शिमला: भारत एक मात्र एक ऐसा देश है जो न कभी बंटा है और न ही बंटेगा. शिमला पहुंचे राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि 1971 में हमने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए थे लेकिन उससे भी काम नहीं बना तो अब चार टुकड़े करना जरूरी है.
पाकिस्तान को अलग-अलग टुकड़ो में बांटना होगा और यह दिल्ली में जो शरणार्थी बैठे हैं वह भी यही चाह रहे हैं. वहीं, स्वामी ने कहा कि आधा कश्मीर हमने ले लिया है अब पूरा लेने की बारी है जो जल्द ही होगा. उन्होंने राष्ट्रवाद पर जोर देते हुए कहा कि आज हमें ये सोचना होगा कि हम किस तरह का राष्ट्र का निर्माण करना है.
राष्ट्र निर्माण में आर्थिक, सामाजिक, शिक्षा नीतियों को शामिल करना होगा. उन्होंने कहा कि भारत ने विश्व के देशों में सबसे अधिक युवाओं की संख्या है. भारत में 35 वर्ष की आयु तक के युवाओं की संख्या ज्यादा है. इससे यह स्पष्ट है कि भारत दूसरे देशों के मुकाबले अधिक ताकतवर और युवा शक्ति वाला देश है.
उन्होंने कहा कि देश में कम्युनिज्म के विचार का अंत हो चुका है और अब जो कम्युनिस्ट कम्युनिस्ट बचे हैं उन्हें म्यूजियम में रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम सब का डीएनए एक है और यह बात जेनेटिक्स में कई जगह छपा है. देश में जो शोध कार्य डीएनए को लेकर हुआ है उसमें बाहर के विश्वविद्यालयों ने भी शोध किया है.
उन्होंने कहा कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी हिन्दू, मुसलमान और दलित सभी भारतीयों का एक ही डीएनए है, लेकिन यह सत्यता अभी किताबों में नहीं पढ़ाई जा रही है. भविष्य में जब हमारी सरकार एजुकेशन मिनिस्ट्री नई किताब तैयार करेगी तो यह सत्यता सबके सामने आ जाएगी.
उन्होंने कहा कि ये हमारा देश है लेकिन यहां पर झूठा इतिहास पढ़ाया जा रहा है, जिसमें आर्यन और आर्यन की तरह ही अन्य कई बाहरी ताकतों का जिक्र है और यह काम जवाहर लाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने किया है जो झूठ लिखने में माहिर थे. हम शुरू से ही एक डीएनए हैं और हमें इस पर विश्वास करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयता के लिए जरूरी है कि हम जाति और वर्ण से ऊपर उठे. यह सब काम पर आधारित थी लेकिन समय के साथ हमने इसे जन्म पर आधारित बना दिया जो सही नहीं है. सबसे पहले हमें अपने देश की विविधता को खत्म करना होगा उसके बाद ही हम राष्ट्रवाद को प्राप्त कर सकेंगे.
उन्होंने संस्कृत भाषा के महत्व की महत्वता को पर बल देते हुए कहा कि राष्ट्रवाद को समझने के लिए और अपनाने के लिए सबसे पुरानी वेदों की भाषा संस्कृत को सीखना होगा. संस्कृत के बिना हम पूरी तरह से राष्ट्रवादी नहीं हो सकते है. यही भाषा हमारी पहचान थी जिसे अब भारी देश भी समझ रहे हैं.
संस्कृत की भाषा ही एक मात्र ऐसी भाषा है जिसे नासा ने भी शोध करने के बाद यह माना है कि संस्कृत ही एक मात्र भाषा है जिसके माध्यम से हम कंप्यूटर में ज्ञान स्टोर कर सकते है आट्रिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए संस्कृत भाषा का इस्तेमाल हो रहा है.
देश मे एकता के लिए एक ऐसी भाषा होनी चाहिए जो एक प्रांत ओर दूसरे प्रांत के लिए कॉमन होनी चाहिए. पहले संस्कृत थी उसके बाद इंग्लिश थी. अब संस्कृत को दोबारा लाना है यह भविष्य की भाषा है. सरकार संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रहे हैं.
हिंदू धर्म में महिलाएं पुरुषों से ऊपर
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि हिंदू धर्म में महिलाओं को पुरुषों के बराबर माना गया है और कुछ जगह हो तो जगह तो महिलाओं को पुरुषों से ऊपर रखा गया है उन्होंने कहा कि ब्रह्मा जी के कैबिनेट में भी सभी महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो महिलाओं को दिए गए जिसमें एजुकेशन सरस्वती, फाइनेंस लक्ष्मी, डिफेंस दुर्गा ओर पुरषों को इन्फॉर्मेशन बोर्डरकॉस्टिंग नारदमुनी.
उन्होंने कहा कि मुझे हैरानी होती है कि आज के दौर में नौजवान दहेज मांग रहे हैं, जैसे वो लोग बिकने की चीज हों. उन्होंने कहा कि इसरो में भी महिलाएं ज्यादा हैं और सारा कठिन कार्य उन्हीं के पास है. शारीरिक शक्ति के आधार पर जो महिलाओं से दुर्व्यवहार करता है वह क्रिमिनल है.