करसोग: साक्षरता में अव्वल राज्य की शुमार में हिमाचल के लोगों ने इस बार अपने वोट की ताकत से इतिहास रच दिया है. लोकसभा चुनाव 2019 के अंतिम चरण में 19 मई को हुए मतदान में प्रदेश के लोगों ने अब तक हुए मतदान के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिेए.
इस बार लोकसभा चुनाव में हिमाचल में 72 फीसदी मतदान हुआ है. इससे पहले 1998 में सबसे अधिक 65.32 फीसदी मतदान हुआ था. इससे आगे बढ़कर हिमाचल ने पिछले रिकॉर्ड को सुधारते हुए इस बार 6.68 फीसदी अधिक मतदान किया है. अभी कुछ पोलिंग स्टेशनों में मतदान की गणना चल रही है, ऐसे में परसेंटेज का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है.
वर्तमान में हिमाचल की साक्षरता दर 82 फीसदी है. साक्षरता में अव्वल होने के साथ हिमाचल की जनता ने लोकसभा चुनाव में वोट के महत्व के बारे में भी देश को संदेश दिया है और बढ़चढ़ कर लोकतंत्र के इस पर्व में भाग लिया. युवाओं ने इस चुनाव में गंभीरता से अपनी भागीदारी दिखाई. प्रदेश के करीब 52 लाख मतदाताओं में से 15 लाख युवा मतदाता हैं.19 मई को दुल्हों ने सेहरे के साथ मतदान करने पहुंचकर लोकतंत्र के पर्व में वोट की महता का संदेश दिया.
लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव विभाग की तैयारियां भी काबिले तारीफ रही. लोगों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से वोट डालने के लिए जागरूक किया गया. साथ ही मतदान केंद्रों में दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए बेहतर सुविधाएं दी गई थी. दिव्यांगों और बुजुर्गों को घर से पालकियों से भी मतदान केंद्र तक पहुंचा कर मिसाल कायम की गई. जिसकी बदौलत हिमाचल में इस लोकसभा चुनाव में रिकॉर्डतोड़ मतदान हुआ है.
हिमाचल में कब कितना मतदान
- वर्ष1977 में हुआ 59.56 फीसदी मतदान
- वर्ष 1980 में घटकर 58.70 फीसदी पहुंचा आंकड़ा
- 1984-85 में हुए चुनाव में 61.45 फीसदी मतदान
- 1989 में लोकसभा चुनाव में 63.94 फीसदी लोगों ने मतदान प्रक्रिया में लिया था भाग
- 1991 में मतदान प्रतिशत गिरकर पहुंचा 57.40 फीसदी
- 1996 में हुआ 57.58 प्रतिशत मतदान
- 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में टूटे सारे रिकॉर्ड, हुआ 65.32 फीसदी मतदान
- 1999 में हुए चुनाव में हुआ 56.78 प्रतिशत मतदान
- 2004 में 59.71 फीसदी हुआ मतदान
- 2009 में मतदान का प्रतिशत 58.43 रहा था.
- वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में 64.45 फीसदी हुआ मतदान.