शिमला: रामपुर उपमंडल में फाल्गुन संक्रांति पर्व धूमधाम से मनाया गया. मान्यता है कि इस दौरान देवी-देवता एक महीने के स्वर्ग प्रवास के बाद अपने देवालय लौट आए हैं. मंदिरों में हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने अपने ईष्ट का स्वागत किया.
इस अवसर पर ढोल-नगाड़ों के साथ देवी-देवताओं की पालकियों का पूजन और स्वागत किया गया. कार्यक्रम के दौरान देवता के गूर ने मुंह में आर-पार बामड़ डालकर इस साल अच्छी फसल होने के संकेत दिए हैं. वहीं, अब मंदिरों के कपाट खुल जाने से धार्मिक अनुष्ठानों में लगी रोक भी हटा दी गई है.
जानकारी के अनुसार नोगवैली स्थित परशुराम मंदिर परिसर में देवता साहिब दमुख के स्वर्ग से वापस लौटने पर क्षेत्रवासियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. देवता के गूर कमल राज ने पीतल की छड़ मुंह में आर-पार डालकर देव परंपरा का निर्वहन किया और मंदिर के चारों ओर वाद्य यंत्रों की धुनों पर परिक्रमा की. उन्होंने मंदिर परिसर में मौजूद सैकड़ों लोगों के समक्ष इस साल अच्छे-बुरे फलादेशों की व्याख्या की.
देवता साहिब ने गूर के माध्यम से मध्यम और ऊंचाई वाले इलाकों में सालभर के लिए अच्छी फसल होने के संकेत दिए हैं. वहीं, प्राकृतिक आपदा जैसी किसी भी घटना के होने से मना किया.
इसके अलावा भड़ावली पंचायत के लक्ष्मी नारायण मंदिर कुमसू, रचोली पंचायत के देव जाख देवता और गसो देवता सहित कई अन्य देवी-देवताओं के मंदिर परिसर में भी हजारों श्रद्धालु देवताओं के दर्शन को इकट्ठा हुए. श्रद्धालुओं ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ देवी-देवताओं को हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया.