शिमला: राजधानी में टैक्सी ऑपरेटर्स ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. निजी वाहनों का टैक्सी के रूप में प्रयोग करने के खिलाफ टैक्सी ऑपरेटर्स ने परिवहन निगम के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. टैक्सी ऑपरेटर्स ने सरकार से बाहरी राज्यों से आने वाले निजी वाहनों की जांच करने की मांग की है. मांगे पूरी नहीं होने पर शिमला में चक्का जाम और उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
ऑपरेटर्स का कहना है कि हर रोज बाहरी राज्यों से निजी वाहन पर्यटकों को लेकर शिमला आ रहे हैं, जिस पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. बाहरी राज्यों से आने वाले निजी वाहन पर्यटकों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने के साथ-साथ सरकार को भी लाखों का चूना लगा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर राज्य में टैक्सी का व्यवसाय कर रहे टैक्सी चालक सरकार को टैक्स दे रहे हैं, जिससे उनका गाड़ी का खर्च निकाल पाना भी मुश्किल हो गया है.
ऑपरेटर्स ने सरकार से शिमला में दोनों एंट्री प्वाइंट पर RTO बेरियर लगाने की मांग की है, जिससे निजी वाहनों को टैक्सी के रूप में प्रयोग करने वालों पर अंकुश लगाया जाए और पासिंग के समय लिये जाने वाला ग्रीन टैक्स बंद किया जाए. इसके साथ ही टैक्सियों से लिए जाने वाले टैक्स को सिंगल विंडो किया जाना चाहिए ताकि टैक्स देने में आसानी हो.
टैक्सी यूनियन के प्रधान राजेंद्र ठाकुर ने सरकार पर उनकी मांगों को अनदेखा करने के आरोप लगाते हुए कहा कि लंबे समय से वे मांगों को सरकार के समक्ष रख रहे हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है और अब मजबूर हो कर उन्हें सड़कों पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करना पड़ेगा.