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सुखविंदर Government के 6 महीने पूरे, जानिए किन मोर्चों पर सफल रही सरकार - सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार के 6 महीने पूरे हो गए हैं. इस दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने जो कहा वो करके दिखाया. रोजगार से लेकर विकास तक जानिए किन-किन मोर्चों पर खरी उतरी है.

Himachal Pradesh Sukkhu Govt Six months
सुखविंदर सिंह सुक्खू (फाइल फोटो).
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Published : Jun 10, 2023, 10:52 PM IST

शिमला: हिमाचल में कांग्रेस की सुक्खू सरकार को बने हुए छह माह हो गए हैं. 11 दिसंबर को हिमाचल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में कांग्रेस सरकार बनी थी. पांच सालों की बीजेपी सरकार को हिमाचल के लोगों ने सता से इसलिए बाहर किया था क्योंकि वह उनकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी थी. कांग्रेस को बड़ी उम्मीदों से हिमाचल की जनता सत्ता में लाया है. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को छह माह सता में आए हुए हैं. अपने छह माह के इस कार्यकाल में सुखविंदर सरकार कुछ मोर्चों पर जरूर सफल रही है, लेकिन कई मोर्चों पर अपनी पर्मफमेंस दिखानी बाकि है. इन मोर्चों पर सफल रही सरकार...

कर्मचारियों के लिए लागू की ओपीएस: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ओल्ड पेंशन लागू करने को लेकर सफल रही है. यह सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की सबसे बड़ी सफलता है. बता दें कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों से पहले ही 10 गारंटियां जनता को दी थीं, इनमें सबसे पहली गारंटी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन लागू करने की थी. वादे के मुताबिक सुक्खू सरकार ने 13 जनवरी को अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस देने का फैसला लिया. इसके करीब पौने चार माह के बाद सरकार ने एसओपी जारी कर दी. सरकार का यह एक बड़ा फैसला है. जिसके तहत करीब 1.36 लाख कर्मचारियों का तत्काल फायदा होगा जबकि आने वाले समय में हिमाचल में नई भर्तियां भी इसी आधार पर होंगी.

निराश्रितों के लिए सुख आश्रय योजना की शुरू: हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने एक बड़ा फैसला निराश्रितों के लिए लिया. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सत्ता में आते ही निराश्रितों के लिए सुख आश्रय योजना शुरू कर इसके लिए 101 करोड़ से फंड स्थापित करने का फैसला लिया. इस योजना के दायरे में निराश्रित बच्चों, निराश्रित महिलाओं और बुजुर्गों को लाया गया है. सुख आश्रय योजना का लाभ प्रदेश के करीब 6 हजार बच्चों को होगा. सरकार ने इन बच्चों को आश्रम में 27 साल तक रहने की छूट भी दी है. सरकार बच्चों की सारी पढ़ाई और ट्यूशन का खर्च उठाएगी. इन बच्चों को जेब खर्च भी दिया जाएगा. पहले स्कूली शिक्षा के बाद इन बच्चों को अपने घरों को जाना पड़ता था लेकिन अब सरकार ने इन बच्चों को आगे की पढाई के लिए भी वित्तीय सहायता देने का फैसला लिया है.

राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलने का फैसला: प्रदेश की कांग्रेस ने अपने वादे के मुताबिक राज्य में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलने की दिशा में भी काम करना शुरू किया है. ये स्कूल सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में खोले जाएंगे. अभी तक 16 विधानसभा क्षेत्रों में इसके लिए भूमि का चयन किया गया है. ये स्कूल करीब 50 बीघा क्षेत्र में फैले होंगे, जिसमें शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा खेल व अन्य गतिविधियां भी होंगी. स्कूलों में इंगलिश मीडियम में शिक्षा प्रदान की जाएगी और ये टाप के निजी स्कूलों से भी बेहतर होंगे.

लाहौल स्पीति की महिलाओं को सम्मान निधि: कांग्रेस ने अपनी गारंटियों में एक गारंटी महिलाओं को हर माह 1500 रुपए सम्मान निधि देने का किया था. सरकार बनते ही इसको देने की बात कही गई थी. लेकिन सरकार ने केवल सही मायने में लाहौल स्पीति की महिलाओं को ही सम्मान निधि दी है, जिसके दायरे में करीब साढ़े आठ हजार महिलाएं आई हैं. बजट की घोषणा के मुताबिक जिन 2.31 लाख महिलाओं को 1500 रुपए देने का फैसला लिया, उनमें विधवाएं व एकल नारियां ही हैं. ये महिलाएं पहले ही 1000 और1150 रुपए की पेंशन ले रही थीं. इन तरह इनका केवल थोड़ी से पेंशन ही बड़ी है. यही वजह है कि विपक्ष सरकार पर महिलाओं को गुमराह करने के आरोप लगा रहा है.

कांगड़ा के ढगवार में 350 करोड़ से मिल्क प्लांट लगाने का फैसला: राज्य सरकार का एक बड़ा फैसला कांगड़ा के ढगवार में मिल्क प्लांट स्थापित करने को लेकर रहा है. 350 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होने वाला ढगवार मिल्क प्लांट नई तकनीक से बनेगा. इससे लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलने के साथ-साथ रोजगार का भी सृजन होगा.

वाटर सेस लगाने का लिया फैसला: राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने अपनी आय बढ़ाने के लिए पनबिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाने का बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत करीब 172 परियोजनाएं वाटर सेस के दायरे में आएंगी, जिनसे करीब 4 हजार करोड़ का सालाना राजस्व मिलने का अनुमान है, मगर इसको लेकर भी पड़ोसी राज्य आपत्तियां जता रहे हैं और केंद्र भी इसको लेकर आपत्ति जता चुका है. इसी तरह बिजली उत्पादक निवेशक भी वाटर सेस के तौर तरीकों से सहमत नहीं है. ऐसे में अब सरकार ने इसको लेकर एक कमेटी गठित की है, जो कि बिजली उत्पादकों से बातचीत करेगी. इन मोर्चों पर सरकार को दिखानी है परफारमेंस...

भंग कर्मचारी चयन आयोग की जगह नहीं बनी नई भर्ती एजेंसी: सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने सत्ता में आने के बाद कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को बंद करने का फैसला लिया था. दरअसल जेओए (आईटी) का एक पेपर परीक्षा होने से पहले ही लीक हो गया, जिसको विजिलेंस ने पकड़ा. इसमें आयोग की एक महिला कर्मचारी सहित कई लोग गिरफ्तार किए गए. इसके बाद विजिलेंस की जांच में कई अन्य पेपर भी लीक होने की बात सामने आई और सरकार ने आयोग को भंग कर दिया. सरकार ने इसकी जगह नई भर्ती एजेंसी गठित करने की बात कही थी जो कि अभी तक नहीं बनी. इसके चलते नई भर्तियां रूक गई हैं. हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग 42 पोस्ट कोड की भर्तियां फंस गई हैं. इनमें से करीब 22 भर्तियों में आरंभिक तौर पर अनियमितता की बात सामने आ रही है. इसमें कई ऐसी भर्तियां भी हैं जिनका लिखित परीक्षा पूरी होने के बाद डाक्यूमेंटेशन भी हो गई है. इस तरह इनका रिजल्ट जारी होना है, जिसको लेकर बेरोजगारों का सरकार पर भारी दबाव है. सरकार ने नई भर्ती एजेंसी गठित करने को लेकर मात्र कमेटी गठित की है लेकिन इसको लेकर अभी कोई भी कदम जमीनी स्तर पर नहीं उठाया गया.

एक लाख बेरोजगारों को रोजगार देने में असफल: कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में एक लाख युवाओं को पहली कैबिनेट में रोजगार देने का फैसला लिया था. मगर इसको अभी तक लागू नहीं किया गया. सरकार अभी तक करीब 6 हजार पदों को भरने का फैसला ले पाई है जिसमें 5800 पद शिक्षा विभाग में शिक्षकों के हैं. इनमें 5291 शिक्षकों की भर्ती का फैसला 17 मई को सरकार ने लिया है, जिनमें टीजीटी, शास्त्री और जेबीटी के पद शामिल हैं. इससे पहले सरकार ने पीजीटी के 530 पदों को भरने का फैसला लिया था. अन्य विभागों में भी कुछ पदों को भरने का फैसला लिया गया है. हालांकि अभी तक इनकी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है. इस तरह एक लाख रोजगार देने का वादा हवाई साबित हुआ है.

किसानों से दूध व गोबर की खरीद नहीं हुई: कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि उसकी सरकार बनने पर किसानों से गोबर 2 रुपए प्रति किलो और दूध 80 रुपए और 100 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से खरीदा जाएगा. हालांकि प्रदेश की आय को बढ़ाने के लिए सुक्खू सरकार ने बजट में शराब की बोतल पर मिल्क सेस लगा लिया है, जिससे सरकार को 120 करोड़ से अधिक का राजस्व मिलेगा. मगर इस किसानों से दूध खरीद और गोबर खरीद की दिशा में अभी कोई कदम नहीं उठाया.

300 यूनिट फ्री बिजली का वादा अभी नहीं हुआ पूरा: कांग्रेस ने चुनावों में 300 यूनिट बिजली फ्री देने की गारंटी दी थी. छह माह बीतने के बाद लोगों को दी यह गारंटी पूरी नहीं हुई. पूर्व सरकार के समय में 125 यूनिट की बिजली अभी लोगों को जरूर फ्री मिल रही है, लेकिन अपने वादे पर अभी सरकार ने अमल नहीं किया है.

सरकार का तर्क पांच साल में पूरी होगी गारंटी: हिमाचल चुनावों से पहले दी गई 10 गारंटियों को लेकर कांग्रेस और सरकार का तर्क रहा है कि सभी गारंटियों को पूरा किया जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कई बार कह चुके हैं सरकार लोगों को दी सभी गारंटियां पूरी करेंगी. इन गारंटियों को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा. विपक्ष के गारंटियों पर सवाल उठाने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कहते रहे हैं कि उनके पास पांच साल है और इन पांच सालों में सरकार चरणबद्द तरीके से सभी गारंटियों को पूरा करेगी.

ये भी पढ़ें: Shanan Power Project : केंद्रीय मंत्री आरके सिंह से बोले सीएम सुखविंदर सिंह, शानन पर हिमाचल का हक, केंद्र करे मदद

शिमला: हिमाचल में कांग्रेस की सुक्खू सरकार को बने हुए छह माह हो गए हैं. 11 दिसंबर को हिमाचल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में कांग्रेस सरकार बनी थी. पांच सालों की बीजेपी सरकार को हिमाचल के लोगों ने सता से इसलिए बाहर किया था क्योंकि वह उनकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी थी. कांग्रेस को बड़ी उम्मीदों से हिमाचल की जनता सत्ता में लाया है. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को छह माह सता में आए हुए हैं. अपने छह माह के इस कार्यकाल में सुखविंदर सरकार कुछ मोर्चों पर जरूर सफल रही है, लेकिन कई मोर्चों पर अपनी पर्मफमेंस दिखानी बाकि है. इन मोर्चों पर सफल रही सरकार...

कर्मचारियों के लिए लागू की ओपीएस: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ओल्ड पेंशन लागू करने को लेकर सफल रही है. यह सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की सबसे बड़ी सफलता है. बता दें कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों से पहले ही 10 गारंटियां जनता को दी थीं, इनमें सबसे पहली गारंटी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन लागू करने की थी. वादे के मुताबिक सुक्खू सरकार ने 13 जनवरी को अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस देने का फैसला लिया. इसके करीब पौने चार माह के बाद सरकार ने एसओपी जारी कर दी. सरकार का यह एक बड़ा फैसला है. जिसके तहत करीब 1.36 लाख कर्मचारियों का तत्काल फायदा होगा जबकि आने वाले समय में हिमाचल में नई भर्तियां भी इसी आधार पर होंगी.

निराश्रितों के लिए सुख आश्रय योजना की शुरू: हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने एक बड़ा फैसला निराश्रितों के लिए लिया. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सत्ता में आते ही निराश्रितों के लिए सुख आश्रय योजना शुरू कर इसके लिए 101 करोड़ से फंड स्थापित करने का फैसला लिया. इस योजना के दायरे में निराश्रित बच्चों, निराश्रित महिलाओं और बुजुर्गों को लाया गया है. सुख आश्रय योजना का लाभ प्रदेश के करीब 6 हजार बच्चों को होगा. सरकार ने इन बच्चों को आश्रम में 27 साल तक रहने की छूट भी दी है. सरकार बच्चों की सारी पढ़ाई और ट्यूशन का खर्च उठाएगी. इन बच्चों को जेब खर्च भी दिया जाएगा. पहले स्कूली शिक्षा के बाद इन बच्चों को अपने घरों को जाना पड़ता था लेकिन अब सरकार ने इन बच्चों को आगे की पढाई के लिए भी वित्तीय सहायता देने का फैसला लिया है.

राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलने का फैसला: प्रदेश की कांग्रेस ने अपने वादे के मुताबिक राज्य में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलने की दिशा में भी काम करना शुरू किया है. ये स्कूल सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में खोले जाएंगे. अभी तक 16 विधानसभा क्षेत्रों में इसके लिए भूमि का चयन किया गया है. ये स्कूल करीब 50 बीघा क्षेत्र में फैले होंगे, जिसमें शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा खेल व अन्य गतिविधियां भी होंगी. स्कूलों में इंगलिश मीडियम में शिक्षा प्रदान की जाएगी और ये टाप के निजी स्कूलों से भी बेहतर होंगे.

लाहौल स्पीति की महिलाओं को सम्मान निधि: कांग्रेस ने अपनी गारंटियों में एक गारंटी महिलाओं को हर माह 1500 रुपए सम्मान निधि देने का किया था. सरकार बनते ही इसको देने की बात कही गई थी. लेकिन सरकार ने केवल सही मायने में लाहौल स्पीति की महिलाओं को ही सम्मान निधि दी है, जिसके दायरे में करीब साढ़े आठ हजार महिलाएं आई हैं. बजट की घोषणा के मुताबिक जिन 2.31 लाख महिलाओं को 1500 रुपए देने का फैसला लिया, उनमें विधवाएं व एकल नारियां ही हैं. ये महिलाएं पहले ही 1000 और1150 रुपए की पेंशन ले रही थीं. इन तरह इनका केवल थोड़ी से पेंशन ही बड़ी है. यही वजह है कि विपक्ष सरकार पर महिलाओं को गुमराह करने के आरोप लगा रहा है.

कांगड़ा के ढगवार में 350 करोड़ से मिल्क प्लांट लगाने का फैसला: राज्य सरकार का एक बड़ा फैसला कांगड़ा के ढगवार में मिल्क प्लांट स्थापित करने को लेकर रहा है. 350 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होने वाला ढगवार मिल्क प्लांट नई तकनीक से बनेगा. इससे लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलने के साथ-साथ रोजगार का भी सृजन होगा.

वाटर सेस लगाने का लिया फैसला: राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने अपनी आय बढ़ाने के लिए पनबिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाने का बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत करीब 172 परियोजनाएं वाटर सेस के दायरे में आएंगी, जिनसे करीब 4 हजार करोड़ का सालाना राजस्व मिलने का अनुमान है, मगर इसको लेकर भी पड़ोसी राज्य आपत्तियां जता रहे हैं और केंद्र भी इसको लेकर आपत्ति जता चुका है. इसी तरह बिजली उत्पादक निवेशक भी वाटर सेस के तौर तरीकों से सहमत नहीं है. ऐसे में अब सरकार ने इसको लेकर एक कमेटी गठित की है, जो कि बिजली उत्पादकों से बातचीत करेगी. इन मोर्चों पर सरकार को दिखानी है परफारमेंस...

भंग कर्मचारी चयन आयोग की जगह नहीं बनी नई भर्ती एजेंसी: सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने सत्ता में आने के बाद कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को बंद करने का फैसला लिया था. दरअसल जेओए (आईटी) का एक पेपर परीक्षा होने से पहले ही लीक हो गया, जिसको विजिलेंस ने पकड़ा. इसमें आयोग की एक महिला कर्मचारी सहित कई लोग गिरफ्तार किए गए. इसके बाद विजिलेंस की जांच में कई अन्य पेपर भी लीक होने की बात सामने आई और सरकार ने आयोग को भंग कर दिया. सरकार ने इसकी जगह नई भर्ती एजेंसी गठित करने की बात कही थी जो कि अभी तक नहीं बनी. इसके चलते नई भर्तियां रूक गई हैं. हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग 42 पोस्ट कोड की भर्तियां फंस गई हैं. इनमें से करीब 22 भर्तियों में आरंभिक तौर पर अनियमितता की बात सामने आ रही है. इसमें कई ऐसी भर्तियां भी हैं जिनका लिखित परीक्षा पूरी होने के बाद डाक्यूमेंटेशन भी हो गई है. इस तरह इनका रिजल्ट जारी होना है, जिसको लेकर बेरोजगारों का सरकार पर भारी दबाव है. सरकार ने नई भर्ती एजेंसी गठित करने को लेकर मात्र कमेटी गठित की है लेकिन इसको लेकर अभी कोई भी कदम जमीनी स्तर पर नहीं उठाया गया.

एक लाख बेरोजगारों को रोजगार देने में असफल: कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में एक लाख युवाओं को पहली कैबिनेट में रोजगार देने का फैसला लिया था. मगर इसको अभी तक लागू नहीं किया गया. सरकार अभी तक करीब 6 हजार पदों को भरने का फैसला ले पाई है जिसमें 5800 पद शिक्षा विभाग में शिक्षकों के हैं. इनमें 5291 शिक्षकों की भर्ती का फैसला 17 मई को सरकार ने लिया है, जिनमें टीजीटी, शास्त्री और जेबीटी के पद शामिल हैं. इससे पहले सरकार ने पीजीटी के 530 पदों को भरने का फैसला लिया था. अन्य विभागों में भी कुछ पदों को भरने का फैसला लिया गया है. हालांकि अभी तक इनकी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है. इस तरह एक लाख रोजगार देने का वादा हवाई साबित हुआ है.

किसानों से दूध व गोबर की खरीद नहीं हुई: कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि उसकी सरकार बनने पर किसानों से गोबर 2 रुपए प्रति किलो और दूध 80 रुपए और 100 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से खरीदा जाएगा. हालांकि प्रदेश की आय को बढ़ाने के लिए सुक्खू सरकार ने बजट में शराब की बोतल पर मिल्क सेस लगा लिया है, जिससे सरकार को 120 करोड़ से अधिक का राजस्व मिलेगा. मगर इस किसानों से दूध खरीद और गोबर खरीद की दिशा में अभी कोई कदम नहीं उठाया.

300 यूनिट फ्री बिजली का वादा अभी नहीं हुआ पूरा: कांग्रेस ने चुनावों में 300 यूनिट बिजली फ्री देने की गारंटी दी थी. छह माह बीतने के बाद लोगों को दी यह गारंटी पूरी नहीं हुई. पूर्व सरकार के समय में 125 यूनिट की बिजली अभी लोगों को जरूर फ्री मिल रही है, लेकिन अपने वादे पर अभी सरकार ने अमल नहीं किया है.

सरकार का तर्क पांच साल में पूरी होगी गारंटी: हिमाचल चुनावों से पहले दी गई 10 गारंटियों को लेकर कांग्रेस और सरकार का तर्क रहा है कि सभी गारंटियों को पूरा किया जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कई बार कह चुके हैं सरकार लोगों को दी सभी गारंटियां पूरी करेंगी. इन गारंटियों को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा. विपक्ष के गारंटियों पर सवाल उठाने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कहते रहे हैं कि उनके पास पांच साल है और इन पांच सालों में सरकार चरणबद्द तरीके से सभी गारंटियों को पूरा करेगी.

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