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IGMC में पित्त की नली के कैंसर का हुआ सफल ऑपरेशन - गॉल ब्लैडर कैंसर

आईजीएमसी में पित्त की नली के कैंसर का सफल ऑपरेशन हुआ है. इस तरह का यह पहला सफल ऑपरेशन आईजीएसमी के इतिहास में पहली बार हुआ है. डॉ. शिखा सूद का कहना है कि इस उपचार से अब मरीज जो गॉल ब्लैडर कैंसर, पित्त की नलियों का कैंसर जैसे पैरी एमपूलरी कैंसर आदि इलाज संभव हो सकेगा.

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Published : Jun 4, 2021, 10:54 AM IST

शिमला: आईजीएमसी में पित्त की नली के कैंसर का सफल ऑपरेशन हुआ है. आईजीएमसी में इस तरह का ऑपरेशन पहली बार हुआ है. यह ऑपरेशन रेडियोलॉजी विभाग से इंटरवेशनल रेडियोलॉजिस्ट एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिखा सूद ने किया. मरीज को बिना बेहोश किए और बिना चीरफाड़ के ऑपरेशन किया गया.

2017 में कर्मचंद का हुआ था ऑपरेशन

गॉल ब्लैडर कैंसर से ग्रसित 51 वर्षीय शिमला निवासी कर्मचंद का 2017 में ऑपरेशन किया गया था. इसके बाद उन्हें कीमो रेडियोथेरेपी दी गई थी. 2021 में मरीज को पीलिया हुआ तो अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और पेटसीटी से पता चला कि कैंसर की वजह से उनके जिगर के पास लिम्फ नोड्स बन गया है. जिससे उनकी पित्त की नली में रुकावट आ रही है. इस वजह से उन्हें पीलिया हो गया है.

इलाज संभव

डॉ. शिखा सूद ने बिना चीरफाड़, बिना बेहोश किए मरीज की पेट की चमड़ी से जाते हुए जिगर से गुजरकर रूकी हुई पित्त की नलियों को खोल दिया और उनका पित्त ऑपरेशन के बाद सामान्य रूप में आंतों में जाने लगा. इसके बाद मरीज का पीलिया बिल्कुल ठीक हो गया.

इस तरह का यह पहला सफल ऑपरेशन आईजीएसमी के इतिहास में पहली बार हुआ है. डॉ. शिखा सूद का कहना है कि इस उपचार से अब मरीज जो गॉल ब्लैडर कैंसर, पित्त की नलियों का कैंसर जैसे पैरी एमपूलरी कैंसर आदि इलाज संभव हो सकेगा.

डॉ. शिखा सूद ने बताया कि यह प्रणाली उन्होंने अपने शिक्षक प्रोफेसर शिवानंदन गमनगट्टी से सीखी, जो कि एम्स नई दिल्ली में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं. डॉ. शिखा सूद हाल ही में एम्स नई दिल्ली से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रेडियोलॉजी में फैलोशिप करके आईं हैं.

ये भी रहे मौजूद

ऑपरेशन के दौरान रेडियोथेरेपी विभाग के एचओडी डॉ. मनीष, डॉ. दीपक तुल्ली, डॉ. ललित तथा रेडियोलॉजी विभाग के डॉ. जॉन, रेडियोग्राफर तेजेंद्र एवं नर्सिज ज्योति, सुनीता व वैजंती भी मौजूद रहीं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में कोरोना की रफ्तार पड़ी धीमी! जानिए इस 'जंग' से लड़ने के लिए सरकार की क्या है तैयारी

शिमला: आईजीएमसी में पित्त की नली के कैंसर का सफल ऑपरेशन हुआ है. आईजीएमसी में इस तरह का ऑपरेशन पहली बार हुआ है. यह ऑपरेशन रेडियोलॉजी विभाग से इंटरवेशनल रेडियोलॉजिस्ट एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिखा सूद ने किया. मरीज को बिना बेहोश किए और बिना चीरफाड़ के ऑपरेशन किया गया.

2017 में कर्मचंद का हुआ था ऑपरेशन

गॉल ब्लैडर कैंसर से ग्रसित 51 वर्षीय शिमला निवासी कर्मचंद का 2017 में ऑपरेशन किया गया था. इसके बाद उन्हें कीमो रेडियोथेरेपी दी गई थी. 2021 में मरीज को पीलिया हुआ तो अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और पेटसीटी से पता चला कि कैंसर की वजह से उनके जिगर के पास लिम्फ नोड्स बन गया है. जिससे उनकी पित्त की नली में रुकावट आ रही है. इस वजह से उन्हें पीलिया हो गया है.

इलाज संभव

डॉ. शिखा सूद ने बिना चीरफाड़, बिना बेहोश किए मरीज की पेट की चमड़ी से जाते हुए जिगर से गुजरकर रूकी हुई पित्त की नलियों को खोल दिया और उनका पित्त ऑपरेशन के बाद सामान्य रूप में आंतों में जाने लगा. इसके बाद मरीज का पीलिया बिल्कुल ठीक हो गया.

इस तरह का यह पहला सफल ऑपरेशन आईजीएसमी के इतिहास में पहली बार हुआ है. डॉ. शिखा सूद का कहना है कि इस उपचार से अब मरीज जो गॉल ब्लैडर कैंसर, पित्त की नलियों का कैंसर जैसे पैरी एमपूलरी कैंसर आदि इलाज संभव हो सकेगा.

डॉ. शिखा सूद ने बताया कि यह प्रणाली उन्होंने अपने शिक्षक प्रोफेसर शिवानंदन गमनगट्टी से सीखी, जो कि एम्स नई दिल्ली में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं. डॉ. शिखा सूद हाल ही में एम्स नई दिल्ली से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रेडियोलॉजी में फैलोशिप करके आईं हैं.

ये भी रहे मौजूद

ऑपरेशन के दौरान रेडियोथेरेपी विभाग के एचओडी डॉ. मनीष, डॉ. दीपक तुल्ली, डॉ. ललित तथा रेडियोलॉजी विभाग के डॉ. जॉन, रेडियोग्राफर तेजेंद्र एवं नर्सिज ज्योति, सुनीता व वैजंती भी मौजूद रहीं.

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