विदिशा: एक बार फिर विदिशा जिला अस्पताल के कोविड सेंटर में मरीजों को लेकर लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां एक 92 साल का बुजुर्ग पलग से नीचे गिर गया और रातभर अस्पताल के फर्श पर पड़ा रहा. जब आसपास भर्ती मरीजों ने अस्पताल के वार्डबॉय और स्टाफ नर्स को सूचना दी, तो दोनों की मदद से बुजुर्ग को दोबारा बिस्तर पर लिटाया गया. इसका अब वीडियो वायरल हो रहा है. वहीं अस्पताल के डॉक्टर इसे इतना गंभीर मामला नहीं मान रहे हैं.
जिला अस्पताल के कोविड सेंटर का ये पहला मामला नहीं है, जब मरीजों से लापरवाही का मामला सामने आया हो. पहले भी कोविड सेंटर में भर्ती मरीज अपने खुद के वीडियो वायरल कर अस्पताल की लापरवाही को उजागर कर चुके हैं. कभी मरीजों के साथ बदसुलुकी, तो कभी कोविड में खराब खाना सप्लाई का मामला इन कोविड सेंटर की सुर्खियां बन चुका है.
ये भी पढ़े- कोरोना मरीज के साथ ठेके पर रुकी एंबुलेंस, पीपीई किट पहने स्वास्थ्य कर्मी ने खरीदी शराब
विदिशा के 92 साल के नारायण त्रिपाठी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. बुजुर्ग की हालात गंभीर है, ऑक्सीजन के बिना सांस लेने में दिक्कत आ रही है.
बुजुर्ग रात में पलंग से नीचे गिर गया और रात भर पलंग के नीचे पड़ा रहा, लेकिन अस्पताल प्रबंधन को इसकी सुध नहीं है. वहीं आसपास के मरीजों की सूचना के बाद बुजुर्ग की देख-रेख की गई, हालांकि अभी बुजुर्ग की हलात ठीक है.
वहीं जगदीश नारायण त्रिपाठी की पोती प्रियंका मिश्रा का कहना है कि 20 सितंबर को उन्हें कफ और सांस लेने में समस्या आ रही थी, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. डॉक्टरों ने 21 फिर सैंपल रिजेक्ट होने की बात कही. 22 और 23 सितंबर को कोई कार्रवाई नहीं की गई. 24 की सुबह जब अस्पताल पहुंचे तो दादा नीचे गिरे पड़े थे. उनपर एक चादर पड़ी हुई थी. हंगामा करने पर एक महिला स्वीपर और एक गार्ड ने उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया.
कोविड सेंटर की लापरवाही के बारे में जब सिविल सर्जन डॉक्टर संजय खरे से सवाल किया गया तो वो इसे ज्यादा गंभीर मामला नहीं मानते हैं, बल्कि अपने स्टाफ की ही तारीफों के पुलिंदे बांधते नजर आए.