शिमला: शिमला ग्रामीण विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लिया है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बीते दिनों हिमाचल कैबिनेट की हुई बैठक में मंत्री महेंद्र सिंह और मुख्य सचिव अनिल खाची के बीच नोकझोंक हुई थी. इस नोकझोंक के दौरान सीएम जयराम ठाकुर वहां मौजूद थे और उनके सामने ही मंत्री महेंद्र सिंह ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के साथ दुर्व्यवहार किया जो सही नहीं है.
'अधिकारियों को धमकाते हैं मंत्री'
विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि इस तरह का कोई भी व्यवहार किसी भी अधिकारी के मनोबल पर विपरित असर डाल सकता है. प्रदेश सरकार में मंत्री जनमंच में अधिकारियों को डराने धमकाने का काम कर रहे हैं और अब मुख्यमंत्री के समक्ष मुख्य सचिव अनिल खाची के साथ जो दुर्व्यवहार किया गया, वो चिंता का विषय है.
'मंत्री ने मुख्य सचिव से की बदसलूकी'
विधायक ने बताया कि एसडीएसआर का फंड प्रदेश सरकार द्वारा जो अलग-अलग जिलों को दिया जाता है, उसे कैबिनेट बैठक में मंत्री महेंद्र सिंह द्वारा फंड मंडी में देने की बात कही गई थी, जिस पर मुख्य सचिव ने आपत्ति जताई थी और इसी पर मंत्री महेंद्र सिंह ने मुख्य सचिव के साथ बदसलूकी की. उन्होंने कहा कि अफसरों को धमकाकर और बदसलूकी से काम नहीं होता. इस तरीके की बदसलूकी से प्रदेश का नाम खराब हो रहा है, वह चाहे बीते दिन कुल्लू की घटना हो या फिर कुछ दिन पहले हुई कैबिनेट बैठक की.
'वीरभद्र सिंह से सीखें कैसे चलती है सरकार'
विधायक विक्रमादित्य सिंह ने ये भी कहा कि सरकार कैसे चलाई जाती है, इसके लिए मंत्रियों को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से सीख लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह लंबे समय तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और उन्होंने अफसरों के साथ एक बेहतरीन तालमेल बना कर काम करवाया है.
मामले में सीएम से सख्त कार्रवाई की अपील
विधायक विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि कैबिनेट बैठक में मुख्य सचिव के साथ बदसलूकी और कुल्लू में एसपी और सीएम सुरक्षा अधिकारियों में हुई झड़प, दोनों घटनाएं उनके सामने हुई हैं, इसलिए दोनों मामलों पर गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए. साथ ही कहा कि अपने कैबिनेट के मंत्रियों को समझाएं कि इस तरीके की बदसलूकी वे प्रदेश के अफसरों के साथ ना करें, वरना विपक्ष को अधिकारियों के पक्ष में उतरना पड़ेगा.
विधायक का भाजपा नेताओं पर आरोप
विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया है कि वह प्रदेश में अव्यवस्था फैला रहें है. अधिकारियों पर दबाव बना कर उन्हें अपने कर्तव्य निष्ठा से दूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि आज प्रदेश में सरकार और ब्यूरोक्रेसी में कोई तालमेल नहीं रह गया है और दोनों में दूरियां बढ़ती जा रही हैं.
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