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कोरोना संकट: किसान झेल रहे दोहरी मार, बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल खराब - ओलावृष्टि से सब्जियां और गेहूं को नुकसान

मौसम खराब होने से अब किसानों को फसल खराब होने का डर सताने लगा है. फसल पूरी तरह पकने से पहले ही किसानों ने गेहूं की कटाई करना शुरू कर दिया है. जिला शिमला के जुब्बड़हट्टी के साथ लगते गांव सुजाना में भी किसानों ने गेहूं की कटाई शुरू कर दी है.

Vegetable and wheat
बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल खराब
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Published : May 4, 2020, 3:14 PM IST

शिमला: देश भर में फैले कोराना संक्रमण संकट के दौरान किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. लॉकडाउन के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात के साधन नहीं मिलने से किसानों की नकदी फसलें खेतों में ही खड़ी है. प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में हो रही ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी फसलों को भी नुकसान हो रहा है.

मौसम खराब होने से अब किसानों को फसल खराब होने का डर सताने लगा है. फसल पूरी तरह पकने से पहले ही किसानों ने गेहूं की कटाई करना शुरू कर दिया है. जिला शिमला के जुब्बड़हट्टी के साथ लगते गांव सुजाना में भी किसानों ने गेहूं की कटाई शुरू कर दी है.

वीडियो

ग्रामीण महिला का कहना है कि बारिश और ओलावृष्टि के कारण अगर उनकी फसल खराब होती है तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. हालांकि गेहूं की फसल अभी पूरी तरह पकी भी नहीं है, लेकिन उन्हें मजबूरन इसकी कटाई करनी पड़ रही है.

इससे पहले भी खेतों में उगाई सब्जियां खराब होने के कारण उन्हें मंडियों में अच्छे दाम नहीं मिले जिससे उनकी आर्थिकी पर खासा असर पड़ा है. बता दें कि ओलावृष्टि के चलते सब्जियों और गेहूं को काफी नुकसान हुआ है. मौसम विभाग की ओर से आगामी तीन दिन तक बारिश और ओलावृष्टि की चेतवानी जारी की गई है, जिसको देखते हुए किसानों को फसलें खराब होने का डर सता रहा है.

शिमला: देश भर में फैले कोराना संक्रमण संकट के दौरान किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. लॉकडाउन के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात के साधन नहीं मिलने से किसानों की नकदी फसलें खेतों में ही खड़ी है. प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में हो रही ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी फसलों को भी नुकसान हो रहा है.

मौसम खराब होने से अब किसानों को फसल खराब होने का डर सताने लगा है. फसल पूरी तरह पकने से पहले ही किसानों ने गेहूं की कटाई करना शुरू कर दिया है. जिला शिमला के जुब्बड़हट्टी के साथ लगते गांव सुजाना में भी किसानों ने गेहूं की कटाई शुरू कर दी है.

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ग्रामीण महिला का कहना है कि बारिश और ओलावृष्टि के कारण अगर उनकी फसल खराब होती है तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. हालांकि गेहूं की फसल अभी पूरी तरह पकी भी नहीं है, लेकिन उन्हें मजबूरन इसकी कटाई करनी पड़ रही है.

इससे पहले भी खेतों में उगाई सब्जियां खराब होने के कारण उन्हें मंडियों में अच्छे दाम नहीं मिले जिससे उनकी आर्थिकी पर खासा असर पड़ा है. बता दें कि ओलावृष्टि के चलते सब्जियों और गेहूं को काफी नुकसान हुआ है. मौसम विभाग की ओर से आगामी तीन दिन तक बारिश और ओलावृष्टि की चेतवानी जारी की गई है, जिसको देखते हुए किसानों को फसलें खराब होने का डर सता रहा है.

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