शिमला: भारत तिब्बत सीमा पर बारूदी सुरंग में विस्फोट होने पर शहीद हुए 53 वर्षीय सूबेदार नेईमा तेनजिंग को क्षेत्रीय तिब्बती युवा कांग्रेस और तिब्बती महिला संघ की ओर से श्रद्धांजलि दी गई. यह श्रद्धांजलि कार्यक्रम शिमला के पंथाघाटी में आयोजित किया गया, जिसमें तिब्बती समुदाय के लोगों ने सूबेदार नेईमा तेनजिंग को श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.
सूबेदार नेईमा तेनजिंग लद्दाख में दक्षिणी पैंगोंग झील के किनारे भारत तिब्बत सीमा पर 30 अगस्त को रात आठ बजे पेट्रोलिंग कर रहे थे, जिस समय बारूदी सुरंग में विस्फोट हुआ, जिसमें वो शाहिद हो गए. बीते 33 वर्षों से सूबेदार नेईमा तेनजिंग स्पेशल फ्रंटियर फोर्स की सात विकास बटालियन में देश की सीमा सुरक्षा में तैनात थे.
शहीद तेनजिंग का शव एसएफएफ ट्रक की निगरानी में लेह में सोनमलिंग तिब्बती शरणार्थी बस्ती में उनके घर तक पहुंचाया गया, यह भारतीय तिरंगे और तिब्बती ध्वज दोनों में लिपटा हुआ था. नेईमा तेनजिंग लद्दाख के रहने वाले थे. नेईमा तेनजिंग का अंतिम संस्कार आज लद्दाख में ही किया गया.
तिब्बती यूथ कांग्रेस शिमला के पूर्व अध्यक्ष छिरिंग दोरजे ने कहा कि राष्ट्र के प्रति देशभक्ति की भावना एवं राष्ट्र की सुरक्षा के लिए उनके इम बलिदान को राष्ट्र एवं समस्त तिब्बती समुदाय सदैव याद रखेगा.
इस संकट के घड़ी में हम सभी उनके परिवार जनों के दुख के सहभागी है और इस संकट के क्षण को सहन करने के लिए हिम्मत प्रदान करने के लिए विरत से प्रार्थना करते हैं, साथ ही अपने संवेदना भी व्यक्त करते हैं. इसके साथ ही 24 वर्षीय जवान तेनजिंग लोदेन, जो इस वारदी सुरंग विस्फोट में घायल हुए हैं. उनके भी जल्द से जल्द स्वस्थ होकर फिर से देश के रक्षा के लिए अपने बटालियन पहुंचने के लिए प्रार्थना करते हैं.
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