शिमलाः कोरोना महामारी के इस दौर में जिन लोगों की जान कोरोना महामारी से गयी, उनका अंतिम संस्कार भी उनके परिजनों की गैर मौजूदगी में ही करना पड़ा. इन मृतकों की अस्थियों को भी उनके परिजनों ने हाथ लगाने से गुरेज किया. शिमला के कनलोग स्थित अंतिम धाम में ही 65 कोरोना मृतकों के अस्थि कलश कई दिनों तक पड़े रहे. इन अस्तियों को यहां से ले जाने के लिए भी परिजन गुरेज करते नजर आए. करीब एक माह तक परिजन इन अस्थियों को लेने कोई नहीं पहुंचा.
ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाई थी बात
जब इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया तब ये मामला संज्ञान में आया. इसके बाद परिजन अब अपनों की अस्थियां लेने पहुंच रहे हैं. अंतिम धाम में अब 10 ही अस्थियों के कलश रह गए हैं. जिला प्रशासन की ओर से इन अस्थियों को ले जाने का एक और मौका दिया गया है.
अस्थियों का किया जाएगा सामूहिक विसर्जन
यदि अब भी परिजन अस्थियों को लेने नहीं आते हैं, तो इन अस्थियों का सामूहिक विसर्जन किया जाएगा. जिला प्रशासन इसकी वीडियोग्राफी भी करेगा. शिमला जिला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने कहा यह मामला उनके सामने लाया था. उस समय फैसला लिया गया था कि परिजनों को अस्थियों को ले जाने के लिए कुछ समय और दिया जाए.
शिमला में 260 लोगों ने कोरोना से गंवाई जान
शिमला में कोरोना से 260 लोगों की मौतें हुई, जिसमें अन्य जिलों के लोग भी शामिल हैं. कोरोना संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार कनलोग मोक्षधाम में ही किया जा रहा है. इस दौरान परिजन भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पा रहे थे. कोरोना के खौफ के चलते लोग अस्थियां लेने तक नहीं पहुंचे जिससे मोक्षधाम में 65 कलश एकत्रित हो गए थे.
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