र ने की हिमाचल सरकार की तारीफ: केंद्र सरकार ने हिमाचल के प्रयास को सराहा है और इस वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले हिमाचल को 221 करोड़ रुपए से अधिक का इन्सेंटिव मिला है. जल जीवन मिशन में बेहतर काम करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हिमाचल को 31 मार्च 2021 से पहले की अवधि में हिमाचल को 221.28 करोड़ का इन्सेंटिव दिया है. ये इन्सेंटिव पूरे देश में सबसे अधिक है. देश के सात राज्यों ने इसमें अच्छा प्रदर्शन किया है. इन सात राज्यों में भी टॉप पर हिमाचल प्रदेश है. सभी सात राज्यों को कुल 464.28 करोड़ रुपये दिये गए हैं. सबसे अधिक 221 करोड़ रुपए हिमाचल को मिले हैं.
मिशन के तहत प्रदेश के तीन जिलों, 11 विकास खंडों, 825 पंचायतों सहित 8 हजार 346 गांवों को हर घर जल योजना में शामिल किया गया है. राज्य के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को भी इस योजना से जोड़कर पेयजल उपलब्ध करवाया गया है. उल्लेखनीय है कि हाल में हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने इस मिशन में केंद्र सरकार से 900 करोड़ रुपए की सहायता दिए जाने का आग्रह किया है.
राज्य सरकार ने केंद्रीय मंत्रालय से कहा है कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां विकट हैं. ऐसे में स्माल सरफेस इरीगेशन स्कीम की विकास लागत के मापदंड में ढाई लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की शर्त को बढ़ाकर चार लाख किया जाना चाहिए. हिमाचल में 5.8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में से 3.55 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई के लिए चिन्हित किया गया है. इसमें 2.81 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई सुविधाओं के तहत लाया गया है. हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में से तीन जिलों को जुलाई 2021, पांच जिलों को मार्च 2022 तथा अन्य बचे हुए जिलों को अगस्त, 2022 तक इस कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा.
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