शिमला: प्रदेश के स्कूलों में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के तहत शिक्षकों की भर्ती नहीं की जाएगी. इसके आदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की और से सभी जिला उपनिदेशकों और स्कूल प्रिंसिपलों को जारी किए गए हैं. इसमें कहा गया है कि आगामी आदेश न मिलने तक स्कूलों में एसएमसी के तहत शिक्षकों की नियुक्ति न की जाए.
शिक्षा विभाग ने यह फैसला हाईकोर्ट में एसएससी भर्ती के खिलाफ दायर याचिका पर चल रही सुनवाई के तहत लिया गया है. बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को एसएमसी के तहत स्कूलों में भरे गए शिक्षकों से कई सालों तक सेवाएं लेने पर नाराजगी जताई थी.
हाईकोर्ट ने कहा था कि एसएमसी में शिक्षकों की भर्तियां स्टॉप गैप अरेंजमेंट के तहत की जाती है. इन शिक्षकों की नियुक्ति एक तय समय के लिए नियमों के अनुसार ही होती है. उस तय समय के बीच नियमित भर्तियां करना अनिवार्य होता है. अब शिक्षा विभाग ने हाई कोर्ट के सुनवाई के चलते स्कूलों में एसएमसी की भर्तियों को रोक लगा दी है.
बता दें कि सरकार की और से हाईकोर्ट को आश्वासन दिया गया था कि कोर्ट के आगामी आदेशों तक प्रदेश के किसी भी स्कूल में नए एसएमसी अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की जाएगी. मामले की आगामी सुनवाई 5 सितंबर को होनी है. ऐसे में आगामी आदेशों तक शिक्षा विभाग ने एसएमसी के तहत शिक्षकों की भर्तियों पर रोक लगा दी है.
हालांकि प्रदेश में जिन सामान्य क्षेत्रों में छह माह और जनजातिय क्षेत्रों में 3 माह से शिक्षकों के पद खाली पड़े है उन्हें एसएमसी के तहत भरने के आदेश सरकार ने कैबिनेट में मंजूरी मिलने के बाद जारी किए थे.
इसी के तहत स्कूलों में एसएमसी के जरिए शिक्षक भर्ती भी शुरू हो गई है. लेकिन अब कोर्ट के आदेशों के बाद उच्च शिक्षा निदेशक ने जिला उपनिदेशकों सहित स्कूलों के प्रिंसिपलों को यह आदेश जारी किए हैं कि स्कूलों में एसएमसी के तहत शिक्षकों की नियुक्ति न जाए.