शिमला: कांगड़ा के डगवार में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के सहयोग से एक अत्याधुनिक मिल्क प्रोसिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा. करीब 250 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले प्लांट के संचालन से लेकर विपणन संबंधी गतिविधियों के लिए एनडीडीबी की सहायता ली जाएगी. दरअसल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्लांट की समीक्षा बैठक ली. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मिल्क प्लांट की क्षमता एक लाख लीटर से तीन लाख लीटर तक होगी, जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले दूध के उत्पाद भी तैयार किए जाएंगे.
'डेयरी आधारित उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रयास': मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में किसानों से गाय का दूध 80 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर खरीदने का वायदा किया है और राज्य सरकार इस वायदे को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में डेयरी आधारित उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि डगवार में प्लांट की स्थापना से कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना और चंबा जिलों के दुग्ध उत्पादक लाभान्वित होंगे. उन्होंने कहा कि एनडीडीबी द्वारा इन क्षेत्रों में दुग्ध संग्रहण प्रणाली के लिए एक सर्वेक्षण करवाया जाएगा.
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जिला कांगड़ा के डगवार में डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के सहयोग से लगभग 250 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इससे कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना व चंबा जिला के दुग्ध उत्पादक लाभान्वित होंगे। इस संयंत्र की क्षमता तीन लाख लीटर तक होगी जिसमें… pic.twitter.com/zTmfH73qA8
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— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) June 19, 2023जिला कांगड़ा के डगवार में डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के सहयोग से लगभग 250 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इससे कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना व चंबा जिला के दुग्ध उत्पादक लाभान्वित होंगे। इस संयंत्र की क्षमता तीन लाख लीटर तक होगी जिसमें… pic.twitter.com/zTmfH73qA8
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'दुग्ध उत्पादों में प्लास्टिक का विकल्प तलाश रही सरकार': मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि दुग्ध उत्पादों की पैकेजिंग में प्लास्टिक का उपयोग न हो. इसलिए प्रदेश सरकार प्लास्टिक के विकल्प भी तलाश कर रही है, जिससे राज्य की जलवायु और हवा को प्लास्टिक के हानिकारक तत्वों से बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की लगभग 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और पशुपालन और कृषि एक-दूसरे के पूरक हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास कर रही है, जिसके लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करना जरूरी है. वही बैठक में एनडीडीबी के अध्यक्ष मीनेश शाह ने कहा कि इस मिशन के लिए हिमाचल प्रदेश को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी. एनडीडीबी प्लांट के संचालन और दुग्ध उत्पादों के विपणन के लिए अपने खर्च पर दो सलाहकार भी उपलब्ध करवाएगा.
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