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प्रदेश में नहीं थम रहे स्क्रब टायफस का कहर, IGMC में 13 मामले पॉजिटीव

बुधवार को 13 लोगों में स्क्रब टायफस के लक्षण पाये गए हैं. इससे पहले आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से 8 वर्षीय बच्ची सहित चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 13 मामले पॉजीटिव पाए गए है.

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Published : Aug 7, 2019, 5:41 PM IST

शिमला: राजधानी के आईजीएमसी में स्क्रब टायफस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. आलम ये है बुधवार को 13 लोगों में स्क्रब टायफस के लक्षण पाये गए हैं.

आईजीएमसी में टेस्ट कराने के बाद 13 में से 1 मामला पॉजिटिव आया है, जबकि 13 लोगों में स्क्रब टायफस के लक्षण पाये गए हैं. साथ ही अस्पताल में 24 वर्षीय युवक स्क्रब टायफस से ग्रसित है, जिसका इलाज अस्पताल में चल रहा हैं. बीते दो दिन पहले लक्कड़ बाजार की आठ साल की बच्ची की मौत स्क्रब टायफस के कारण हुई है.
आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि इस बीमारी से मौत होने का सबसे बड़ा कारण रोगी की हालत का लास्ट स्टेज तक पहुंचना है.

कैसे होता है स्क्रब टायफस
स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाडियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. चिकित्सकों का तर्क है कि लोगों को इन दिनों झाडियों से दूर रहे और घास आदि में न जाए. ऐसे में किसानों और बागवानों के लिए ये संभव नहीं है, क्योंकि इन दिनों खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टायफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा है.

स्क्रब टायफस के लक्षण
सिरदर्द,
सर्दी लगना,
ज्वर,
शरीर में पीड़ा
तीसरे से पांचवें दिन के बीच दाने निकलना

बता दें कि आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से 8 वर्षीय बच्ची सहित चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 13 मामले पॉजीटिव पाए गए है.

शिमला: राजधानी के आईजीएमसी में स्क्रब टायफस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. आलम ये है बुधवार को 13 लोगों में स्क्रब टायफस के लक्षण पाये गए हैं.

आईजीएमसी में टेस्ट कराने के बाद 13 में से 1 मामला पॉजिटिव आया है, जबकि 13 लोगों में स्क्रब टायफस के लक्षण पाये गए हैं. साथ ही अस्पताल में 24 वर्षीय युवक स्क्रब टायफस से ग्रसित है, जिसका इलाज अस्पताल में चल रहा हैं. बीते दो दिन पहले लक्कड़ बाजार की आठ साल की बच्ची की मौत स्क्रब टायफस के कारण हुई है.
आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि इस बीमारी से मौत होने का सबसे बड़ा कारण रोगी की हालत का लास्ट स्टेज तक पहुंचना है.

कैसे होता है स्क्रब टायफस
स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाडियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. चिकित्सकों का तर्क है कि लोगों को इन दिनों झाडियों से दूर रहे और घास आदि में न जाए. ऐसे में किसानों और बागवानों के लिए ये संभव नहीं है, क्योंकि इन दिनों खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टायफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा है.

स्क्रब टायफस के लक्षण
सिरदर्द,
सर्दी लगना,
ज्वर,
शरीर में पीड़ा
तीसरे से पांचवें दिन के बीच दाने निकलना

बता दें कि आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से 8 वर्षीय बच्ची सहित चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 13 मामले पॉजीटिव पाए गए है.

Intro:शिमला में तेजी से फैल रहा स्क्रब टायफस 1 और मामला पोस्टिव
शिमला।
राजधानी के आईजीएमसी में स्क्रब टायफस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बीते दो दिन पहले लक्कड़बाजार की आठ साल की बच्ची की मौत के बाद बुधवार को 13 लोगों में स्क्रब टायफस के लक्षण पाये गए।
। जागरूकता कम होने की वजह से मरीजों को बचाना मुश्किल हो जाता है। सही समय पर अगर मरीज को अस्पताल में भर्ती करवाया जाए तो इसका इलाज संभव हैBody:टेस्ट करवाने के बाद 13 में से 1 मामला पॉजिटिव आया है। अस्पताल में 24 वर्षीय युवक स्क्रब टायफस से ग्रसित पाया गया। अस्पताल में पीड़ित उपचाराधीन है। इसकी पुष्टि आईजीएमसी के एमएस डॉ जनक राज ने की है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से मौत होने का सबसे बड़ा कारण रोगी की हालत का लास्ट स्टेज तक पहुंचना हैConclusion:टेस्ट करवाने के बाद 13 में से 1 मामला पॉजिटिव आया है। अस्पताल में 24 वर्षीय युवक स्क्रब टायफस से ग्रसित पाया गया। अस्पताल में पीड़ित उपचाराधीन है। इसकी पुष्टि आईजीएमसी के एमएस डॉ जनक राज ने की है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से मौत होने का सबसे बड़ा कारण रोगी की हालत का लास्ट स्टेज तक पहुंचना है
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