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टैक्सी ऑपरेटरों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, मांगों को लेकर परिवहन कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

शिमला में टैक्सी ऑपरेटरों ने निजी वाहनों का टैक्सी के रूप में प्रयोग करने पर नाराजगी जताई है. इस पर प्रतिबंध नहीं लगाने पर सरकार पर टैक्सी ऑपरेटरों ने परिवहन निगम कार्यालय के बाहर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया.

परिवहन कार्यालय के बाहर प्रदर्शन protest outside office of transport corporation
टैक्सी ऑपरेटरों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा.
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Published : Nov 26, 2019, 7:15 PM IST

शिमला: राजधानी में टैक्सी ऑपरेटर्स ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. निजी वाहनों का टैक्सी के रूप में प्रयोग करने के खिलाफ टैक्सी ऑपरेटर्स ने परिवहन निगम के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. टैक्सी ऑपरेटर्स ने सरकार से बाहरी राज्यों से आने वाले निजी वाहनों की जांच करने की मांग की है. मांगे पूरी नहीं होने पर शिमला में चक्का जाम और उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

ऑपरेटर्स का कहना है कि हर रोज बाहरी राज्यों से निजी वाहन पर्यटकों को लेकर शिमला आ रहे हैं, जिस पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. बाहरी राज्यों से आने वाले निजी वाहन पर्यटकों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने के साथ-साथ सरकार को भी लाखों का चूना लगा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर राज्य में टैक्सी का व्यवसाय कर रहे टैक्सी चालक सरकार को टैक्स दे रहे हैं, जिससे उनका गाड़ी का खर्च निकाल पाना भी मुश्किल हो गया है.

वीडियो.

ऑपरेटर्स ने सरकार से शिमला में दोनों एंट्री प्वाइंट पर RTO बेरियर लगाने की मांग की है, जिससे निजी वाहनों को टैक्सी के रूप में प्रयोग करने वालों पर अंकुश लगाया जाए और पासिंग के समय लिये जाने वाला ग्रीन टैक्स बंद किया जाए. इसके साथ ही टैक्सियों से लिए जाने वाले टैक्स को सिंगल विंडो किया जाना चाहिए ताकि टैक्स देने में आसानी हो.

टैक्सी यूनियन के प्रधान राजेंद्र ठाकुर ने सरकार पर उनकी मांगों को अनदेखा करने के आरोप लगाते हुए कहा कि लंबे समय से वे मांगों को सरकार के समक्ष रख रहे हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है और अब मजबूर हो कर उन्हें सड़कों पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करना पड़ेगा.

शिमला: राजधानी में टैक्सी ऑपरेटर्स ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. निजी वाहनों का टैक्सी के रूप में प्रयोग करने के खिलाफ टैक्सी ऑपरेटर्स ने परिवहन निगम के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. टैक्सी ऑपरेटर्स ने सरकार से बाहरी राज्यों से आने वाले निजी वाहनों की जांच करने की मांग की है. मांगे पूरी नहीं होने पर शिमला में चक्का जाम और उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

ऑपरेटर्स का कहना है कि हर रोज बाहरी राज्यों से निजी वाहन पर्यटकों को लेकर शिमला आ रहे हैं, जिस पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. बाहरी राज्यों से आने वाले निजी वाहन पर्यटकों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने के साथ-साथ सरकार को भी लाखों का चूना लगा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर राज्य में टैक्सी का व्यवसाय कर रहे टैक्सी चालक सरकार को टैक्स दे रहे हैं, जिससे उनका गाड़ी का खर्च निकाल पाना भी मुश्किल हो गया है.

वीडियो.

ऑपरेटर्स ने सरकार से शिमला में दोनों एंट्री प्वाइंट पर RTO बेरियर लगाने की मांग की है, जिससे निजी वाहनों को टैक्सी के रूप में प्रयोग करने वालों पर अंकुश लगाया जाए और पासिंग के समय लिये जाने वाला ग्रीन टैक्स बंद किया जाए. इसके साथ ही टैक्सियों से लिए जाने वाले टैक्स को सिंगल विंडो किया जाना चाहिए ताकि टैक्स देने में आसानी हो.

टैक्सी यूनियन के प्रधान राजेंद्र ठाकुर ने सरकार पर उनकी मांगों को अनदेखा करने के आरोप लगाते हुए कहा कि लंबे समय से वे मांगों को सरकार के समक्ष रख रहे हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है और अब मजबूर हो कर उन्हें सड़कों पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करना पड़ेगा.

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राजधानी में टैक्सी ऑपरेटरों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। निजी वाहनों का टैक्सी के रूप में प्रयोग करने पर प्रतिबंध न लगने पर टैक्सी ऑपरेटरों ने परिवहन निगम के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और सरकार को जल्द से जल्द बाहरी राज्यो से आने वाले निजी वाहनों की जांच करने की मांग की। टैक्सी आपरेटरों ने मांगे पूरी न होने पर शिमला में चक्का जाम कर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी।
Body:ऑपरेटरों का कहना है कि हर रोज बाहरी राज्यो से निजी वाहन पर्यटकों को लेकर शिमला आ रहे है। जिस पर प्रशासन कोई कार्यवाही नही कर रहा है जबकि ये निजी वाहन पर्यटकों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने के साथ साथ सरकार को भी लाखों का चूना लगा रहे है ओर जो लोग टैक्सी का व्यवसाय कर रहे है ओर सरकार को टैक्स दे रहे हैउन्हें गाड़ी के खर्चे निकाल पाने मुश्किल हो रहे है। ऑपरेटरों ने सरकार से शिमला में दोनों एंट्री पॉइंट पर RTO बेरियर लगाने की मांग की ताकि निजी वाहनों को टैक्सी के रूप में प्रयोग करने वालों पर अंकुश लगाया जा सके ओर पासिंग के समय लिया जा रहा ग्रीन टैक्स बन्द किया जाये । इसके अलावा टैक्सियों से लिए जाने वाले टैक्स को सिंगल विंडो किया जाये ।ताकि टैक्स देने में आसानी हो। Conclusion:टैक्सी यूनियन के प्रधान राजेन्द्र ठाकुर ने सरकार पर उनकी मांगों को अनदेखा करने के आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले लंबे समय से वे अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रख रहे है लेकिन इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा है और अब मजबूर हो कर उन्हें सड़को पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करना पड़ेगा।

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