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हिमाचल में बागवानी के लिए 6439 करोड़ की परियोजना स्वीकृत - Sukhvinder singh sukhu on foreign funding for horticulture

विधानसभा के बजट सत्र के 13वें दिन प्रश्नकाल में उद्यान विभाग से संबंधित प्रश्न उठा. विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बागवानी मंत्री से पूछा कि विभाग ने फॉरेन फंडिंग से कितनी योजनाएं चलाई हैं और नई परियोजना को चलाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है.

sukhu raise question in assembly on foreign funding
सुक्खू ने विधानसभा में विदेशी फंडिग पर सवाल उठाया
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Published : Mar 14, 2020, 8:45 PM IST

शिमला: प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के 13वें दिन प्रश्नकाल में उद्यान विभाग से संबंधित प्रश्न उठा. विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बागवानी मंत्री से पूछा कि विभाग ने फॉरेन फंडिंग से कितनी योजनाएं चलाई हैं और नई परियोजना को चलाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है.

जवाब में बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ने बताया कि इस वक्त प्रदेश में फॉरेन फंडिंग से उपोष्ण कटिबंधीय बागवानी सिंचाई एवं मूल्यवर्धन परियोजना (शिवा) और प्रदेश बागवानी विकास परियोजना चल रही है. 6439 करोड़ की कुल राशि इसके लिए स्वीकृत हुई है जिसे पांच साल में पूरा किया जाएगा.

प्रोजेक्ट के अंतर्गत चार फलों अमरूद, लीची, नींबू की प्रजातियों व अनार की 17 योजनाओं के पायलट परीक्षण के लिए एडीबी मिशन ने 70 करोड़ की सांकेतिक पीआरएफ वित्तपोषण योजना को अंतिम रूप दे दिया है.

पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर प्रदेश के 7 जिलों ऊना, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा के 28 विकास खंडों में एचपी शिवा परियोजना को पहले चरण में लागू किया जाएगा. इसके लिए 100 मिलियन डॉलर का प्रावधान किया है.

इससे 17 पंचायत समूहों के किसानों को लाभ पहुंचाया जाना है. एक समूह में करीब 20 से 25 पंचायत क्षेत्रों के किसानों को जोड़ा गया है. सामूहिक तौर पर इन समूहों के किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ पहुंचाया जाना है. इसकी सफलता के बाद अन्य क्षेत्रों में प्रोजेक्ट के तहत काम शुरू किया जाना है. इसके लिए जल्द एडीबी की टीम हिमाचल आएगी.

इससे पैदावार को बढ़ावा देने के लिए खेतों को सिंचाई सुविधा से जोड़ा जाएगा. सरकार साल 2022 तक प्रदेश के किसानों-बागवानों की आय दोगुना करना चाहती है. सरकार ने शिवा प्रोजेक्ट में प्रदेश के उन जिलों को शामिल किया है जिन्हें 1134 करोड़ के बागवानी प्रोजेक्ट में शामिल नहीं किया गया है.

बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय में परियोजना पर काफी सुस्त गति से काम हुआ जबकि दो साल में भाजपा सरकार के कार्यकाल में इसमें गति दी गई है, ताकि किसानों की आय को बढ़ाने में मदद मिल सके.

वहीं, राकेश पठानिया ने कहा कि प्रोजेक्ट के अंतर्गत नूरपुर को लिया गया है या भविष्य में लागू करने पर विचार कर रही है क्योंकि नींबू प्रजाति के फल नूरपुर में बहुत होते हैं. जवाब में महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि अभी प्रोजेक्ट को पायलट आधार पर शुरू किया है. भविष्य में इसे प्रदेश के सभी क्षेत्रों में लागू किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, ISBT शिमला में नेपाल से आने वाले लोगों की होगी जांच

शिमला: प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के 13वें दिन प्रश्नकाल में उद्यान विभाग से संबंधित प्रश्न उठा. विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बागवानी मंत्री से पूछा कि विभाग ने फॉरेन फंडिंग से कितनी योजनाएं चलाई हैं और नई परियोजना को चलाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है.

जवाब में बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ने बताया कि इस वक्त प्रदेश में फॉरेन फंडिंग से उपोष्ण कटिबंधीय बागवानी सिंचाई एवं मूल्यवर्धन परियोजना (शिवा) और प्रदेश बागवानी विकास परियोजना चल रही है. 6439 करोड़ की कुल राशि इसके लिए स्वीकृत हुई है जिसे पांच साल में पूरा किया जाएगा.

प्रोजेक्ट के अंतर्गत चार फलों अमरूद, लीची, नींबू की प्रजातियों व अनार की 17 योजनाओं के पायलट परीक्षण के लिए एडीबी मिशन ने 70 करोड़ की सांकेतिक पीआरएफ वित्तपोषण योजना को अंतिम रूप दे दिया है.

पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर प्रदेश के 7 जिलों ऊना, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा के 28 विकास खंडों में एचपी शिवा परियोजना को पहले चरण में लागू किया जाएगा. इसके लिए 100 मिलियन डॉलर का प्रावधान किया है.

इससे 17 पंचायत समूहों के किसानों को लाभ पहुंचाया जाना है. एक समूह में करीब 20 से 25 पंचायत क्षेत्रों के किसानों को जोड़ा गया है. सामूहिक तौर पर इन समूहों के किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ पहुंचाया जाना है. इसकी सफलता के बाद अन्य क्षेत्रों में प्रोजेक्ट के तहत काम शुरू किया जाना है. इसके लिए जल्द एडीबी की टीम हिमाचल आएगी.

इससे पैदावार को बढ़ावा देने के लिए खेतों को सिंचाई सुविधा से जोड़ा जाएगा. सरकार साल 2022 तक प्रदेश के किसानों-बागवानों की आय दोगुना करना चाहती है. सरकार ने शिवा प्रोजेक्ट में प्रदेश के उन जिलों को शामिल किया है जिन्हें 1134 करोड़ के बागवानी प्रोजेक्ट में शामिल नहीं किया गया है.

बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय में परियोजना पर काफी सुस्त गति से काम हुआ जबकि दो साल में भाजपा सरकार के कार्यकाल में इसमें गति दी गई है, ताकि किसानों की आय को बढ़ाने में मदद मिल सके.

वहीं, राकेश पठानिया ने कहा कि प्रोजेक्ट के अंतर्गत नूरपुर को लिया गया है या भविष्य में लागू करने पर विचार कर रही है क्योंकि नींबू प्रजाति के फल नूरपुर में बहुत होते हैं. जवाब में महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि अभी प्रोजेक्ट को पायलट आधार पर शुरू किया है. भविष्य में इसे प्रदेश के सभी क्षेत्रों में लागू किया जाएगा.

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