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केंद्रीय बजट से हिमाचल की ये उम्मीदें, राजेश धर्माणी बोले छोटे पहाड़ी राज्य का रखा जाए विशेष ध्यान - RAJESH DHARMANI

1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. हिमाचल के कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा हिमाचल का विशेष ध्यान रखा जाए.

केंद्रीय बजट से हिमाचल की उम्मीदें
केंद्रीय बजट से हिमाचल की उम्मीदें (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 28, 2025, 8:27 AM IST

शिमला: मोदी सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करने जा रही हैं. इस बजट में क्या कुछ रहने वाला है, इसको लेकर हिमाचल में भी आम लोगों के बीच चर्चाएं हो रही है. वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से 2025-26 के लिए पेश किए जा रहे बजट को लेकर हिमाचल सरकार भी काफी उम्मीदें लगाई बैठी है. प्रदेश में सुक्खू सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि देश के मैदानी राज्यों की तुलना में हिमाचल भौगोलिक स्थिति अलग हैं. ऐसे में प्रदेश को बजट में अलग तरह की उम्मीदें रहती है. जिसका बजट में ध्यान रखा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के कारण हिमाचल मेंटेनेंस खर्च और कॉस्ट कंस्ट्रक्शन अधिक हैं. प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में गांव दूर दूर हैं. इसलिए आबादी भी बिखरी हुई हैं. प्रदेश के काजा और स्पीति में तो ऐसे भी गांव है, जहां जनसंख्या डबल डिजिट में है. लेकिन प्रदेश सरकार ऐसे एरिया में भी लोगों को सुविधाएं उपलब्ध करानी है. इसलिए केंद्र सरकार की ओर से कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए बजट दिया जाना चाहिए.

'बजट में रखा जाए हिमाचल का ध्यान'

राजेश धर्माणी ने कहा, "जैसलमेर की प्री-बजट बैठक में भी प्रदेश का पक्ष केंद्र सरकार के सामने रखा था. हिमाचल का कार्बन प्रिंट कम है. हिमाचल प्रदेश की वजह से कई अन्य राज्यों को भी साफ हवा और शुद्ध पानी उपलब्ध होता है. ऐसे में इसका कंपनसेशन भी राज्य सरकार को दिया जाना चाहिए. हिमाचल भी भारत के संघीय ढांचे का हिस्सा है. ऐसे में प्रदेश के लिए विशेष बजट की उम्मीद है".

राजेश धर्माणी ने कहा कि कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए फंड से भी हिमाचल प्रदेश सरकार को फायदा मिल सकता है. ऐसे में उन दूरदराज के इलाकों तक लोगों को सुविधा पहुंचाई जा सकेगी, जहां इन सुविधाओं की कमी है. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग उठाई है कि पहाड़ी राज्य होने के नाते हिमाचल प्रदेश का केंद्रीय बजट 2025-26 में विशेष ध्यान रखा जाए.

ये भी पढ़ें: सरकारी जमीन से हटाएं हर तरह के अवैध कब्जे, HC ने सभी विभागों को दिए कड़े निर्देश, एक महीने में काटें बिजली पानी कनेक्शन

शिमला: मोदी सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करने जा रही हैं. इस बजट में क्या कुछ रहने वाला है, इसको लेकर हिमाचल में भी आम लोगों के बीच चर्चाएं हो रही है. वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से 2025-26 के लिए पेश किए जा रहे बजट को लेकर हिमाचल सरकार भी काफी उम्मीदें लगाई बैठी है. प्रदेश में सुक्खू सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि देश के मैदानी राज्यों की तुलना में हिमाचल भौगोलिक स्थिति अलग हैं. ऐसे में प्रदेश को बजट में अलग तरह की उम्मीदें रहती है. जिसका बजट में ध्यान रखा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के कारण हिमाचल मेंटेनेंस खर्च और कॉस्ट कंस्ट्रक्शन अधिक हैं. प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में गांव दूर दूर हैं. इसलिए आबादी भी बिखरी हुई हैं. प्रदेश के काजा और स्पीति में तो ऐसे भी गांव है, जहां जनसंख्या डबल डिजिट में है. लेकिन प्रदेश सरकार ऐसे एरिया में भी लोगों को सुविधाएं उपलब्ध करानी है. इसलिए केंद्र सरकार की ओर से कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए बजट दिया जाना चाहिए.

'बजट में रखा जाए हिमाचल का ध्यान'

राजेश धर्माणी ने कहा, "जैसलमेर की प्री-बजट बैठक में भी प्रदेश का पक्ष केंद्र सरकार के सामने रखा था. हिमाचल का कार्बन प्रिंट कम है. हिमाचल प्रदेश की वजह से कई अन्य राज्यों को भी साफ हवा और शुद्ध पानी उपलब्ध होता है. ऐसे में इसका कंपनसेशन भी राज्य सरकार को दिया जाना चाहिए. हिमाचल भी भारत के संघीय ढांचे का हिस्सा है. ऐसे में प्रदेश के लिए विशेष बजट की उम्मीद है".

राजेश धर्माणी ने कहा कि कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए फंड से भी हिमाचल प्रदेश सरकार को फायदा मिल सकता है. ऐसे में उन दूरदराज के इलाकों तक लोगों को सुविधा पहुंचाई जा सकेगी, जहां इन सुविधाओं की कमी है. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग उठाई है कि पहाड़ी राज्य होने के नाते हिमाचल प्रदेश का केंद्रीय बजट 2025-26 में विशेष ध्यान रखा जाए.

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