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टर्मिनेट की गई नर्सों का मामला पहुंचा सीएम के दरबार, पॉलिसी ना बनाने पर कोर्ट जाने की चेतावनी - terminated nurses meet cm jai ram

राधाकृष्ण मेडिकल कालेज हमीरपुर से हाल ही में टर्मिनेट की गई नर्सें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलीं और अपने लिए पाॅलिसी बनाने की मांग उठाई है. उन्हाेंने कहा कि अगर कैबिनेट में सरकार उनके लिए काेई निर्णय नहीं लेती है ताे उनके पास केवल काेर्ट जाने का ही रास्ता बचेगा.

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Published : Jun 22, 2021, 5:25 PM IST

शिमला: राधाकृष्ण मेडिकल कालेज हमीरपुर की हाल ही में टर्मिनेट की गई नर्सें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिली और अपने लिए पाॅलिसी बनाने की मांग उठाई है. वहीं नर्सों ने कहा कि अगर कैबिनेट में सरकार उनके लिए काेई निर्णय नहीं लेती है ताे उनके पास केवल काेर्ट जाने का ही रास्ता बचेगा.

टर्मिनेट की गई नर्सों ने बताया कि वह जुलाई 2019 से हमीरपुर मेडिकल कालेज में आउटसाेर्स पर ड्यूटी दे रहीं थी. कोरोनाकाल में उनकी ड्यूटी काेविड वार्ड में लगा दी गई. उन्हाेंने दिनरात काेविड में भी सेवाएं दी, परिवार के कई लाेग उनके कारण संक्रमित भी हुए. अब सरकार ने उनके साथ यूज एंड थ्राे वाली नीति अपनाकर उन्हें बाहर कर दिया है.

पाॅलिसी बनाने का दिया आश्वासन

नर्सों ने बताया कि 16 जून काे वह ड्यूटी पर थी ताे किसी ने कहा कि उनके लिए सरकार पाॅलिसी बना रही है, मगर 17 जून काे उन्हें ड्यूटी पर आने से मना कर दिया गया. हालांकि उन्हें ना ताे प्रशासन की ओर से काेई टर्मिनेशन लेटर दिया गया और ना ही उन्हें ड्यूटी पर आने काे कहा गया. जब इसका कारण पूछा गया ताे उन्हें प्रशासन ने बताया कि उन्हें केवल काेराेना ड्यूटी के लिए रखा गया था.

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ऐसे में अब नर्सें काफी परेशान हाे चुकी हैं. उन्हाेंने कहा कि वह 42 नर्सें एक साथ वहां पर तैनात की गई थी, जिन्हें सरकार ने निकाल दिया है. उन्हाेंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिली हैं. उन्हाेंने आश्वासन दिया है कि वह जल्द ही उनके लिए पाॅलिसी बनाएंगे. यदि सरकार ऐसा नहीं करती है ताे नर्साें के पास काेर्ट जाने के सिवाए काेई रास्ता नहीं बचेगा.

ये भी पढ़ें: IAF में फ्लाइंग ऑफिसर बनीं शिमला की प्रेरणा, इन्हें दिया सफलता का श्रेय

शिमला: राधाकृष्ण मेडिकल कालेज हमीरपुर की हाल ही में टर्मिनेट की गई नर्सें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिली और अपने लिए पाॅलिसी बनाने की मांग उठाई है. वहीं नर्सों ने कहा कि अगर कैबिनेट में सरकार उनके लिए काेई निर्णय नहीं लेती है ताे उनके पास केवल काेर्ट जाने का ही रास्ता बचेगा.

टर्मिनेट की गई नर्सों ने बताया कि वह जुलाई 2019 से हमीरपुर मेडिकल कालेज में आउटसाेर्स पर ड्यूटी दे रहीं थी. कोरोनाकाल में उनकी ड्यूटी काेविड वार्ड में लगा दी गई. उन्हाेंने दिनरात काेविड में भी सेवाएं दी, परिवार के कई लाेग उनके कारण संक्रमित भी हुए. अब सरकार ने उनके साथ यूज एंड थ्राे वाली नीति अपनाकर उन्हें बाहर कर दिया है.

पाॅलिसी बनाने का दिया आश्वासन

नर्सों ने बताया कि 16 जून काे वह ड्यूटी पर थी ताे किसी ने कहा कि उनके लिए सरकार पाॅलिसी बना रही है, मगर 17 जून काे उन्हें ड्यूटी पर आने से मना कर दिया गया. हालांकि उन्हें ना ताे प्रशासन की ओर से काेई टर्मिनेशन लेटर दिया गया और ना ही उन्हें ड्यूटी पर आने काे कहा गया. जब इसका कारण पूछा गया ताे उन्हें प्रशासन ने बताया कि उन्हें केवल काेराेना ड्यूटी के लिए रखा गया था.

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ऐसे में अब नर्सें काफी परेशान हाे चुकी हैं. उन्हाेंने कहा कि वह 42 नर्सें एक साथ वहां पर तैनात की गई थी, जिन्हें सरकार ने निकाल दिया है. उन्हाेंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिली हैं. उन्हाेंने आश्वासन दिया है कि वह जल्द ही उनके लिए पाॅलिसी बनाएंगे. यदि सरकार ऐसा नहीं करती है ताे नर्साें के पास काेर्ट जाने के सिवाए काेई रास्ता नहीं बचेगा.

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