शिमला: हिमाचल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने हाल ही में एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने की अधिसूचना जारी की है. हिमाचल सरकार पर नए वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद कर्मचारियों व पेंशनर्स की साढ़े दस हजार करोड़ रुपए की देनदारी है. इसके अलावा चुनाव पूर्व जनता से किए गए वादे पूरे करने की चुनौती भी है. ऐसे में सवाल ये है कि कर्ज लेकर काम चला रही कांग्रेस सरकार अधूरी गारंटियां कैसे पूरी करेगी. हिमाचल में ये सवाल इसलिए भी उठ रहा है, क्योंकि मध्य प्रदेश में प्रियंका वाड्रा ने कांग्रेस सरकार बनने पर पढ़ो और पढ़ाओ योजना के तहत स्कूली बच्चों को माहवार 500 से 1500 रुपए देने का वादा किया है.
हिमाचल में कांग्रेस के अधूरे वादे: हिमाचल में भी चुनाव पूर्व प्रियंका वाड्रा के नेतृत्व में हुए प्रचार के दौरान पार्टी ने दस गारंटियां दी थीं. उनमें से ओपीएस के रूप में सबसे बड़ी गारंटी बेशक पूरी हो गई हो, लेकिन बाकी के अहम वादे अधूरे हैं. हाल ही में हिमाचल कांग्रेस के दिग्गज नेता कौल सिंह ठाकुर को उस समय जटिल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, जब महिलाओं ने 1500 रुपए वाली गारंटी पर उनसे सवाल पूछ लिए. हिमाचल में इस समय पशुपालक 80 रुपए व सौ100 रुपए प्रति लीटर दूध खरीद वाली गारंटी पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं. इसके अलावा गोबर खरीद की गारंटी भी अधूरी है. चुनाव पूर्व कांग्रेस ने कहा था कि सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरियों वाली गारंटी पूरी कर दी जाएगी.
1 साल पहले प्रियंका गांधी ने दी थी गारंटियां: प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक साल पहले यानी 14 अक्टूबर 2022 को सोलन में हुई चुनावी रैली में वादा किया था कि सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरियों का ऐलान किया जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार बने दस महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन ये वादा अधूरा है. इसके साथ ही कांग्रेस ने 18 से 60 साल की आयु वर्ग में सभी महिलाओं को प्रति माह 1500 रुपए देने का वादा किया था. अभी तक सिर्फ स्पीति वैली की महिलाओं को ही ये लाभ दिया गया है. सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने महिलाओं को 1500 रुपए देने के वादे पर कैबिनेट कमेटी का गठन कर दिया.
रोजगार के इंतजार में युवा परेशान: इसके साथ ही युवाओं को एक लाख नौकरियां देने की संभावनाएं तलाशने के लिए भी कमेटी का गठन किया गया है. हालांकि प्रियंका वाड्रा ने 14 अक्टूबर 2022 की सोलन रैली में ये स्पष्ट रूप से कहा था कि पहली ही कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरियों का ऐलान किया जाएगा, लेकिन ये वादा अधूरा है. सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने शब्दों की जादूगरी करते हुए कहा कि ये गारंटियां पांच साल में पूरी की जाएंगी.
पशुपालक को भी गारंटी पूरा होने का इंतजार: ग्रामीण इलाकों में पशुपालक 80 व 100 रुपए प्रति लीटर दूध खरीद गारंटी को लागू करने का इंतजार कर रहे हैं. गाय का दूध 80 रुपए प्रति लीटर व भैंस का दूध 100 रुपए प्रति लीटर खरीदने का वादा किया गया था. इससे गाय पालने वाले को प्रति माह 24 हजार व भैंस पालने वाले को प्रति माह 30 हजार रुपए की आय होनी थी. इसके अलावा दो रुपए किलो गोबर खरीद का भी वादा था. हालांकि हिमाचल में बागवानों व किसानों को अपने खुद के खेत-बागीचों में गोबर की कमी रहती है. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में गोबर खरीद की संभावना नहीं है.
सरकार पर विपक्ष का तंज: विपक्षी दल भाजपा भी सुखविंदर सरकार पर तंज कसती आ रही है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा था कि हिमाचल में कहीं भी जाओ, जनता दस गारंटियों के बारे में सवाल करती है. जयराम ठाकुर ने ऊना, मंडी, कुल्लू की स्थानीय बोली में गारंटियों को लेकर तंज कसा था. जयराम ठाकुर व भाजपा के अन्य नेताओं ने सभाओं में कहा कि जनता पूछ रही है-सुक्खू भाई, दस गरंटियां केथी पाई और सुक्खू भाई, दस गरंटियां कुथू पाई.
कैबिनेट मंत्रियों की दलीलें: वहीं, रोजगार पर कैबिनेट सब-कमेटी के मुखिया उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान का कहना है कि चरणबद्ध तरीके से रोजगार दिया जाएगा. यही बात महिलाओं को प्रति माह डेढ़ हजार रुपए देने से जुड़ी गारंटी के लिए कैबिनेट मंत्री धनीराम शांडिल भी कहते हैं. भाजपा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने गारंटियों के नाम पर प्रदेश की जनता के साथ धोखा किया है. आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता कांग्रेस के इस धोखे का जवाब देगी.
कर्ज के भंवर में फंसी सरकार: वहीं, कांग्रेस सरकार के कैबिनेट मंत्री एक स्वर में कहते हैं कि सुखविंदर सरकार इन गारंटियों को पूरा करने के लिए वचनबद्ध है. वरिष्ठ मीडिया कर्मी धनंजय शर्मा का कहना है कि कर्ज में डूबी सरकार के लिए ये गारंटियां पूरा करना कठिन काम है. अभी तो सरकार को कर्मचारियों के देय लाभ जारी करने में मुश्किल आ रही है. सामान्य कामकाज चलाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है. वाटर सेस का मामला भी अभी सिरे नहीं चढ़ा है. ऐसे में गारंटियां कहीं अधूरी ही न रह जाएं.
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