शिमला: नगर निगम शिमला के पूर्व उप महापौर टिकेंद्र पंवर ने शिमला जल निगम प्रबंधन लिमिटेड में धांधली होने का आरोप लगाया है. उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन करने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि शिमला जल निगम प्रबंधन लिमिटेड कंपनी में पिछली सरकार के समय में बहुत भ्रष्टाचार हुआ है. ऐसे में एक विशेष जांच टीम बनाई जानी चाहिए.
शिमला जल निगम प्रबंधन लिमिटेड में हो रही धांधली: उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में जिन अफसरों, राजनेताओं और इंजीनियरों की संलिप्तता है उनका पर्दाफाश होना चाहिए. उन्होंने ये भी मांग की है कि शिमला जल निगम प्रबंधन लिमिटेड को बर्खास्त किया जाए और जल प्रबंधना का काम शिमला नगर निगम के अधीन किया जाए. उन्होंंने कहा कि वर्ल्ड बैंक ने जो पैसा जारी किया है वो शिमला शहर में पानी की व्यवस्था सही से रहे उसके लिए है न कि किसी की जेब भरने के लिए.
पूर्व उप महापौर ने कहा कि 2017 से पहले सतलुज से पानी लाने के लिए विश्व बैंक से कर्ज के जरिए इस परियोजना को बनाया गया था. यह परियोजना अब तक बन कर तैयार हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पिछली भाजपा सरकार ने करीबी ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा या ठेके के समझौते को नजर अंदाज किया. सतलुज से शिमला को पानी लाने के काम के लिए लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ गुजरात की एक और कंपनी को लगाया गया. उन्होंने इल्जाम लगाया कि बेशक ये प्रक्रियाएं 2018 में शुरू हो गई थी लेकिन काम का अवार्ड 2020 में दिया गया. लेकिन तब से लेकर अब तक सतलुज से शिमला के लिए पानी नहीं पहुंचा है और परियोजना का दस फीसदी काम भी नहीं हुआ है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि शिमला जल निगम प्रबंधन लिमिटेड में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच की जाए.
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