शिमला: हिमाचल कांग्रेस प्रदेश सरकार पर हमलावर हो गई है. मंगलवार को कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में कांग्रेस के तीन विधायकों हर्षवर्धन चौहान, नंदलाल और मोहन लाल ब्राक्टा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर निशाना साधा और सरकार को कोरोना से निपटने में पूरी तरह से असफल करार दिया.
कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की भी मांग की. कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और ये सरकार कोरोना से निपटने के लिए कोई कार्य योजना तक नहीं बना पा रही. यहां तक कि सरकार जनता से कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा छुपाने में लगी है.
कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश में मरीजों को ले जाने के लिए एंबुलेंस कम पड़ गई है. अस्पतालों में कोरोना के मरीजों को रखने तक की जगह नहीं है. अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी चल रही है. प्रदेश के कैबिनेट मंत्री तक अस्पतालों की अव्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा कर चुके हैं.
सरकार ने जनता को राम भरोसे छोड़ा
उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश की जनता को राम भरोसे छोड़ दिया है. मामले लगातार बढ़ रहे हैं, मौत का आंकड़ा भी रोज बढ़ रहा है. मौतों का जो आंकड़ा सरकार जारी कर रही है, असल में मामले इससे कहीं ज्यादा हैं, जिसको सरकार छुपा रही है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने शुरू से ही सरकार को कोरोना से निपटने के लिए प्लान तैयार करने की नसीहत दी थी, लेकिन जयराम सरकार केंद्र के आदेशों पर ही काम करती रही. जिसके चलते प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं.
किसानों से माफी मांगे मुख्यमंत्री
हर्षवर्धन चौहान ने मुख्यमंत्री के उस बयान की भी निंदा की जिसमें उन्होंने कहा था कि किसानों का आंदोलन राजनीति से प्रेरित है और किसान को काजू और बादाम मुहैया करवाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का इस तरह का बयान निंदनीय है और क्या किसान काजू और बदाम नहीं खा सकता है? मुख्यमंत्री को अपने इस बयान के लिए किसानों से माफी मांगनी चाहिए.
IGMC कोविड वार्ड में व्यवस्थाएं सही नहीं
रोहड़ू के विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने कहा कि वे जब कोरोना संक्रमित हुए थे तो उनकी सुध लेने घर में स्वास्थ्य विभाग से कोई नहीं आ रहा था. इसके बाद भी जब वे आईजीएमसी में भर्ती हुए तो कोविड वार्ड में मरीजों को देखने तक डॉक्टर नहीं आते हैं और न ही सफाई व्यवस्था का ध्यान रखा जा रहा है.
वार्ड में ही जब मौत हो जाती है तो शवों को एक दो घंटे बाद ही उठाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार कोरोना से निपटने में नाकाम हुई है और प्रदेश में जनता की भलाई के लिए हाईकोर्ट को सरकार को निर्देश देने पड़ रहे हैं.