शिमला: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने गुरुवार को राजभवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला लाहौल-स्पीति के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चर्चा की. इस दौरान राज्यपाल ने जिला की समृद्ध जनजातीय संस्कृति को संजोए रखने, क्षेत्र के लोगों के अधिकारों के संरक्षण और क्षेत्र के विकास को रफ्तार देने की बात कही.
राज्यपाल ने लाहौल-स्पीति में कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना भी की. दत्तात्रेय ने कहा कि कोरोना जांच में बढ़ाई जानी चाहिए. इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए. उन्होंने रक्तदान शिविर आयोजित करने पर भी बल दिया. उन्होंने कहा कि रोहतांग सुरंग के निर्माण से जनजातीय क्षेत्रों में विकासात्मक गतिविधियां अधिक सुदृढ़ होगी. उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार गतिविधियां बढ़ाने पर भी बल दिया.
इस अवसर पर स्थानीय प्रतिनिधियों ने केलंग के स्थानीय अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की आवश्यकता, 197 किलोमीटर लंबी ग्राम्फो-काजा सड़क के रख-रखाव, तांदी सड़क की मरम्मत और लाहौल में भू-बंदोबस्त कार्य की मांग उठाई. इसपर राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार को उनकी मांगों से अवगत करवाया जाएगा.
जिला उपायुक्त कमल कांत ने कोविड-19 से निपटने की तैयारियों, विभिन्न सुविधाओं, दूर संचार की स्थिति तथा रोहतांग सुरंग से पर्यटन पर पड़ने वाले प्रभाव की भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गत वर्ष मनरेगा के तहत 1 लाख 16 हजार कार्य दिवस सृजित किए गए हैं और वर्तमान वर्ष में भी हर पंचायत में कार्य प्रगति पर हैं. क्षेत्र की संचार सुविधाओं में व्यापक सुधार हुआ है और एक साल में संचार प्रणाली को और सुदृढ़ किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पंचायतों को वी-सैट सुविधा प्रदान की गई है.
पुलिस अधीक्षक राजेश धर्माणी ने इंडो-तिब्बत (चीन) सीमावर्ती क्षेत्र की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की. जिला परिषद के अध्यक्ष रमेश रूवालवा, जनजातीय सलाहकार समिति सदस्य नवांग उपासक, जनजातीय सलाहकार समिति एवं बाल कल्याण समिति सदस्य पुष्पा देवी, जिला परिषद सदस्य सुनील, ब्लॉक समिति की अध्यक्ष सुमिता डोगरा, रिगजिन हायरप्पा और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी संवाद में भाग लिया और विभिन्न स्थानीय मुद्दे उठाए.