ETV Bharat / state

Himachal Cement Plants Issue: सीमेंट विवाद का नहीं निकला कोई हल, फिर बेनतीजा रही बैठक - उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान

हिमाचल में चल रहा सीमेंट विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. कई दौर की बैठक के बाद शुक्रवार को उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक भी बेनतीजा रही. बैठक में दोनों पक्षों से इस मुद्दे का हल निकालने के लिए कहा गया. पढे़ं पूरी खबर...

Himachal Cement Plants Issue
Himachal Cement Plants Issue
author img

By

Published : Jan 20, 2023, 7:38 PM IST

Updated : Jan 20, 2023, 7:53 PM IST

सीमेंट विवाद पर फिर बेनतीजा रही बैठक.

शिमला: अंबूजा और एसीसी सीमेंट विवाद का कोई हल नहीं निकल पाया है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में सीमेंट कंपनी के प्रतिनिधियों और ट्रक आपरेटरों के बीच हुई बात बेनतीजा रही. बैठक में दोनों पक्षों से इस मुद्दे का हल निकालने के लिए कहा गया. हालांकि सरकार की ओर से बैठक में कह दिया गया है कि अगर दोनों पक्ष एक तर्क संगत माल ढुलाई के रेट को नहीं मानते तो वह अपने स्तर पर कोई फैसला ले सकती है.

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान सीमेटं कंपनियों के विवाद को लेकर कंपनी के प्रबंधन और माल ढुलाई करने वाली ट्रक सोसायिटों के प्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को राज्य सचिवालय में हुई. उद्योग मंत्री ने अडानी की कंपनियों के प्रतिनिधियों से प्लांट शुरू करवाने के बारे में पूछा. इसके अलावा उन्होंने एक उचित रेट ढुलाई का तय करने की भी बात कही. बताया जा रहा है कि कंपनी के प्रतिनिधियों का कहना था कि वह अपने स्तर पर कोई फैसला नहीं ले सकते. बैठक में सामने आई बातों को वह अडानी ग्रुप तक पहुंचाएंगे और फिर जो फैसला प्रबंधन तय करेगा उसके मुताबिक ही आगे का फैसला लेंगे.

ट्रांसपोर्टरों ने सरकार पर छोड़ा फैसला: सीमेंट विवाद हिमाचल की सुखविंदर सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. हिमाचल के दो बड़े सीमेंट प्लांट बंद पड़े हैं, जिससे हजारों लोगों का रोजगार तो चला गया है, साथ में ही हिमाचल में सीमेंट की कमी भी हो गई है. यही वजह है कि सरकार लगातार इसको लेकर दोनों पक्षों की बातचीत करवा रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस विवाद का हल करने के लिए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को जिम्मेवारी दी है. इसके चलते उद्योग मंत्री ने यह बैठक की, लेकिन इसमें भी कोई सहमति नहीं बनी. हालांकि ट्रांसपोर्टरों ने इसका फैसला अब सरकार पर छोड़ दिया है.

ट्रांसपोर्टरों की अगुवाई कर रहे रामकृष्ण शर्मा और उनके साथियों का कहना था कि अडानी ग्रुप अधिक सीमेंट लागत की बात कर लोगों को गुमराह कर रहा है. लेकिन सीमेंट के एक बैग की लागत मुश्किल से 200 रुपये तक पहुंच रही है, जबकि अदानी इसे 500 रुपए में बेच रहा है. यही नहीं उनका कहना था कि एससीसी के सीमेंट और एंबुजा सीमेंट को मिक्स किया जा रहा है. यानी कि एससीसी प्लांट में अंबुजा का सीमेंट और अंबुजा के प्लांट में एससीसी का सीमेंट भरा जा रहा है, जबकि दोनों की क्वालिटी और रेट अलग है. यह लोगों के साथ धोखा है. उनका कहा कि अब सरकार इसमें अपने स्तर पर फैसला ले.

वहीं, बैठक के बाद उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हालांकि सरकार का इस विवाद से कोई सीधा संबंध नहीं है. यह दोनों पक्षों के बीच का विवाद है. उन्होंने कहा कि आज इस विवाद को सुलझाने को लेकर बैठक बुलाई गई थी, जिसमें दोनों पक्षों की बातों को सुना गया. सीमेंट कंपनियों के प्रतिनिधियों से सीमेंट प्लांट खुलवाने और रेट तय करने के बारे में कहा गया है. हालांकि इन प्रतिनिधियों का कहना था कि वे सरकार की ओर कही गई बातों को टॉप के अधिकारियों तक पहुचाएंगे और वही इसका फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि अब इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा और वही इसमें अंतिम फैसला लेंगे.

उल्लेखनीय है कि सीमेंट मालभाड़े के विवाद को लेकर अडानी ग्रुप ने बरमाणा और अंबुजा के अपने दोनों प्लांट 15 दिसंबर से बंद कर रखे हैं. इस विवाद को सुलझाने को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है. लेकिन, अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला है. वहीं, अब उद्योग मंत्री की अध्यक्षता में हुई बातचीत भी बेनतीजा रही है.

ये भी पढ़ें: चंडीगढ़-मनाली हाईवे पर पंजाब के पर्यटकों का हुड़दंग, सरेआम लहराई तलवारें

सीमेंट विवाद पर फिर बेनतीजा रही बैठक.

शिमला: अंबूजा और एसीसी सीमेंट विवाद का कोई हल नहीं निकल पाया है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में सीमेंट कंपनी के प्रतिनिधियों और ट्रक आपरेटरों के बीच हुई बात बेनतीजा रही. बैठक में दोनों पक्षों से इस मुद्दे का हल निकालने के लिए कहा गया. हालांकि सरकार की ओर से बैठक में कह दिया गया है कि अगर दोनों पक्ष एक तर्क संगत माल ढुलाई के रेट को नहीं मानते तो वह अपने स्तर पर कोई फैसला ले सकती है.

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान सीमेटं कंपनियों के विवाद को लेकर कंपनी के प्रबंधन और माल ढुलाई करने वाली ट्रक सोसायिटों के प्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को राज्य सचिवालय में हुई. उद्योग मंत्री ने अडानी की कंपनियों के प्रतिनिधियों से प्लांट शुरू करवाने के बारे में पूछा. इसके अलावा उन्होंने एक उचित रेट ढुलाई का तय करने की भी बात कही. बताया जा रहा है कि कंपनी के प्रतिनिधियों का कहना था कि वह अपने स्तर पर कोई फैसला नहीं ले सकते. बैठक में सामने आई बातों को वह अडानी ग्रुप तक पहुंचाएंगे और फिर जो फैसला प्रबंधन तय करेगा उसके मुताबिक ही आगे का फैसला लेंगे.

ट्रांसपोर्टरों ने सरकार पर छोड़ा फैसला: सीमेंट विवाद हिमाचल की सुखविंदर सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. हिमाचल के दो बड़े सीमेंट प्लांट बंद पड़े हैं, जिससे हजारों लोगों का रोजगार तो चला गया है, साथ में ही हिमाचल में सीमेंट की कमी भी हो गई है. यही वजह है कि सरकार लगातार इसको लेकर दोनों पक्षों की बातचीत करवा रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस विवाद का हल करने के लिए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को जिम्मेवारी दी है. इसके चलते उद्योग मंत्री ने यह बैठक की, लेकिन इसमें भी कोई सहमति नहीं बनी. हालांकि ट्रांसपोर्टरों ने इसका फैसला अब सरकार पर छोड़ दिया है.

ट्रांसपोर्टरों की अगुवाई कर रहे रामकृष्ण शर्मा और उनके साथियों का कहना था कि अडानी ग्रुप अधिक सीमेंट लागत की बात कर लोगों को गुमराह कर रहा है. लेकिन सीमेंट के एक बैग की लागत मुश्किल से 200 रुपये तक पहुंच रही है, जबकि अदानी इसे 500 रुपए में बेच रहा है. यही नहीं उनका कहना था कि एससीसी के सीमेंट और एंबुजा सीमेंट को मिक्स किया जा रहा है. यानी कि एससीसी प्लांट में अंबुजा का सीमेंट और अंबुजा के प्लांट में एससीसी का सीमेंट भरा जा रहा है, जबकि दोनों की क्वालिटी और रेट अलग है. यह लोगों के साथ धोखा है. उनका कहा कि अब सरकार इसमें अपने स्तर पर फैसला ले.

वहीं, बैठक के बाद उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हालांकि सरकार का इस विवाद से कोई सीधा संबंध नहीं है. यह दोनों पक्षों के बीच का विवाद है. उन्होंने कहा कि आज इस विवाद को सुलझाने को लेकर बैठक बुलाई गई थी, जिसमें दोनों पक्षों की बातों को सुना गया. सीमेंट कंपनियों के प्रतिनिधियों से सीमेंट प्लांट खुलवाने और रेट तय करने के बारे में कहा गया है. हालांकि इन प्रतिनिधियों का कहना था कि वे सरकार की ओर कही गई बातों को टॉप के अधिकारियों तक पहुचाएंगे और वही इसका फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि अब इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा और वही इसमें अंतिम फैसला लेंगे.

उल्लेखनीय है कि सीमेंट मालभाड़े के विवाद को लेकर अडानी ग्रुप ने बरमाणा और अंबुजा के अपने दोनों प्लांट 15 दिसंबर से बंद कर रखे हैं. इस विवाद को सुलझाने को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है. लेकिन, अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला है. वहीं, अब उद्योग मंत्री की अध्यक्षता में हुई बातचीत भी बेनतीजा रही है.

ये भी पढ़ें: चंडीगढ़-मनाली हाईवे पर पंजाब के पर्यटकों का हुड़दंग, सरेआम लहराई तलवारें

Last Updated : Jan 20, 2023, 7:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.