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17 पीएचसी बंद करने पर वीरभद्र सिंह ने जाहिर की नाराजगी, सरकार को फैसला वापस लेने की दी नसीहत - ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य

हिमाचल में 17 प्राइमरी हेल्थ सेंटरों को बंद करने के राज्य सरकार के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होने इस फैसले को वापस लेने की मांग की है.उन्होंने कहा की सरकार को ग्रामीण लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं की कोई चिंता नही है. वीरभद्र सिंह ने कहा है कि पंचायती राज संस्थाओं का लोकतंत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है. ग्रामीण विकास में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहता है. उन्होंने प्रदेश के लोगों से अपील की है कि वह ज्यादा से ज्यादा अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए अपने गांव व क्षेत्र की प्रगति के लिये वोट करें.

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह
thumbnaiपूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह
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Published : Dec 22, 2020, 7:39 PM IST

शिमलाः प्रदेश में 17 प्राइमरी हेल्थ सेंटरों को बंद करने के राज्य सरकार के फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने जनविरोधी करार दिया है ओर सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा की इस निर्णय से साफ है कि भाजपा ग्रामीण क्षेत्रों की विकास विरोधी है और उसे ग्रामीण लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं की कोई चिंता नही है.

कांग्रेस ने बिना भेदभाव के किया विकास

वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश में बगैर किसी भेदभाव के विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अनेक स्वास्थ्य केंद्र व स्कूलों को खोला है. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश सरकार इन्हें बंद कर अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय दे रही है.

तुरंत रद्द करना चाहिए जन विरोधी फैसला

वीरभद्र सिंह ने कहा की कोविड महामारी के चलते आज जहां ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को ओर सुदृढ़ करने की बहुत ही आवश्यकता है वहीं प्रदेश सरकार इसे कमजोर करने में जुटी है. उन्होंने सरकार के इस कदम को बहुत ही अफसोस जनक बताते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री को इस निर्णय पर पुनः विचार करते हुए जनहित में इस फैसले को तुरंत रद्द करना चाहिए.

पंचायती राज चुनावों पर बोले वीरभद्र सिंह

वीरभद्र सिंह ने कहा है कि पंचायती राज संस्थाओं का लोकतंत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है. ग्रामीण विकास में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहता है. उन्होंने प्रदेश के लोगों से अपील की है कि वह ज्यादा से ज्यादा अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए अपने गांव व क्षेत्र की प्रगति के लिये वोट करें.

जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट होने का समय

उन्होंने कहा कि यह समय सरकार की जनविरोधी नीतियों व निर्णयों के खिलाफ एकजुट होने का है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सदैव ही ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दी है, इसलिए अब फिर से उनके पास कांग्रेस को मजबूत करने का एक सुनहरा मौका है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इन चुनावों में कांग्रेस विचारधारा को मजबूती मिलेगी और कांग्रेस से जुड़े लोग जीत कर आगे आएंगे.

ये भी पढ़ें: चुनने से पहले सुन लें, जनता चाहे तो एक झटके में लखपति हो सकती है पंचायत

शिमलाः प्रदेश में 17 प्राइमरी हेल्थ सेंटरों को बंद करने के राज्य सरकार के फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने जनविरोधी करार दिया है ओर सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा की इस निर्णय से साफ है कि भाजपा ग्रामीण क्षेत्रों की विकास विरोधी है और उसे ग्रामीण लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं की कोई चिंता नही है.

कांग्रेस ने बिना भेदभाव के किया विकास

वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश में बगैर किसी भेदभाव के विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अनेक स्वास्थ्य केंद्र व स्कूलों को खोला है. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश सरकार इन्हें बंद कर अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय दे रही है.

तुरंत रद्द करना चाहिए जन विरोधी फैसला

वीरभद्र सिंह ने कहा की कोविड महामारी के चलते आज जहां ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को ओर सुदृढ़ करने की बहुत ही आवश्यकता है वहीं प्रदेश सरकार इसे कमजोर करने में जुटी है. उन्होंने सरकार के इस कदम को बहुत ही अफसोस जनक बताते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री को इस निर्णय पर पुनः विचार करते हुए जनहित में इस फैसले को तुरंत रद्द करना चाहिए.

पंचायती राज चुनावों पर बोले वीरभद्र सिंह

वीरभद्र सिंह ने कहा है कि पंचायती राज संस्थाओं का लोकतंत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है. ग्रामीण विकास में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहता है. उन्होंने प्रदेश के लोगों से अपील की है कि वह ज्यादा से ज्यादा अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए अपने गांव व क्षेत्र की प्रगति के लिये वोट करें.

जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट होने का समय

उन्होंने कहा कि यह समय सरकार की जनविरोधी नीतियों व निर्णयों के खिलाफ एकजुट होने का है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सदैव ही ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दी है, इसलिए अब फिर से उनके पास कांग्रेस को मजबूत करने का एक सुनहरा मौका है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इन चुनावों में कांग्रेस विचारधारा को मजबूती मिलेगी और कांग्रेस से जुड़े लोग जीत कर आगे आएंगे.

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