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राम मंदिर निमंत्रण पर विक्रमादित्य सिंह ने लिया यू-टर्न, पार्टी आलाकमान के रुख के बाद बदले सुर

Vikramaditya Singh On Ram Mandir invitation: 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने की घोषणा करने वाले कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपना रुख बदल लिया है. कांग्रेस आलाकमान के राम मंदिर से मिले निमंत्रण अस्वीकार करने के बाद विक्रमादित्य ने राम मंदिर कार्यक्रम में जाने को लेकर अपना बयान बदल लिया है. पढ़िए पूरी खबर...

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By PTI

Published : Jan 16, 2024, 8:03 AM IST

Updated : Jan 16, 2024, 8:43 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में जाने को लेकर अपना रुख बदल लिया है. विक्रमादित्य ने पहले 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने की घोषणा की थी. वहीं, अब उन्होंने राम मंदिर को लेकर अपना रुख बदल लिया है. उन्होंने कहा जब भी मेरा मन होगा, तब अयोध्या मंदिर का दौरा करेंगे.

माना जा रहा है कि विक्रमादित्य सिंह ने अपने बयान में यह बदलाव 10 जनवरी को पार्टी आलाकमान की घोषणा के बाद किया है. गौरतलब है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए मिले निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है. जिसके बाद अब अयोध्या राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर विक्रमादित्य सिंह के सुर बदले नजर आ रहे हैं.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा "पार्टी आलाकमान ने निर्दिष्ट किया है कि हर कोई जब चाहे मंदिर जाने के लिए स्वतंत्र है. क्योंकि धर्म और आस्था का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. इसलिए हम निश्चित रूप से मंदिर जाएंगे. मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि मैं 22 जनवरी को जाऊंगा, लेकिन जब भी मेरा मन होगा तब जाऊंगा. हम कांग्रेस के मेहनती कार्यकर्ता हैं और कांग्रेस की विचारधारा हमारी विचारधारा है, जो भाजपा और आरएसएस से अलग है"

विक्रमादित्य ने कहा "अगर किसी में आस्था और पवित्र दिल नहीं है और वह दिखावे के लिए 22 जनवरी को मंदिर जा रहा है, तो यह इसके लायक नहीं है. न केवल राम मंदिर, बल्कि जब भी संभव होगा, हम देश के हर मंदिर का दौरा करेंगे. यह तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ही थे, जिन्होंने 1989 में राम मंदिर के द्वार खोलने का आदेश दिया था. भगवान राम में हमारी असीम आस्था है और हमें हिंदू होने के लिए बीजेपी और आरएसएस से किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है."

वहीं, 8 जनवरी को विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि वह अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. साथ ही उन्होंने निमंत्रण के लिए आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के प्रति आभार भी व्यक्त किया था. उन्होंने कहा था कि यह इस ऐतिहासिक दिन का हिस्सा बनने का जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर है और देव समाज में आस्था रखने वाले एक हिंदू के रूप में, यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं इस अवसर पर उपस्थित रहूं और 'प्राण प्रतिष्ठा' का गवाह बनूं.

गौरतलब है कि हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष और विक्रमादित्य सिंह की मां सांसद प्रतिभा सिंह ने मंदिर निर्माण की पहल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की थी. प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह को अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने के लिए संयुक्त निमंत्रण पत्र मिला है.

ये भी पढ़ें: खेल विभाग वापस लेने पर कोई नाराजगी नहीं, लोकसभा चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं- विक्रमादित्य सिंह

शिमला: हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में जाने को लेकर अपना रुख बदल लिया है. विक्रमादित्य ने पहले 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने की घोषणा की थी. वहीं, अब उन्होंने राम मंदिर को लेकर अपना रुख बदल लिया है. उन्होंने कहा जब भी मेरा मन होगा, तब अयोध्या मंदिर का दौरा करेंगे.

माना जा रहा है कि विक्रमादित्य सिंह ने अपने बयान में यह बदलाव 10 जनवरी को पार्टी आलाकमान की घोषणा के बाद किया है. गौरतलब है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए मिले निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है. जिसके बाद अब अयोध्या राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर विक्रमादित्य सिंह के सुर बदले नजर आ रहे हैं.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा "पार्टी आलाकमान ने निर्दिष्ट किया है कि हर कोई जब चाहे मंदिर जाने के लिए स्वतंत्र है. क्योंकि धर्म और आस्था का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. इसलिए हम निश्चित रूप से मंदिर जाएंगे. मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि मैं 22 जनवरी को जाऊंगा, लेकिन जब भी मेरा मन होगा तब जाऊंगा. हम कांग्रेस के मेहनती कार्यकर्ता हैं और कांग्रेस की विचारधारा हमारी विचारधारा है, जो भाजपा और आरएसएस से अलग है"

विक्रमादित्य ने कहा "अगर किसी में आस्था और पवित्र दिल नहीं है और वह दिखावे के लिए 22 जनवरी को मंदिर जा रहा है, तो यह इसके लायक नहीं है. न केवल राम मंदिर, बल्कि जब भी संभव होगा, हम देश के हर मंदिर का दौरा करेंगे. यह तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ही थे, जिन्होंने 1989 में राम मंदिर के द्वार खोलने का आदेश दिया था. भगवान राम में हमारी असीम आस्था है और हमें हिंदू होने के लिए बीजेपी और आरएसएस से किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है."

वहीं, 8 जनवरी को विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि वह अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. साथ ही उन्होंने निमंत्रण के लिए आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के प्रति आभार भी व्यक्त किया था. उन्होंने कहा था कि यह इस ऐतिहासिक दिन का हिस्सा बनने का जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर है और देव समाज में आस्था रखने वाले एक हिंदू के रूप में, यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं इस अवसर पर उपस्थित रहूं और 'प्राण प्रतिष्ठा' का गवाह बनूं.

गौरतलब है कि हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष और विक्रमादित्य सिंह की मां सांसद प्रतिभा सिंह ने मंदिर निर्माण की पहल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की थी. प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह को अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने के लिए संयुक्त निमंत्रण पत्र मिला है.

ये भी पढ़ें: खेल विभाग वापस लेने पर कोई नाराजगी नहीं, लोकसभा चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं- विक्रमादित्य सिंह

Last Updated : Jan 16, 2024, 8:43 AM IST
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