शिमला: हिमाचल में वाटर सेस मामले को लेकर बेशक हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है, लेकिन कमीशन में चेयरमैन व मेंबर्स के पदों के लिए आवेदनों की झड़ी लग गई है. परिस्थितियां एक अनार, कई बीमार वाली हो गई हैं. सुखविंदर सिंह सरकार ने हिमाचल की नदियों के पानी पर बने पावर प्रोजेक्ट्स पर वाटर सेस लगाने के लिए विधेयक पारित किया है. हिमाचल सरकार के इस फैसले को जलविद्युत कंपनियों ने अदालत में चुनौती दी है. राज्य सरकार की तरफ से सदन में पारित किए गए विधेयक के तहत 172 जलविद्युत कंपनियां आएंगी.
सरकार ने वाटर सेस के सारे मामले देखने के लिए कमीशन के गठन का फैसला लिया है. कमीशन में एक चेयरमैन व चार मेंबर्स होंगे. इसके लिए सरकार ने आवेदन आमंत्रित किए हैं. राज्य सरकार के मुख्य सचिव की अगुवाई वाली कमेटी ने कमीशन के गठन की प्रक्रिया पूरी करनी है. अभी चेयरमैन की हॉट सीट के लिए 15 आवेदन आए हैं. इसके अलावा मेंबर्स की चार सीटों के लिए 25 से अधिक आवेदन आ चुके हैं. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने जून माह में वाटर सेस कमीशन के गठन से जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी थी. अधिसूचना के अनुसार कमीशन में एक चेयरमैन व चार मेंबर्स होंगे. चेयरमैन का वेतन 1.35 लाख रुपए मासिक होगा. इसके अलावा मेंबर्स का वेतन 1.20 लाख रुपए प्रति माह तय किया गया है. यानी वाटर कमीशन में नियुक्ति के लिए सरकार को मासिक 5.15 लाख और सालाना 61.80 लाख रुपए वेतन पर खर्च करने होंगे. राज्य सरकार का अनुमान है कि वाटर सेस लागू होने से खजाने में सालाना 800 से 1000 करोड़ रुपए की रकम आएगी.
अभी कमीशन में चेयरमैन के पद के लिए राज्य सरकार के पास जो आवेदन आए हैं, उनमें आईएएस ऑफिसर्स, हाईकोर्ट के वकील, इंजीनियर्स आदि भी हैं. राज्य सरकार को 40 से अधिक आवेदन मिल चुके हैं. कुछ ने तो चेयरमैन व मेंबर, दोनों ही पदों के लिए आवेदन किया हुआ है. आईएएस अधिकारी और वर्तमान समय में जलशक्ति विभाग में सचिव अमिताभ अवस्थी इसी महीने सेवानिवृत हो रहे हैं. उन्होंने चेयरमैन पद के लिए आवेदन किया है.
रिटायर हो चुके आईएएस अधिकारी विकास लाबरू ने भी चेयरमैन पद के लिए आवेदन किया हुआ है. उल्लेखनीय है कि वो जलशक्ति विभाग में सचिव पद पर रहे हैं. इसी तरह शिमला के डीसी रहे आईएएस अधिकारी अमित कश्यप का आवेदन भी आया है. बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग में सेवारत रहे एसपी कत्याल, हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड से सेवानिवृत्त आरके शर्मा समेत हाईकोर्ट के कुछ एडवोकेट भी कतार में हैं.
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अगुवाई वाली चयन कमेटी में वित्त विभाग, कानून विभाग, जलशक्ति विभाग के सचिव भी सदस्य के तौर पर शामिल हैं. कमीशन में चेयरमैन व सदस्यों का चयन होने के बाद कमीशन पूरी तरह से फंक्शनल हो जाएगा. उसके बाद राज्य सरकार 172 जलविद्युत परियोजनाओं को वाटर सेस के बिल भेजेगी. इस मामले में हाईकोर्ट में आगामी सुनवाई 16 अगस्त को होनी है. राज्य सरकार आगामी सुनवाई से पहले कमीशन का गठन कर वाटर सेस बिल भेजने पर विचार कर रही है.