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पर्यटकों को सर्शत अनुमति के बाद भी सुनसान है ये हिल स्टेशन, कारोबारियों को सता रही चिंता

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Published : Aug 5, 2020, 3:06 PM IST

कुदरत की रंगीन फिजाओं में बसा छोटा सा हिल स्टेशन नारकंडा इन दिनों कोरोना महामारी की वजह से सूनसान पड़ा हुआ है. ऐसे में पर्यटन कारोबारी भी उदास भी चिंता में हैं.

tourists place Narkanda
रामपुर

रामपुर: नारकंडा बेहद खूबसूरत व प्राकृतिक स्थान है और यहां की हर जगह प्रकृति का एक अनमोल तोहफा है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से आज ये वीरान पड़ा हुआ है. आलम ये है कि राज्य सरकार द्वारा पर्यटन के लिए प्रदेश के दरवाजे खोलने पर भी अभी तक एक भी सैलानी नारकंडा नहीं पहुंचा है, जिससे कारोबारी उदास हैं.

वीडियो

बता दें कि नारकंडा भारत का सबसे पुराना स्कीइंग डेस्टिनेशन है. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई करीब 2700 मीटर है. ये स्थान हरियाली से ढका हुआ है और यहां बने मखमली हरे घास वाले मैदान बेहद सुखद एहसास कराते हैं. कुदरत की रंगीन फिजाओं में बसा ये छोटा सा हिल स्टेशन खूबसूरत पहाड़ों से घिरा हुआ है और देवदार के ऊंचे पेड़ों की ठंडी हवाएं यहां के शांत वातावरण को और भी प्यारा बना देती हैं.

कैंप संचालक शुभम गुप्ता ने बताया कि बीते सालों में आए दिन हजारों की संख्या में नेचर कैंप व आसपास के क्षेत्र में पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते थे. जिससे नारकंडा सैलानियों से गुलजार रहता था, लेकिन इस साल कोविड-19 के कारण सैलानी नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भले ही पर्यटकों को आने की सशर्त मंजूरी दी हो, लेकिन नारकंडा में अभी तक कोई सैलानी नहीं आया है.

ये भी पढ़ें: किन्नौर के चोलिंग में फटा बादल, सेब के बगीचों को पहुंचा नुकसान

रामपुर: नारकंडा बेहद खूबसूरत व प्राकृतिक स्थान है और यहां की हर जगह प्रकृति का एक अनमोल तोहफा है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से आज ये वीरान पड़ा हुआ है. आलम ये है कि राज्य सरकार द्वारा पर्यटन के लिए प्रदेश के दरवाजे खोलने पर भी अभी तक एक भी सैलानी नारकंडा नहीं पहुंचा है, जिससे कारोबारी उदास हैं.

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बता दें कि नारकंडा भारत का सबसे पुराना स्कीइंग डेस्टिनेशन है. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई करीब 2700 मीटर है. ये स्थान हरियाली से ढका हुआ है और यहां बने मखमली हरे घास वाले मैदान बेहद सुखद एहसास कराते हैं. कुदरत की रंगीन फिजाओं में बसा ये छोटा सा हिल स्टेशन खूबसूरत पहाड़ों से घिरा हुआ है और देवदार के ऊंचे पेड़ों की ठंडी हवाएं यहां के शांत वातावरण को और भी प्यारा बना देती हैं.

कैंप संचालक शुभम गुप्ता ने बताया कि बीते सालों में आए दिन हजारों की संख्या में नेचर कैंप व आसपास के क्षेत्र में पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते थे. जिससे नारकंडा सैलानियों से गुलजार रहता था, लेकिन इस साल कोविड-19 के कारण सैलानी नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भले ही पर्यटकों को आने की सशर्त मंजूरी दी हो, लेकिन नारकंडा में अभी तक कोई सैलानी नहीं आया है.

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