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किन्नौर के नमज्ञा डोंगरी में बर्फ में दबे सभी जवानों के शव बरामद, 23वें दिन मिली 2 डेडबॉडी - किन्नौर

नमज्ञा डोंगरी में 20 फरवरी को पानी की लाइन ठीक करने गए थे जवान. ग्लेशियर की चपेट में 4 आईटीबीपी और 6 आर्मी के जवान. रेस्क्यू टीम ने 23वें दिन बरामद की दो जवानों की डेडबॉडी.

किन्नौर के नमज्ञा डोंगरी में बर्फ में दबे सभी जवानों के शव बरामद
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Published : Mar 14, 2019, 2:32 PM IST

शिमला: किन्नौर के नमज्ञा डोंगरी में ग्लेशियर में दबे सभी जवानों के शव मिल गए हैं. 23वें दिन रेस्क्यू टीम ने गुरुवार को दो जवानों के शव बरामद किए हैं. इन जवानों की पहचान हिमाचल के निरमंड आनी के विदेश ठाकुर और जम्मू के अर्जुन के रूप में हुई है.

jawan dead body recover
किन्नौर के नमज्ञा डोंगरी में बर्फ में दबे सभी जवानों के शव बरामद

ग्लेशियर में दबे जवानों की तलाश में स्पेशल टीम ने गुरुवार की सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था. जिसमें दोनों जवानों के शव मिल गए. शहीद जवानों के शव को सेना द्वारा उनके पैतृक गांव भेजा जाएगा.
बता दें किन्नौर के नमज्ञा डोंगरी में 20 फरवरी को पानी की लाइन ठीक करने के लिए आर्मी और आईटीबीपी के 16 जवान नाले में गए थे और ऊपर से अचानक ग्लेशियर आने से 4 आईटीबीपी और 6 आर्मी के जवान उसकी चपेट में आ गए थे. इस हादसे में आईटीबीपी के जवान तो बच गए लेकिन आर्मी के जवान चपेट में आ गए. इन जवानों को 23 दिन से लगातार आर्मी, आईटीबीपी, आर्मी की स्पेशल टास्क टीम, स्निफर डॉग, डीआरडीओ की टीम, थर्मल डिटेक्टर, मेटल डिटेक्टर, पेनेटरेटिंग रडार व स्थानीय ग्रामीणों की सहायता से खोजा जा रहा था.

आपको बता दें कि इस हादसे के दूसरे दिन रेस्क्यू टीम ने सेना के एक जवान राकेश कुमार का शव निकाल लिया था. रेस्क्यू टीम को 2 मार्च को नालागढ़ के राजेश ऋषि का शव मिला था. 4 मार्च को वेस्ट बंगाल के गोविंद छेत्री का शव मिला और 9 मार्च को कांगड़ा के नितिन राणा का शव मिला था.

शिमला: किन्नौर के नमज्ञा डोंगरी में ग्लेशियर में दबे सभी जवानों के शव मिल गए हैं. 23वें दिन रेस्क्यू टीम ने गुरुवार को दो जवानों के शव बरामद किए हैं. इन जवानों की पहचान हिमाचल के निरमंड आनी के विदेश ठाकुर और जम्मू के अर्जुन के रूप में हुई है.

jawan dead body recover
किन्नौर के नमज्ञा डोंगरी में बर्फ में दबे सभी जवानों के शव बरामद

ग्लेशियर में दबे जवानों की तलाश में स्पेशल टीम ने गुरुवार की सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था. जिसमें दोनों जवानों के शव मिल गए. शहीद जवानों के शव को सेना द्वारा उनके पैतृक गांव भेजा जाएगा.
बता दें किन्नौर के नमज्ञा डोंगरी में 20 फरवरी को पानी की लाइन ठीक करने के लिए आर्मी और आईटीबीपी के 16 जवान नाले में गए थे और ऊपर से अचानक ग्लेशियर आने से 4 आईटीबीपी और 6 आर्मी के जवान उसकी चपेट में आ गए थे. इस हादसे में आईटीबीपी के जवान तो बच गए लेकिन आर्मी के जवान चपेट में आ गए. इन जवानों को 23 दिन से लगातार आर्मी, आईटीबीपी, आर्मी की स्पेशल टास्क टीम, स्निफर डॉग, डीआरडीओ की टीम, थर्मल डिटेक्टर, मेटल डिटेक्टर, पेनेटरेटिंग रडार व स्थानीय ग्रामीणों की सहायता से खोजा जा रहा था.

आपको बता दें कि इस हादसे के दूसरे दिन रेस्क्यू टीम ने सेना के एक जवान राकेश कुमार का शव निकाल लिया था. रेस्क्यू टीम को 2 मार्च को नालागढ़ के राजेश ऋषि का शव मिला था. 4 मार्च को वेस्ट बंगाल के गोविंद छेत्री का शव मिला और 9 मार्च को कांगड़ा के नितिन राणा का शव मिला था.

ग्लेशियर में दबे सभी जवानो के शब बरामद ,23  दिन  बाद  ग्लेशियर से निकाले   सेना के दो जवान , 20 फरवरी को ग्लेशियर में दबे थे छे जवान  


शिमला ! किन्नौर के  नमज्ञा डोंगरी में गलेशियर की चपेट में आने से दबे  सभी जवानो के शव  निकाल लिए गए है ! 23 दिन बाद   रेस्क्यू टीम को  बड़ी कामयाबी हाथ  लगी और दो जवानो के शव वीरवार सुबह ही बरामद किए ! जवानो की पहल्चान विदेश ठाकुर  निरमंड  आनी और  जम्मू के रहने वाले  जवान अर्जुन का  शव मिला है ! इससे पहले  सेना ने  दुसरे दिन ही सेना के एक जवान  राकेश कुमार को  निकाल लिया गया था लेकिन उसके बाद दोबारा  ग्लेशियर आने से जवानो को  ढूढने में  काफी मुश्किल हो रहा था  दबे  पांच जवानो को  आर्मी,आइटीबीपी ,डीआरडीओ, स्नीफर डॉग, व स्थानीय ग्रामीणों की सहायता से ढूढ़ा जा रहा था वे पहले मिल गए थे  रेस्क्यू टीम को दो मार्च को  नालागढ़ के  राजेश ऋषि का शव मिला और उसके बाद चार मार्च को  बेस्ट बंगाल के गोबिंद  छेत्री  का शव मिला और 9 मार्च को  कांगड़ा के नितिन राणा का शव  मिला था वाही आज दोनों शव मिल गए है 
बता दे  किन्नौर के नमज्ञा गाँव के डोंगरी में 20 फरवरी को  पाने की लाइन ठीक करने के लिए  आर्मी और आईटीबीपी के 16 जवान  नाले में गए थे और उपर से अचानक  ग्लेशियर आने से  चार आईटीबीपी और 6 आर्मी के जवान उसकी चपेट में आ गए थे इस हादसे में आईटीबीपी के जवान तो बच  गए लेकिन आर्मी के जवान  उसमे दब गए थे  इन जवानो को 23 दिन से  आर्मी,आईटीबीपी,आर्मी की स्पेशल टास्क टीम,स्निफर डॉग,डीआरडीओ की टीम,थर्मल डिटेक्टर,मेटल डिटेक्टर,पेनेटरेटिंग रडार व स्थानीय ग्रामीणों की सहायता से खोजा जा रहा था ।
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