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COVID-19 को लेकर कितना तैयार है हिमाचल, जानें प्रदेश में मौजूद वेंटिलेटर्स की संख्या

कोरोना वायरस, सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारंटाइन और आइसोलेशन इन शब्दों के अलावा एक और शब्द है जो इन दिनों सबसे ज्यादा इंटरनेट पर सर्च किया जा रहा है या इसकी बात हो रही है. कोरोना के कहर के बीच संक्रमित लोगों की जान बचाने के लिए बुनियादी जरूरतों के अभाव में गंभीर चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. इनमें वेंटिलेटर सबसे बड़ी जरूरत है.

फाइल फोटो
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Published : Apr 6, 2020, 9:13 PM IST

शिमला: कोरोना वायरस, सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारंटाइन और आइसोलेशन इन शब्दों के अलावा एक और शब्द है जो इन दिनों सबसे ज्यादा इंटरनेट पर सर्च किया जा रहा है या इसकी बात हो रही है. कोरोना के कहर के बीच संक्रमित लोगों की जान बचाने के लिए बुनियादी जरूरतों के अभाव में गंभीर चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. इनमें वेंटिलेटर सबसे बड़ी जरूरत है.

पूरी दुनिया में तेजी से पैर पसार रहे कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से वेंटिलेटर की कम संख्या से हर मुल्क चिंता में है. अमेरिका से लेकर चीन तक और इटली से लेकर भारत तक सबको वेंटिलेटर चाहिए. वेंटिलेटर को लेकर आपके मन में भी कई सवाल होंगे. ईटीवी भारत ने आईजीएमसी शिमला के एमएस डॉ. जनक राज से खास बातचीत की. डॉ. जनकराज वेंटिलेटर से जुड़े हर सवाल का जवाब दे रहे हैं.

वीडियो

क्या है वेंटिलेटर

वेंटिलेटर एक तरह की मशीन है जो खुद से सांस लेने में असमर्थ लोगों को कृत्रिम रूप से सांस लेने में मदद करती है. ऐसे मरीज जिनके फेफड़ों में इंफेक्शन होता है या फेफड़े सही तरीके से काम नहीं कर पाते तो ऐसे मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा जाता है ताकि शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाने वाले फेफड़ों का काम वेंटिलेटर कर सके और मरीज का इलाज हो सके. वहीं, इलाज के बाद जब फेफड़ों में इन्फेकशन खत्म हो जाता है तो मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत नहीं होती.

कोरोना वायरस और वेंटिलेटर

कोविड-19 एक वायरल इंफेक्शन है जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं है. कोरोना वायरस रोगियों के फेफड़ों पर असर डालता है. करोना संक्रमित मरीज को कई बार इंटरस्टिशियल निमोनिया हो जाता है. वायरस फेफड़ों के भीतर सूजन पैदा कर देता है, जिससे मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है. ऐसी अवस्था में रोगी को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है ताकि शरीर के ऑर्गन को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल सके.

वेंटिलेटर की कीमत

एमएस डॉ. जनक राज ने जानकारी देते हुए कहा कि वेंटिलेटर की अधिकतम कीमत 20 से 25 लाख तक होती है. हालांकि एक अच्छा वेंटिलेटर दो से ढाई लाख रुपये में भी मिल जाता है. हाल ही में महिंद्रा कंपनी ने बहुत कम कीमत में वेंटिलेटर बनाने का दावा किया है, जिस पर अभी काम चल रहा है.

क्या चिकित्सा संसाधानों को बढ़ाकर हो सकता कोरोना का इलाज ?

डॉ. जनक राज के मुताबिक अगर चिकित्सा संसाधानों को बढ़ाकर कोरोना का इलाज संभव होता तो अमेरिका और इटली जैसे विकसीत देशों में जहां मेडिकल सुवीधाएं विश्व में सबसे बेहतरीन हैं वहां इतनी अधिक मौतें नहीं होती. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि फिलहाल कोरोना का इलाज सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई का ध्यान रखना है.

हिमाचल के अस्पतालों में वेंटिलेटर की संख्या

बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि वर्तमान में हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में 75 वेंटिलेटर्स हैं. वहीं, प्रदेश सरकार ने आपातकालीन स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार से 60 वेंटिलेटर्स की मांग की है. डॉ. जनक राज ने बताया कि हाल ही में प्रदेश में मरीजों की संख्या को देखते हुए वेंटिलेटर पर्याप्त मात्रा में हैं, हालांकि आगे मरीजों की संख्या किस गति से बढ़ती है ये कहा नहीं जा सकता.

वहीं, डॉ. जनक राज ने लोगों से घरों में रहकर लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की अपील की है, जिससे कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके. बता दें कि हिमाचल में अब तक कोरना के 14 मामले पॉजिटिव आए हैं, जिनमें से 7 का इलाज हिमाचल में चल रहा है. वहीं, तीन मरीजों का इलाज दिल्ली में चल रहा है. अब तक प्रदेश में कोरोना से एक की मौत और दो मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं.

शिमला: कोरोना वायरस, सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारंटाइन और आइसोलेशन इन शब्दों के अलावा एक और शब्द है जो इन दिनों सबसे ज्यादा इंटरनेट पर सर्च किया जा रहा है या इसकी बात हो रही है. कोरोना के कहर के बीच संक्रमित लोगों की जान बचाने के लिए बुनियादी जरूरतों के अभाव में गंभीर चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. इनमें वेंटिलेटर सबसे बड़ी जरूरत है.

पूरी दुनिया में तेजी से पैर पसार रहे कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से वेंटिलेटर की कम संख्या से हर मुल्क चिंता में है. अमेरिका से लेकर चीन तक और इटली से लेकर भारत तक सबको वेंटिलेटर चाहिए. वेंटिलेटर को लेकर आपके मन में भी कई सवाल होंगे. ईटीवी भारत ने आईजीएमसी शिमला के एमएस डॉ. जनक राज से खास बातचीत की. डॉ. जनकराज वेंटिलेटर से जुड़े हर सवाल का जवाब दे रहे हैं.

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क्या है वेंटिलेटर

वेंटिलेटर एक तरह की मशीन है जो खुद से सांस लेने में असमर्थ लोगों को कृत्रिम रूप से सांस लेने में मदद करती है. ऐसे मरीज जिनके फेफड़ों में इंफेक्शन होता है या फेफड़े सही तरीके से काम नहीं कर पाते तो ऐसे मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा जाता है ताकि शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाने वाले फेफड़ों का काम वेंटिलेटर कर सके और मरीज का इलाज हो सके. वहीं, इलाज के बाद जब फेफड़ों में इन्फेकशन खत्म हो जाता है तो मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत नहीं होती.

कोरोना वायरस और वेंटिलेटर

कोविड-19 एक वायरल इंफेक्शन है जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं है. कोरोना वायरस रोगियों के फेफड़ों पर असर डालता है. करोना संक्रमित मरीज को कई बार इंटरस्टिशियल निमोनिया हो जाता है. वायरस फेफड़ों के भीतर सूजन पैदा कर देता है, जिससे मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है. ऐसी अवस्था में रोगी को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है ताकि शरीर के ऑर्गन को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल सके.

वेंटिलेटर की कीमत

एमएस डॉ. जनक राज ने जानकारी देते हुए कहा कि वेंटिलेटर की अधिकतम कीमत 20 से 25 लाख तक होती है. हालांकि एक अच्छा वेंटिलेटर दो से ढाई लाख रुपये में भी मिल जाता है. हाल ही में महिंद्रा कंपनी ने बहुत कम कीमत में वेंटिलेटर बनाने का दावा किया है, जिस पर अभी काम चल रहा है.

क्या चिकित्सा संसाधानों को बढ़ाकर हो सकता कोरोना का इलाज ?

डॉ. जनक राज के मुताबिक अगर चिकित्सा संसाधानों को बढ़ाकर कोरोना का इलाज संभव होता तो अमेरिका और इटली जैसे विकसीत देशों में जहां मेडिकल सुवीधाएं विश्व में सबसे बेहतरीन हैं वहां इतनी अधिक मौतें नहीं होती. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि फिलहाल कोरोना का इलाज सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई का ध्यान रखना है.

हिमाचल के अस्पतालों में वेंटिलेटर की संख्या

बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि वर्तमान में हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में 75 वेंटिलेटर्स हैं. वहीं, प्रदेश सरकार ने आपातकालीन स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार से 60 वेंटिलेटर्स की मांग की है. डॉ. जनक राज ने बताया कि हाल ही में प्रदेश में मरीजों की संख्या को देखते हुए वेंटिलेटर पर्याप्त मात्रा में हैं, हालांकि आगे मरीजों की संख्या किस गति से बढ़ती है ये कहा नहीं जा सकता.

वहीं, डॉ. जनक राज ने लोगों से घरों में रहकर लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की अपील की है, जिससे कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके. बता दें कि हिमाचल में अब तक कोरना के 14 मामले पॉजिटिव आए हैं, जिनमें से 7 का इलाज हिमाचल में चल रहा है. वहीं, तीन मरीजों का इलाज दिल्ली में चल रहा है. अब तक प्रदेश में कोरोना से एक की मौत और दो मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं.

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