शिमला: राजधानी शिमला में सब्जी के दाम को लेकर उपनगरों के सब्जी फल विक्रेता मुखर हो गए हैं और जिला प्रशासन पर सब्जी मंडी के दामों के मुताबिक दाम तह न करने के आरोप लगाए हैं. बुधवार को संजौली के सब्जी विक्रेता डीसी से मिलने पहुंचे और उपायुक्त से ढली सब्जी मंडी के मुताबिक रेट तय करने की मांग की.
जिला प्रशासन शिमला मंडी के तय रेट मुताबिक सब्जी बेचने में हो रहा है नुकसान
सब्जी विक्रेताओं का आरोप है कि जिला प्रशासन शिमला मंडी के मुताबिक रेट तह कर रहा है जबकि ढली मंडी में अलग रेट पर सब्जी मिलती है जो जिला प्रशासन सब्जी और फल के दामों की सूची जारी करता है उसमें सब्जियों के दाम कम होते हैं, जबकि सब्जी महंगी विक्रेता खरीद के ला रहे है. ऐसे में उन्हें सब्जी कम दामों पर बेचनी पड़ रही है जिससे उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है.
जिला प्रशासन मंडियों के रेट लिस्ट में ढली सब्जी मंडी के मुकाबले है कम दाम
सब्जी विक्रेता रवि कुमार दलित ने कहा कि जिला प्रशासन मंडियों के मुताबिक सब्जियों के रेट तय नहीं कर रहा है. ढली सब्जी मंडी में महंगे दामों पर सब्जियां खरीद के विक्रेता आते हैं और जो जिला प्रशासन की रेट लिस्ट आती है उसमें दाम कम होते हैं. जिससे उनको नुकसान झेलना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जब ढली में खरीद के मुताबिक विक्रेता सब्जी बेचता है तो जिला प्रशासन उनका 15 सौ का चालान कर रहा है. लोग भी उनसे उलझ रहे हैं. उन्होंने मांग की की जिला प्रशासन को ढली सब्जी मंडी के मुताबिक रेट तह करने चाहिए.
बता दें कि जिला प्रशासन की ओर से हर रोज सभी फलों के दाम तय करता है और तह रेट से ज्यादा दाम वसूलने वालों पर जिला प्रशासन कार्रवाई भी कर रहा है और रेट लिस्ट न लगाने वालों के चालान भी किए जा रहे हैं, लेकिन विक्रेताओं ने जिला प्रशासन पर ही सही रेट लिस्ट जारी न करने के आरोप लगाए हैं.
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